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क्या AIP जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह कर देगी हैरान? - Awami Ittehad party

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2024, 7:19 PM IST

Jammu Kashmir Assembly Elections: कश्मीर की बारामुल्ला सीट पर हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में AIP उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख उर्फ ​इंजीनियर रशीद ने बारामुल्ला सीट पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को करारी शिकस्त थी. ऐसे में सवाल उठा रहे हैं कि क्या पार्टी फिर से इस प्रदर्शन को दोहरा सकती है.

क्या AIP जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह कर देगी हैरान?
क्या AIP जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में लोकसभा की तरह कर देगी हैरान? (ETV bharat)

श्रीनगर: कश्मीर की बारामुल्ला सीट पर हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में मिली जीत से उत्साहित आवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) अब आगामी विधानसभा चुनावों में भी अपना प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में लगी है. चुनाव के लिए एआईपी ने अब तक 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी विधानसभा की 52 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी.

बता दें कि एआईपी उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख उर्फ ​इंजीनियर रशीद ने बारामुल्ला लोकसभा सीट से उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से अधिक मतों से हराया था. गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत तिहाड़ जेल में बंद होने के कारण, उनके बेटे अबरार राशिद और असरार ने उनका प्रचार किया था. उस दौरान उन्होंने मतदाताओं से अपने कैद पिता के लिए वोट देने का आग्रह किया.

एआईपी ने पुलवामा और अनंतनाग सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं, जिन्हें 2019 तक आतंकवाद का गढ़ माना जाता था. चुनावी तौर पर इन्हें 2014 तक पीडीपी का गढ़ माना जाता था. इस संबंध में अबरार ने कहा कि वह दक्षिण कश्मीर की सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे और उम्मीद जताई कि उनके पिता का फैक्टर चुनाव में काम आएगा.

इस बीच नाम न बताने की शर्त पर एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि इंजीनियर राशिद की 'लहर' का असर दक्षिण कश्मीर की सीटों पर नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मतदाता विधानसभा चुनावों में स्थानीय चेहरों और स्थानीय उम्मीदवारों को तरजीह देंगे, क्योंकि वे उनसे व्यक्तिगत संबंध और स्थानीय कारक के लिहाज से जुड़े होते हैं."

जमीन पर कर रहे मेहनत
अबरार ने ईटीवी भारत से कहा, "हमें अच्छा रेस्पांस मिल रहा है और हमारे उम्मीदवार जमीन पर काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि दक्षिण और मध्य कश्मीर के मतदाता हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे." उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि हम कितनी सीटें जीतेंगे, क्योंकि हमने अभी तक कोई विश्लेषण नहीं किया है. इंजीनियर राशिद पहले विधानसभा में थे और अब हम विधानसभा में 50 इंजीनियर राशिद (विधायक) भेजेंगे, जिसके लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं."

पार्टी ने उम्मीदवार के नाम
एआईपी ने 18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए अनंतनाग से तौसीफ निसार, अनंतनाग पश्चिम से अकीब मुश्ताक, देवसर, कुलगाम से सुहैल भट, डीएच पोरा, कुलगाम से मोहम्मद आरिफ डार, डूरू से हिलाल अहमद मलिक, पंपोर से अब्दुल कयूम मीर, पुलवामा से सोफी इकबाल, त्राल से हरबख्श सिंह, जैनापोरा से मोलवी फैयाज वागे, शोपियां से राजा वहीद और कोकरनाग (एसटी) से गुज्जर कार्यकर्ता चौधरी अनवर पहम्दा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

दूसरे चरण के लिए पार्टी ने गंदेरबल से प्रमुख व्यापारी शेख आशिक, कंगन से एडवोकेट राजा अशरफ अली खान, हजरतबल से मुहम्मद मकबूल बेग, हब्बा कदल से पूर्व ट्रेड यूनियन नेता इरशाद कादरी, चरार-ए-शरीफ से एडवोकेट जावेद अहमद हुब्बी, वागूरी-क्रीरी से पूर्व वनस्पति विज्ञान के व्याख्याता नसीर अहमद राथर, बांदीपुरा से प्रिंस परवेज. बारामुल्ला से पूर्व कांग्रेस विधायक शोएब लोन और बांदीपुरा के सोनावारी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व पीडीपी एमएलसी यासिर रेशी को उम्मीदवार बनाया है.

एनसी और पीडीपी मुकाबला
शोपियां निवासी याकूब अली ने ईटीवी भारत से कहा, "यहां मुकाबला एनसी और पीडीपी के बीच है. ये दक्षिण कश्मीर की पारंपरिक पार्टियां हैं, जिनके उम्मीदवार लोगों को पता हैं. चुनाव में गठबंधन का फैक्टर एनसी-कांग्रेस के लिए काम करेगा, इंजीनियर राशिद के लिए नहीं." उन्होंने कहा कि संसद चुनाव के दौरान भावनात्मक रूप से अबरार राशिद के पक्ष में जाने वाले और उनकी रैलियों में अधिक संख्या में आए युवाओं की विधानसभा चुनाव के लिए राय अलग है. अब भावनात्मक वोट नहीं मिलेगा.

