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2024 का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण अप्रैल में; 50 साल बाद बना अद्भुत योग, 5 मिनट तक दिखाई देगा - solar eclipse 2024

साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है. कई मायने में यह खगोलीय घटना काफी खास मानी जा रही है. इस पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के खगोलविदों और ज्योतिषविदों ने विस्तार से जानकारी दी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 10:10 AM IST

Updated : Mar 28, 2024, 12:01 PM IST

SOLAR ECLIPSE 2024

वाराणसी : साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है. करीब 50 साल बाद ऐसी अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के खगोलविद के अनुसार यह सबसे लंबा सूर्यग्रहण होगा. इस घटना का प्रभाव जानवरों और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. नासा के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च करेंगे. बीएचयू के ज्योतिष भी इसे महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं. इस दौरान कई ग्रहों के साथ ही धूमकेतु को भी देखा जा सकेगा. हालांकि भारत में यह सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा. इसकी वजह से राशियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सूर्यग्रहण को नासा की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

चैत्र अमावस्या पर 8 अप्रैल को यह सूर्यग्रहण लगने वाला है. ये साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण होगा. जानकारों का कहना है कि सूर्यग्रहण मीन राशि, स्वाती नक्षत्र में लगेगा. यह उत्तरी अमेरिका, पश्चिम यूरोप, उत्तर दक्षिण अमेरिका, आर्कटिक सहित कई स्थानों पर देखा जा सकेगा. पूर्ण सूर्यग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा.

ज्योतिषविदों का कहना है कि इस पूर्ण सूर्यग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच एक ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर जाने से रोक देता है. चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है. ऐसे में पूर्ण सूर्यग्रहण होता है.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

4 मिनट 27 सेकेंड का पूर्ण सूर्यग्रहण : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अभय कुमार सिंह बताते हैं कि पूर्ण सूर्यग्रहण 8 अप्रैल 2024 को आने वाला है. यह घटना बहुत ही महत्वपूर्ण है.यह 50 साल के बाद उत्तरी अमेरिका में होगी. उत्तरी अमेरिका के तीन महत्वपूर्ण देश हैं, मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा. यह सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर से चलेगा और फिर मैक्सिको में जाएगा. बताया जा रहा है कि 50 साल बाद ऐसा योग बन रहा जब करीब 5 मिनट तक सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है.

मैक्सिको से गुजरते हुए अमेरिका के टलास, टेक्सास होते हुए कनाडा में जाएगा. कनाडा में भी बहुत से स्थानों से होते हुए यह ऊपर की ओर जाएगा. आर्कटिक सागर से होते हुए यह निकल जाएगा. यह 4 मिनट 27 सेकेंड का पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. आंशिक रूप से यह पूरे अमेरिका में दिखाई देगा.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

50 साल बाद दिखेगी यह अद्भुत घटना : प्रोफेसर ने बताया कि अमेरिका में दिखाई देने का साथ ही आंशिक रूप से यह पनामा में भी दिखाई देगा. इसके साथ ही ब्राजील में भी इसी तरह से दिखाई देगा. यूरोप में नार्वे, फिनलैंड, आइसलैंड और ग्रेट ब्रिटेन से होकर यह निकलेगा. यह खगोलीय दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है.

कनाडा और नार्थ अमेरिका में करीब-करीब 50 साल बाद यह दिखाई देगा. अमेरिका में भी यह घटना करीब 8 साल बाद दिखाई देगी. यह पूर्ण सूर्यग्रहण काफी लंबे समय का भी है तो ऐसे में बहुत सारा रिसर्च भी होगा. इसके लिए नासा की पूरी टीम लग गई है. टीम अलग-अलग तरीके से इस घटना को बारे में विश्लेषण करेगी.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

नासा के वैज्ञानिक असर पर करेंगे रिसर्च : प्रोफेसर ने बताया कि इस खगोलीय घटना का प्रभाव वायुमंडल पर किस तरह का पड़ रहा है, आयन मंडल पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ ही इस घटना का पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, ये सभी चीजें नासा की टीम द्वारा देखी जाएंगी. कई वैज्ञानिक इसके लिए लगे हुए हैं.

जून 2020 में भारत में डायमंड रिंग भी दिखा था. यह तब दिखाई देता है जब पूर्ण सूर्यग्रहण हो जाता है. इसके पहले भी 2009 में डायमंड रिंग आया था. सुबह 5:26 पर यह बनारस में दिखाई दिया था. उस समय पक्षियों को काफी परेशानी हुई थी. यह जानवरों के लिए बहुत ही सेंसिटिव होता है.

