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रिसर्च पर आधारित होती है होम्योपैथी दवा, रिपोर्ट में जानें होम्योपैथी की भ्रांतिया और सच - World Homeopathy Day 2024 - WORLD HOMEOPATHY DAY 2024

World Homeopathy Day 2024: आज यानी 10 अप्रैल को हर साल होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. जर्मन के चिकित्सक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. बता दें कि सबसे पहले 2005 में इस दिवस को मनाया गया था. होम्योपैथी बिना साइड इफेक्ट वाला उपचार माना जाता है.

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रिसर्च पर आधारित होती है होम्योपैथी दवा
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 10, 2024, 7:03 PM IST

Updated : Apr 10, 2024, 7:26 PM IST

रिसर्च पर आधारित होती है होम्योपैथी दवा

चंडीगढ़: आज के समय में होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जिससे बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. कोरोना के बाद से लोग और भी ज्यादा विश्वास होम्योपैथी पर करने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों को होम्योपैथी से साइड इफेक्ट होने के चांस काफी कम है. इतना ही नहीं होम्योपैथी विशेषज्ञों का कहना है कि होम्योपैथी से पुरानी से पुरानी बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है. इसको लेकर अब होम्योपैथी पर रिसर्च भी शुरू हो चुकी है. रिसर्च में कुछ मरीजों की हिस्ट्री भी देखी जाती है. उनकी भी जांच रिपोर्ट मंगवाई जा रही है. रिसर्च के बाद मरीजों को एकदम सटीक दवाएं भी दी जा रही है.

रिसर्च पर आधारित होती है होम्योपैथी दवा: होम्योपैथिक के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने बताया कि होम्योपैथी में कई डॉक्टर सिर्फ लक्षणों से ही काम चलाते हैं, यानी वो केवल मरीजों के लक्षणों की जांच करते हैं और उन्हें उसी के आधार पर दवा देते हैं. आज के समय मे बीमारियों में भी बदलाव आ रहे हैं और दवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है. इस वजह से जरूरी है कि मरीजों की जांच रिपोर्ट सामने आए. जिससे उसी बीमारी का इलाज किया जा सके जो मरीज को है.

अंग्रेजी दवा के नुकसान: होम्योपैथिक के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने बताया कि आज के समय में लोगों को यह पता नहीं चलता कि अगर वो एक बीमारी का इलाज करा रहे हैं तो कई और बीमारियां भी उन्हें हो जाती है. मॉडर्न मेडिसिन के इतने ज्यादा साइड इफेक्ट हैं कि लोगों को अगर पता चले तो वो अंग्रेजी दवा लेना ही बंद कर दें. अंग्रेजी दवा के फायदे एक या दो होते हैं, लेकिन इसके नुकसान कहीं ज्यादा होते हैं.

करोड़ों लोग खाते हैं डायबिटीज की दवा: उन्होंने बताया कि कल ही एक रिसर्च में पाया गया है कि चंडीगढ़ में हर दूसरा व्यक्ति फैटी लीवर है. जबकि भारत में हर रोज करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज की दवा खाते हैं. जिसके चलते हर साल एक-एक गोली अलग-अलग बीमारियों की बढ़ती जाएगी. अंग्रेजी दवा खाने के नुकसान ज्यादा और लाभ कम हैं. इसलिए बीमारियों से बचने के लिए होम्योपैथी के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने होम्योपैथी और आयुर्वेद को ही सही बताया है.

'होम्योपैथी नहीं करती नुकसान': होम्योपैथिक के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने बताया कि होम्योपैथी की गोली दो साल तक चलती है जबकि लिक्वीड अर्क पांच साल तक इस्तेमाल की जाती है. इन दवाओं को नियम से बनाया जाता है. ज्यादातर दवाइयां प्लांट बेस्ड होती है. आज के समय में लोगों में होम्योपैथी का विश्वास बढ़ा है और होम्योपैथी की दवा जल्दी असर भी करती है. जिसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते. इसलिए अंग्रेजी दवा से बचना चाहिए और होम्योपैथी की दवा का सेवन करना चाहिए.

होम्योपैथी की दवाओं को लेकर भ्रांतियां और सच

- इसका इलाज सहज और सरल है. इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं.

- ये दवाएं समय से काम करती हैं. पुराने रोगों को ठीक करने में थोड़ा समय लगता है.

- इन दवाओं से किडनी के स्टोन भी ठीक किए जाते हैं. ये पेट के इलाज में भी काम आती हैं.

- होम्योपैथी की दवाएं सिर्फ चर्म रोग या पेट के लिए ही नहीं बल्कि असाध्य रोगों के इलाज में भी सहायक होती हैं.

- होम्योपैथी की दवाओें में किसी हैवी मेटल या स्टेरॉयड का प्रयोग नहीं होता है.

- इसका असर पूरे शरीर पर होता है. आजकल लोगों में ग्लैमर का चस्का है इस वजह से इन दवाओं पर भरोसा नहीं करते हैं.

