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मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका, शराब घोटाले के CBI और ED केस में जमानत याचिका खारिज - Sisodia bail plea rejected - SISODIA BAIL PLEA REJECTED

Delhi Liquor Scam: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने शराब घोटाले के CBI और ED दोनों मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी. उनको अभी जेल में ही रहना होगा.

जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट में फैसला आज
जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट में फैसला आज (SOURCE: ETV BHARAT)
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By PTI

Published : May 21, 2024, 10:00 AM IST

Updated : May 21, 2024, 6:55 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी जेल से नहीं निकल पाएंगे. बीते 15 महीने से शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद सोसिदिया की जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया. कोर्ट ने CBI और ED दोनों मामले में देर शाम फैसला सुनाया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 14 मई को AAP नेता और सीबीआई-ईडी की ओर से दी गई दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

बहस के दौरान ED ने दलील दी थी कि वो दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगली (चार्जशीट) में आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी बनाएगी. 17 मई को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और AAP को भी आरोपी बनाया गया था.

सिसोदिया के लिए जमानत की मांग करते हुए उनके वकील ने कहा था कि ईडी और सीबीआई अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे के जल्द समापन का कोई सवाल ही नहीं है.

ईडी और सीबीआई दोनों ने इस आधार पर सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है कि मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए आरोपियों की ओर से खूब कोशिशें की जा रही हैं.

सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.

ट्रायल कोर्ट ने 2021-22 के लिए बनाई गई एक्साइज पॉलिसी मामले में अनियमितताएं बरतने पर सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि इस नीति को अब खत्म कर दिया गया है.

जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को "अवैध" लाभ पहुंचाया और जांच से बचने के लिए उनके खाते की किताबों में गलत एंट्री की गई.

जांच एजेंसियों के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. इस मामले में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.28 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.

ये भी पढ़ें- केजरीवाल और के कविता के खिलाफ ED की चार्जशीट पर कल भी जारी रहेगी सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी जेल से नहीं निकल पाएंगे. बीते 15 महीने से शराब घोटाले के आरोप में जेल में बंद सोसिदिया की जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया. कोर्ट ने CBI और ED दोनों मामले में देर शाम फैसला सुनाया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 14 मई को AAP नेता और सीबीआई-ईडी की ओर से दी गई दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

बहस के दौरान ED ने दलील दी थी कि वो दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगली (चार्जशीट) में आम आदमी पार्टी (AAP) को आरोपी बनाएगी. 17 मई को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और AAP को भी आरोपी बनाया गया था.

सिसोदिया के लिए जमानत की मांग करते हुए उनके वकील ने कहा था कि ईडी और सीबीआई अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे के जल्द समापन का कोई सवाल ही नहीं है.

ईडी और सीबीआई दोनों ने इस आधार पर सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया है कि मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए आरोपियों की ओर से खूब कोशिशें की जा रही हैं.

सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.

ट्रायल कोर्ट ने 2021-22 के लिए बनाई गई एक्साइज पॉलिसी मामले में अनियमितताएं बरतने पर सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि इस नीति को अब खत्म कर दिया गया है.

जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को "अवैध" लाभ पहुंचाया और जांच से बचने के लिए उनके खाते की किताबों में गलत एंट्री की गई.

जांच एजेंसियों के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. इस मामले में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.28 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.

ये भी पढ़ें- केजरीवाल और के कविता के खिलाफ ED की चार्जशीट पर कल भी जारी रहेगी सुनवाई

Last Updated : May 21, 2024, 6:55 PM IST
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