अनंतनाग के युवा उमर अहमद ने ईटीवी भारत से कहा कि उस समय (लोकसभा चुनाव में) लोगों ने उनका समर्थन किया था क्योंकि उनके बेटे ने लोगों से अपने पिता के लिए वोट देने की अपील की थी ताकि वे जेल से रिहा हो जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि लोगों ने समझा कि जेल से बाहर आना कानूनी लड़ाई है. अब यह पूरे जम्मू-कश्मीर का मामला है, हम यहां खंडित जनादेश नहीं चाहते हैं

AIP का संगठनात्मक ढांचा
एआईपी की राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष इश्तियाक कादरी ने कहा कि वे कश्मीर और जम्मू में 52 सीटों पर उम्मीदवार उतार रहे हैं. पूर्व ट्रेड यूनियन नेता कादरी ने कहा कि एआईपी को उम्मीद है कि पूरे कश्मीर में भी पार्टी वैसा ही प्रदर्शन करेगी जैसा बारामुल्ला संसदीय सीट पर किया.

कादरी से जब पूछा गया कि विपक्षी दल एआईपी को निशाना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा, "हमारे विरोधी दलों के पास उनके खिलाफ बोलने के लिए कुछ नहीं है, सिवाय उन्हें भाजपा का एजेंट बताने के. उनकी असुरक्षा उन्हें ऐसे आरोप लगाने के लिए मजबूर करती है."

एआईपी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने ईटीवी भारत से कहा, "हमने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के चचेरे भाई सरवर मुफ्ती को बजेहरा-श्रीगुफवारा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन आखिरी समय में सरवर पीडीपी में शामिल हो गए और हमारे पास तत्काल कोई अन्य विकल्प नहीं है."

पार्टी से जुड़े थे युवा
इंजीनियर राशिद ने 2008 में स्थापित अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) में दर्जनों युवा सामाजिक और महत्वाकांक्षी कार्यकर्ता शामिल हुए थे. हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी, क्योंकि उन्हें कोई राजनीतिक भविष्य नहीं मिला. एआईपी के एक पूर्व सदस्य ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें पार्टी का कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं मिला, जो अपनी स्थापना के समय भावनाओं पर सवार थी और आज भी वही प्रयोग दोहरा रही है.

पूर्व सदस्य ने कहा कि एआईपी अब प्रिंस परवेज, इश्तियाक कादरी, फिरदौस बाबा सहित कुछ लोगों का एक अराजक समूह है जो इसके मामलों को चलाते हैं. हाल ही में, इसके पूर्व कार्यकर्ता इनाम-उ-नबी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता के रूप में वापस आ गए हैं.

यह भी पढ़ें- सीएम ममता बनर्जी ने खोला बड़ा राज! पीड़ित महिला डॉक्टर के परिवार को मुहैया कराई थी CCTV फुटेज

श्रीनगर: कश्मीर की बारामुल्ला सीट पर हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में मिली जीत से उत्साहित आवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) अब आगामी विधानसभा चुनावों में भी अपना प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में लगी है. चुनाव के लिए एआईपी ने अब तक 22 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. पार्टी विधानसभा की 52 सीट पर उम्मीदवार उतारेगी.

बता दें कि एआईपी उम्मीदवार अब्दुल रशीद शेख उर्फ ​इंजीनियर रशीद ने बारामुल्ला लोकसभा सीट से उमर अब्दुल्ला को 2 लाख से अधिक मतों से हराया था. गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत तिहाड़ जेल में बंद होने के कारण, उनके बेटे अबरार राशिद और असरार ने उनका प्रचार किया था. उस दौरान उन्होंने मतदाताओं से अपने कैद पिता के लिए वोट देने का आग्रह किया.

एआईपी ने पुलवामा और अनंतनाग सीटों पर भी उम्मीदवार उतारे हैं, जिन्हें 2019 तक आतंकवाद का गढ़ माना जाता था. चुनावी तौर पर इन्हें 2014 तक पीडीपी का गढ़ माना जाता था. इस संबंध में अबरार ने कहा कि वह दक्षिण कश्मीर की सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे और उम्मीद जताई कि उनके पिता का फैक्टर चुनाव में काम आएगा.

इस बीच नाम न बताने की शर्त पर एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि इंजीनियर राशिद की 'लहर' का असर दक्षिण कश्मीर की सीटों पर नहीं होगा. उन्होंने कहा, "मतदाता विधानसभा चुनावों में स्थानीय चेहरों और स्थानीय उम्मीदवारों को तरजीह देंगे, क्योंकि वे उनसे व्यक्तिगत संबंध और स्थानीय कारक के लिहाज से जुड़े होते हैं."

जमीन पर कर रहे मेहनत
अबरार ने ईटीवी भारत से कहा, "हमें अच्छा रेस्पांस मिल रहा है और हमारे उम्मीदवार जमीन पर काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि दक्षिण और मध्य कश्मीर के मतदाता हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे." उन्होंने कहा, "हमें नहीं पता कि हम कितनी सीटें जीतेंगे, क्योंकि हमने अभी तक कोई विश्लेषण नहीं किया है. इंजीनियर राशिद पहले विधानसभा में थे और अब हम विधानसभा में 50 इंजीनियर राशिद (विधायक) भेजेंगे, जिसके लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं."