- इसकी लिक्विड और गोली दोनों की दवाएं समान होती हैं.

ये भी पढ़ें: सैम्युअल हैनीमेन होम्योपैथी के जनक नहीं, सिर्फ नया रूप दिया: डॉ. पारिक - World Homeopathy Day 2024

ये भी पढ़ें: 'होम्यो परिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार' थीम पर मन रहा है विश्व होम्योपैथी दिवस - World Homeopathy Day 2024

रिसर्च पर आधारित होती है होम्योपैथी दवा

चंडीगढ़: आज के समय में होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जिससे बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. कोरोना के बाद से लोग और भी ज्यादा विश्वास होम्योपैथी पर करने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि लोगों को होम्योपैथी से साइड इफेक्ट होने के चांस काफी कम है. इतना ही नहीं होम्योपैथी विशेषज्ञों का कहना है कि होम्योपैथी से पुरानी से पुरानी बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है. इसको लेकर अब होम्योपैथी पर रिसर्च भी शुरू हो चुकी है. रिसर्च में कुछ मरीजों की हिस्ट्री भी देखी जाती है. उनकी भी जांच रिपोर्ट मंगवाई जा रही है. रिसर्च के बाद मरीजों को एकदम सटीक दवाएं भी दी जा रही है.

रिसर्च पर आधारित होती है होम्योपैथी दवा: होम्योपैथिक के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने बताया कि होम्योपैथी में कई डॉक्टर सिर्फ लक्षणों से ही काम चलाते हैं, यानी वो केवल मरीजों के लक्षणों की जांच करते हैं और उन्हें उसी के आधार पर दवा देते हैं. आज के समय मे बीमारियों में भी बदलाव आ रहे हैं और दवाओं का भी विस्तार किया जा रहा है. इस वजह से जरूरी है कि मरीजों की जांच रिपोर्ट सामने आए. जिससे उसी बीमारी का इलाज किया जा सके जो मरीज को है.

अंग्रेजी दवा के नुकसान: होम्योपैथिक के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने बताया कि आज के समय में लोगों को यह पता नहीं चलता कि अगर वो एक बीमारी का इलाज करा रहे हैं तो कई और बीमारियां भी उन्हें हो जाती है. मॉडर्न मेडिसिन के इतने ज्यादा साइड इफेक्ट हैं कि लोगों को अगर पता चले तो वो अंग्रेजी दवा लेना ही बंद कर दें. अंग्रेजी दवा के फायदे एक या दो होते हैं, लेकिन इसके नुकसान कहीं ज्यादा होते हैं.

करोड़ों लोग खाते हैं डायबिटीज की दवा: उन्होंने बताया कि कल ही एक रिसर्च में पाया गया है कि चंडीगढ़ में हर दूसरा व्यक्ति फैटी लीवर है. जबकि भारत में हर रोज करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज की दवा खाते हैं. जिसके चलते हर साल एक-एक गोली अलग-अलग बीमारियों की बढ़ती जाएगी. अंग्रेजी दवा खाने के नुकसान ज्यादा और लाभ कम हैं. इसलिए बीमारियों से बचने के लिए होम्योपैथी के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने होम्योपैथी और आयुर्वेद को ही सही बताया है.

'होम्योपैथी नहीं करती नुकसान': होम्योपैथिक के शोधकर्ता डॉ. एच के खरबंदा ने बताया कि होम्योपैथी की गोली दो साल तक चलती है जबकि लिक्वीड अर्क पांच साल तक इस्तेमाल की जाती है. इन दवाओं को नियम से बनाया जाता है. ज्यादातर दवाइयां प्लांट बेस्ड होती है. आज के समय में लोगों में होम्योपैथी का विश्वास बढ़ा है और होम्योपैथी की दवा जल्दी असर भी करती है. जिसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते. इसलिए अंग्रेजी दवा से बचना चाहिए और होम्योपैथी की दवा का सेवन करना चाहिए.

होम्योपैथी की दवाओं को लेकर भ्रांतियां और सच

- इसका इलाज सहज और सरल है. इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं.

- ये दवाएं समय से काम करती हैं. पुराने रोगों को ठीक करने में थोड़ा समय लगता है.

- इन दवाओं से किडनी के स्टोन भी ठीक किए जाते हैं. ये पेट के इलाज में भी काम आती हैं.

- होम्योपैथी की दवाएं सिर्फ चर्म रोग या पेट के लिए ही नहीं बल्कि असाध्य रोगों के इलाज में भी सहायक होती हैं.

- होम्योपैथी की दवाओें में किसी हैवी मेटल या स्टेरॉयड का प्रयोग नहीं होता है.

- इसका असर पूरे शरीर पर होता है. आजकल लोगों में ग्लैमर का चस्का है इस वजह से इन दवाओं पर भरोसा नहीं करते हैं.

- इसकी लिक्विड और गोली दोनों की दवाएं समान होती हैं.

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Last Updated : Apr 10, 2024, 7:26 PM IST
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