जानवरों के साथ-साथ हेल्थ पर पड़ेगा प्रभाव : प्रोफेसर ने बताया कि आसमान में जब डायमंड रिंग बनता है तो पक्षियों को रात का अनुभव होने लगता है. ऐसे में वे घबरा जाते हैं. जानवर भी इधर-उधर दौड़ने लगते हैं. अचानक से वे विचलित हो जाते हैं. इस दौरान बहुत से पक्षी चुंबकीय प्रभाव के कारण अपना रास्ता भूल जाते हैं. ऐसे में पूर्ण सूर्यग्रहण हेल्थ पर भी असर करेगा.

इस दौरान बहुत सी अलग-अलग तरह की किरणें भी निकलती हैं जो हमारे रेटिना को भी प्रभावित करती हैं. इसीलिए कहा जाता है कि पूर्ण सूर्यग्रहण को कभी भी खाली आंखों से न देखें. उस समय काले चश्मे का प्रयोग करें. मगर इस बार यह भारत में नहीं दिखाई देगा.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

भारत में राशियों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमित शुक्ला बताते हैं कि सूर्य ग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं होगा. यह भारत के समय के अनुसार रात के 9:12 बजे लगेगा. इसका मोक्ष रात में 2:22 पर होगा. इसका प्रभाव उत्तरी अमेरिका, पश्चिम यूरोप, उत्तर दक्षिण अमेरिका, आर्कटिक सहित कई स्थानों पर देखा जा सकेगा.

राशियों पर प्रभाव पड़ने की बात है तो जब यह देश में दिखेगा ही नहीं तो राशियों पर कोई प्रभाव ही नहीं पड़ेगा. ग्रहण का प्रभाव तब होता है जब वह दृश्य दिखेगा. जहां पर दिखेगा वहां इसका प्रभाव पड़ता है. जिस स्थान पर यह ग्रहण लगता है वहां पर राजनीतिक उथल-पुथल जैसी घटनाएं देखने को मिलती हैं.

यहां देख सकेंगे सूर्यग्रहण : इस साल के पहले सूर्यग्रहण की यह घटना नासा एक्लिप्स वेबसाइट (https://science.nasa.gov/eclipses/) पर देख सकते हैं.

यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने 4 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, रायबरेली-अमेठी में अभी इंतजार, सीतापुर से नकुल दुबे प्रत्याशी

SOLAR ECLIPSE 2024

वाराणसी : साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है. करीब 50 साल बाद ऐसी अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के खगोलविद के अनुसार यह सबसे लंबा सूर्यग्रहण होगा. इस घटना का प्रभाव जानवरों और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. नासा के वैज्ञानिक इस पर रिसर्च करेंगे. बीएचयू के ज्योतिष भी इसे महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं. इस दौरान कई ग्रहों के साथ ही धूमकेतु को भी देखा जा सकेगा. हालांकि भारत में यह सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा. इसकी वजह से राशियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सूर्यग्रहण को नासा की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

चैत्र अमावस्या पर 8 अप्रैल को यह सूर्यग्रहण लगने वाला है. ये साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण होगा. जानकारों का कहना है कि सूर्यग्रहण मीन राशि, स्वाती नक्षत्र में लगेगा. यह उत्तरी अमेरिका, पश्चिम यूरोप, उत्तर दक्षिण अमेरिका, आर्कटिक सहित कई स्थानों पर देखा जा सकेगा. पूर्ण सूर्यग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा.

ज्योतिषविदों का कहना है कि इस पूर्ण सूर्यग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच एक ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर जाने से रोक देता है. चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है. ऐसे में पूर्ण सूर्यग्रहण होता है.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

4 मिनट 27 सेकेंड का पूर्ण सूर्यग्रहण : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अभय कुमार सिंह बताते हैं कि पूर्ण सूर्यग्रहण 8 अप्रैल 2024 को आने वाला है. यह घटना बहुत ही महत्वपूर्ण है.यह 50 साल के बाद उत्तरी अमेरिका में होगी. उत्तरी अमेरिका के तीन महत्वपूर्ण देश हैं, मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा. यह सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर से चलेगा और फिर मैक्सिको में जाएगा. बताया जा रहा है कि 50 साल बाद ऐसा योग बन रहा जब करीब 5 मिनट तक सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है.

