नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को सुबह 11 बजे अंतरिम बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री का ये छठा बजट होगा. बजट 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले है और इसलिए यह अंतरिम बजट के नाम से जाना जा रहा है. बता दें कि चुनावी साल के दौरान पेश होने वाले बजट तो अंतरिम या वोट-ऑन अकांउट बजट के नाम से जानते है.
आजादी के बाद से केंद्रीय बजट के विकास पर एक नजर डालें,
- ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ काम करने वाले स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश काल के दौरान 1860 में भारत का पहला अंतरिम बजट पेश किया था.
- 1947 में, आरके शनमुखम चेट्टी ने भारत का पहला अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें फूड ग्रेन की कमी, बढ़ते आयात और बड़े पैमाने पर मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया गया था.
- केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2001 में कोलोनियल परंपरा को तोड़ते हुए बजट की घोषणा का समय शाम 5:00 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था.
- 2016 तक बजट फरवरी के लास्ट वर्किंग डे पर पेश किया जाता था.
- 2019 में, निर्मला सीतारमण ने बजट की विजुअल स्टोरी को बदल दिया. इसे पारंपरिक ब्रीफकेस को 'बही खाता' से बदल दिया गया.
- पेपरलेस बजट की ओर कदम ने 2021 में एक महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव को चिह्नित किया.
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में भारत के इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण दिया है, दो घंटे और 42 मिनट तक दिया था. हालांकि, भाषण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वर्ड काउंट रिकॉर्ड से कम रहा.
- 1950 में वित्त मंत्री जॉन मथाई के कार्यकाल में केंद्रीय बजट लीक हो गया था.
- 1980 के बाद बजट प्रिंटिंग की प्रक्रिया राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड पर ट्रांसफर कर दी गई.
- द्विभाषी प्रस्तुति (बाइलिंगुअल प्रेजेंटेशन) की ओर बदलाव 1955-56 में हुआ, जिसमें बजट अंग्रेजी और हिंदी दोनों में प्रिंट किए जाने लगे