नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के लीडिंग लेंडर केनरा बैंक ने अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी और उसकी सहायक कंपनी को धोखाधड़ी वाले खातों के रूप में वर्गीकृत किया है. कंपनी ने कहा कि उसके परिचालन पर कोई असर पड़ने की उम्मीद नहीं है क्योंकि यह कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है, जो इसे किसी भी कार्यवाही से बचाती है.
बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन खाते को धोखाधड़ी घोषित करने के लिए एक नोटिस जारी किया है. साथ ही पैसों का दुरुपयोग का आरोप लगाया है. केनरा बैंक का यह फैसला फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में धोखाधड़ी वाले लेनदेन को उजागर करने के बाद आया है. बैंक ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस का पहले के कारण बताओ नोटिस का जवाब असंतोषजनक था, जिसके कारण खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया.
इसके अलावा लिए गए लोन को म्यूचुअल फंड और अचल संपत्तियों में निवेश किया गया था, जिन्हें संबंधित और गैर-संबंधित पक्षों को भुगतान करने के लिए तुरंत समाप्त कर दिया गया था. बैंक ने 18 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को खातों को धोखाधड़ी के रूप में रिपोर्ट किया गया था.
केनरा बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को 1,050 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. मार्च 2017 में कंपनी नॉन परफॉर्मिंग अकाउंट की स्थिति में चली गई. इसके बाद, एरिक्सन इंडिया ने कंपनी के खिलाफ दिवालियेपन की प्रक्रिया शुरू की, जिसके कारण मई 2018 में कंपनी को कॉर्पोरेट दिवालियेपन समाधान प्रक्रिया (CIRP) में शामिल होना पड़ा.