पार्टी ने उम्मीदवार के नाम
एआईपी ने 18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए अनंतनाग से तौसीफ निसार, अनंतनाग पश्चिम से अकीब मुश्ताक, देवसर, कुलगाम से सुहैल भट, डीएच पोरा, कुलगाम से मोहम्मद आरिफ डार, डूरू से हिलाल अहमद मलिक, पंपोर से अब्दुल कयूम मीर, पुलवामा से सोफी इकबाल, त्राल से हरबख्श सिंह, जैनापोरा से मोलवी फैयाज वागे, शोपियां से राजा वहीद और कोकरनाग (एसटी) से गुज्जर कार्यकर्ता चौधरी अनवर पहम्दा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

दूसरे चरण के लिए पार्टी ने गंदेरबल से प्रमुख व्यापारी शेख आशिक, कंगन से एडवोकेट राजा अशरफ अली खान, हजरतबल से मुहम्मद मकबूल बेग, हब्बा कदल से पूर्व ट्रेड यूनियन नेता इरशाद कादरी, चरार-ए-शरीफ से एडवोकेट जावेद अहमद हुब्बी, वागूरी-क्रीरी से पूर्व वनस्पति विज्ञान के व्याख्याता नसीर अहमद राथर, बांदीपुरा से प्रिंस परवेज. बारामुल्ला से पूर्व कांग्रेस विधायक शोएब लोन और बांदीपुरा के सोनावारी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व पीडीपी एमएलसी यासिर रेशी को उम्मीदवार बनाया है.

एनसी और पीडीपी मुकाबला
शोपियां निवासी याकूब अली ने ईटीवी भारत से कहा, "यहां मुकाबला एनसी और पीडीपी के बीच है. ये दक्षिण कश्मीर की पारंपरिक पार्टियां हैं, जिनके उम्मीदवार लोगों को पता हैं. चुनाव में गठबंधन का फैक्टर एनसी-कांग्रेस के लिए काम करेगा, इंजीनियर राशिद के लिए नहीं." उन्होंने कहा कि संसद चुनाव के दौरान भावनात्मक रूप से अबरार राशिद के पक्ष में जाने वाले और उनकी रैलियों में अधिक संख्या में आए युवाओं की विधानसभा चुनाव के लिए राय अलग है. अब भावनात्मक वोट नहीं मिलेगा.

अनंतनाग के युवा उमर अहमद ने ईटीवी भारत से कहा कि उस समय (लोकसभा चुनाव में) लोगों ने उनका समर्थन किया था क्योंकि उनके बेटे ने लोगों से अपने पिता के लिए वोट देने की अपील की थी ताकि वे जेल से रिहा हो जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि लोगों ने समझा कि जेल से बाहर आना कानूनी लड़ाई है. अब यह पूरे जम्मू-कश्मीर का मामला है, हम यहां खंडित जनादेश नहीं चाहते हैं

AIP का संगठनात्मक ढांचा
एआईपी की राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष इश्तियाक कादरी ने कहा कि वे कश्मीर और जम्मू में 52 सीटों पर उम्मीदवार उतार रहे हैं. पूर्व ट्रेड यूनियन नेता कादरी ने कहा कि एआईपी को उम्मीद है कि पूरे कश्मीर में भी पार्टी वैसा ही प्रदर्शन करेगी जैसा बारामुल्ला संसदीय सीट पर किया.

कादरी से जब पूछा गया कि विपक्षी दल एआईपी को निशाना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा, "हमारे विरोधी दलों के पास उनके खिलाफ बोलने के लिए कुछ नहीं है, सिवाय उन्हें भाजपा का एजेंट बताने के. उनकी असुरक्षा उन्हें ऐसे आरोप लगाने के लिए मजबूर करती है."

एआईपी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने ईटीवी भारत से कहा, "हमने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के चचेरे भाई सरवर मुफ्ती को बजेहरा-श्रीगुफवारा सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन आखिरी समय में सरवर पीडीपी में शामिल हो गए और हमारे पास तत्काल कोई अन्य विकल्प नहीं है."

पार्टी से जुड़े थे युवा
इंजीनियर राशिद ने 2008 में स्थापित अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) में दर्जनों युवा सामाजिक और महत्वाकांक्षी कार्यकर्ता शामिल हुए थे. हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी, क्योंकि उन्हें कोई राजनीतिक भविष्य नहीं मिला. एआईपी के एक पूर्व सदस्य ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें पार्टी का कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं मिला, जो अपनी स्थापना के समय भावनाओं पर सवार थी और आज भी वही प्रयोग दोहरा रही है.

पूर्व सदस्य ने कहा कि एआईपी अब प्रिंस परवेज, इश्तियाक कादरी, फिरदौस बाबा सहित कुछ लोगों का एक अराजक समूह है जो इसके मामलों को चलाते हैं. हाल ही में, इसके पूर्व कार्यकर्ता इनाम-उ-नबी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता के रूप में वापस आ गए हैं.

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