नई दिल्ली: हाल के दिनों में डीपफेक देश के लिए बड़ा मुद्दा बन के उभरा है. देश के कई जाने-माने चेहरे डीपफेक के शिकार हो चुके है. अब ताजा मामला निवेशक और एमके वेंचर्स के संस्थापक मधुसूदन केला का हैं. मधुसूदन केला का डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जहां केला निवेशकों को भारी रिटर्न देने का वादा करते हुए दिखाई दे रहे है.
मधुसूदन केला ने किया ट्वीट
इस वीडियो के वायरल होने के बाद मधुसूदन केला ने अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर लोगों को चेतावनी दी हैं. केला ने ट्वीट कर लिखा कि सोशल मीडिया पर उनका एक फर्जी वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बड़े रिटर्न का वादा किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि फर्जी वीडियो जो कि एआई से बना हुआ है (मेरे मौजूदा वीडियो पर वॉयसओवर) इंस्टाग्राम/एफबी जैसी विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर दावा/झूठी जानकारी और निवेश रिटर्न का वादा करते हुए प्रसारित किया जा रहा है.
मधुसूदन केला ने कहा कि मैंने ऐसा कोई दावा या वादा नहीं किया है और मैं इन संचारों का समर्थन नहीं करता हूं. मैं इसके लिए कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया में हूं. आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे वीडियो के आधार पर निवेश न करें और कृपया वीडियो की रिपोर्ट करें और इसे आगे फॉरवर्ड या शेयर न करें. इसके साथ ही उन्होंने ने पोस्ट में सेबी और स्टॉक एक्सचेंज जैसे संबंधित अधिकारियों को टैग किया है और सभी से इस नकली वीडियो को साझा करना बंद करने का आग्रह किया है.
डीपफेक क्या हैं?
डीपफेक सिंथेटिक मीडिया का एक रूप है जिसे सावधानीपूर्वक किसी वास्तविक व्यक्ति की आवाज, उपस्थिति या कार्यों से मिलता जुलता बनाया गया है. ये तकनीकी रूप से मशीन लर्निंग (एमएल) के एक उपसमूह, जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के दायरे में आती हैं. इसमें डेटासेट के जटिल पैटर्न और यूनिक फीचर को सीखने के लिए प्रशिक्षण एल्गोरिदम शामिल हैं, जिसमें किसी वास्तविक व्यक्ति के वीडियो फुटेज या ऑडियो रिकॉर्डिंग शामिल हो सकते हैं.
नारायण मूर्ति बने भी हो चुके है शिकार
इससे पहले इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति भी डीपफेक का शिकार हो चुके है. कुछ समय पहले नारायण मूर्ति के दो नए डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे थे, जिसमें वह एक इन्वेस्टमेंट मंच क्वांटम एआई का एड करते दिख रहे थे. फर्जी वीडियो में मूर्ति को यह दावा करते हुए दिखाया गया था कि इस नई तकनीक का उपयोगकर्ता पहले कार्य दिवस पर 3,000 डॉलर (लगभग 2.5 लाख रुपये) कमा सकेगा.
रतन टाटा भी हुए शिकार
टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का भी एक वीडियो सोशल मीडिया पर कुछ समय पहले वायरल किया गया था, जिसमें उनकी पहचान का गलत यूज किया गया था.