मैक्सिको से गुजरते हुए अमेरिका के टलास, टेक्सास होते हुए कनाडा में जाएगा. कनाडा में भी बहुत से स्थानों से होते हुए यह ऊपर की ओर जाएगा. आर्कटिक सागर से होते हुए यह निकल जाएगा. यह 4 मिनट 27 सेकेंड का पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. आंशिक रूप से यह पूरे अमेरिका में दिखाई देगा.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

50 साल बाद दिखेगी यह अद्भुत घटना : प्रोफेसर ने बताया कि अमेरिका में दिखाई देने का साथ ही आंशिक रूप से यह पनामा में भी दिखाई देगा. इसके साथ ही ब्राजील में भी इसी तरह से दिखाई देगा. यूरोप में नार्वे, फिनलैंड, आइसलैंड और ग्रेट ब्रिटेन से होकर यह निकलेगा. यह खगोलीय दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण घटना है.

कनाडा और नार्थ अमेरिका में करीब-करीब 50 साल बाद यह दिखाई देगा. अमेरिका में भी यह घटना करीब 8 साल बाद दिखाई देगी. यह पूर्ण सूर्यग्रहण काफी लंबे समय का भी है तो ऐसे में बहुत सारा रिसर्च भी होगा. इसके लिए नासा की पूरी टीम लग गई है. टीम अलग-अलग तरीके से इस घटना को बारे में विश्लेषण करेगी.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

नासा के वैज्ञानिक असर पर करेंगे रिसर्च : प्रोफेसर ने बताया कि इस खगोलीय घटना का प्रभाव वायुमंडल पर किस तरह का पड़ रहा है, आयन मंडल पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ ही इस घटना का पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, ये सभी चीजें नासा की टीम द्वारा देखी जाएंगी. कई वैज्ञानिक इसके लिए लगे हुए हैं.

जून 2020 में भारत में डायमंड रिंग भी दिखा था. यह तब दिखाई देता है जब पूर्ण सूर्यग्रहण हो जाता है. इसके पहले भी 2009 में डायमंड रिंग आया था. सुबह 5:26 पर यह बनारस में दिखाई दिया था. उस समय पक्षियों को काफी परेशानी हुई थी. यह जानवरों के लिए बहुत ही सेंसिटिव होता है.

जानवरों के साथ-साथ हेल्थ पर पड़ेगा प्रभाव : प्रोफेसर ने बताया कि आसमान में जब डायमंड रिंग बनता है तो पक्षियों को रात का अनुभव होने लगता है. ऐसे में वे घबरा जाते हैं. जानवर भी इधर-उधर दौड़ने लगते हैं. अचानक से वे विचलित हो जाते हैं. इस दौरान बहुत से पक्षी चुंबकीय प्रभाव के कारण अपना रास्ता भूल जाते हैं. ऐसे में पूर्ण सूर्यग्रहण हेल्थ पर भी असर करेगा.

इस दौरान बहुत सी अलग-अलग तरह की किरणें भी निकलती हैं जो हमारे रेटिना को भी प्रभावित करती हैं. इसीलिए कहा जाता है कि पूर्ण सूर्यग्रहण को कभी भी खाली आंखों से न देखें. उस समय काले चश्मे का प्रयोग करें. मगर इस बार यह भारत में नहीं दिखाई देगा.

solar eclipse 2024
solar eclipse 2024

भारत में राशियों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमित शुक्ला बताते हैं कि सूर्य ग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं होगा. यह भारत के समय के अनुसार रात के 9:12 बजे लगेगा. इसका मोक्ष रात में 2:22 पर होगा. इसका प्रभाव उत्तरी अमेरिका, पश्चिम यूरोप, उत्तर दक्षिण अमेरिका, आर्कटिक सहित कई स्थानों पर देखा जा सकेगा.

राशियों पर प्रभाव पड़ने की बात है तो जब यह देश में दिखेगा ही नहीं तो राशियों पर कोई प्रभाव ही नहीं पड़ेगा. ग्रहण का प्रभाव तब होता है जब वह दृश्य दिखेगा. जहां पर दिखेगा वहां इसका प्रभाव पड़ता है. जिस स्थान पर यह ग्रहण लगता है वहां पर राजनीतिक उथल-पुथल जैसी घटनाएं देखने को मिलती हैं.

यहां देख सकेंगे सूर्यग्रहण : इस साल के पहले सूर्यग्रहण की यह घटना नासा एक्लिप्स वेबसाइट (https://science.nasa.gov/eclipses/) पर देख सकते हैं.

यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने 4 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की, रायबरेली-अमेठी में अभी इंतजार, सीतापुर से नकुल दुबे प्रत्याशी

Last Updated : Mar 28, 2024, 12:01 PM IST
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