चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव के छठे चरण में हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर वोटिंग ख़त्म हो चुकी है. प्रदेश में इस बार 2014 और 2019 के मुकाबले मतदान का प्रतिशत कम रहा है. 2019 में हरियाणा में 74.3% मतदान दर्ज किया गया था, जबकि 2014 में हरियाणा में 71.4% मतदान दर्ज किया गया था. हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में 10 लोकसभा और करनाल विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव शांतिपूर्ण रहा. उनके मुताबिक हरियाणा में लगभग 65 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि करनाल विधानसभा सीट पर 57.8 प्रतिशत मतदान हुआ है लेकिन अभी फाइनल डेटा रिलीज़ नहीं किया गया है. ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है. वहीं वोटिंग होने के बाद अब सबसे बड़ा और अहम सवाल है कि आखिर कौन चुनाव जीतेगा. वोटिंग जो हुई है, उसके क्या मायने निकाले जाए और किसके पक्ष में हवा बहती हुई नज़र आ रही है. 4 जून को किसका जलवा रहेगा और कहां सन्नाटा छा जाएगा.
मतदान खत्म : अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में कुल 20,031 मतदान केंद्र बनाए गए थे. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक रात 8 बजे तक सिरसा संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा 69 प्रतिशत मतदान हुआ है. वहीं अंबाला लोकसभा क्षेत्र में 66.9 प्रतिशत, कुरूक्षेत्र में 66.2 प्रतिशत, फरीदाबाद में 59.7 प्रतिशत, हिसार में 64.6 प्रतिशत, सोनीपत में 62.2 प्रतिशत, रोहतक में 64.5 प्रतिशत, भिवानी-महेन्द्रगढ़ में 65.2 प्रतिशत, करनाल में 63.2 प्रतिशत और गुड़गांव में 60.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया लेकिन काउंटिंग पूरी तरह समाप्त होने के बाद फाइनल ऑफिशियल डेटा चुनाव आयोग जारी करेगा.
कुरुक्षेत्र में कौन जीतेगा "रण" ? : कुरुक्षेत्र के 'महाभारत' में इस बार त्रिकोणीय लड़ाई है. कांग्रेस छोड़कर आए नवीन जिंदल को बीजेपी ने टिकट दिया था. उनके सामने इंडी गठबंधन के उम्मीदवार सुशील गुप्ता थे जिन्हें कांग्रेस का सपोर्ट हासिल था. वहीं इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने भी चुनाव लड़ा जिन्हें किसान यूनियन का समर्थन हासिल है. इसके चलते तीनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. नवीन जिंदल का अपना जनाधार है जिसके चलते उन्हें फायदा मिल सकता है. वहीं मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी का भी ये संसदीय क्षेत्र है और राज्य मंत्री सुभाष सुधा भी इसी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलने की उम्मीद है. वहीं सुशील गुप्ता के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल रोड शो कर चुके हैं, ऐसे में उन्हें भी फायदा मिलने की उम्मीद है. वहीं सुशील गुप्ता ने इलाके में घूम-घूम कर काफी मेहनत भी की है. ऐसे में मुकाबला कांटे का बन जाता है लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस सीट पर जिंदल का पलड़ा भारी नज़र आ रहा है लेकिन जनता का असली फैसला तो 4 जून को ही आएगा.
अंबाला में किसे आशीर्वाद ? : अंबाला लोकसभा क्षेत्र की सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार वरुण चौधरी और बंतो कटरिया में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. वरुण चौधरी को जहां ग्रामीण क्षेत्र से अधिक वोट मिलने की संभावनाएं बनी हुई है वही शहरी क्षेत्र पर बंतो कटारिया की जीत और हार का दारोमदार है. हालांकि माना जा रहा है कि यमुनानगर जिले से कांग्रेस प्रत्याशी को फायदा मिल सकता है. वहीं पंचकूला से बीजेपी और अंबाला में किसी भी बात का आंकलन करना संभव दिखाई नही दे रहा है. यानी यहां पर कांटे की टक्कर हो सकती है
करनाल की टक्कर में कौन ? : इस सीट पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मुकाबला कांग्रेस पार्टी के दिव्यांशु बुद्धिराजा से है. एक तरफ जहां दिव्यांशु बुद्धिराजा को मनोहर लाल के सामने कमजोर उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन वे उनको कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि यहां पर भी बीजेपी फायदे में नज़र आ रही है.
गुड़गांव का धाकड़ कौन ? : इस सीट पर बीजेपी के राव इंद्रजीत के सामने कांग्रेस पार्टी के राज बब्बर हैं. जातियों के समीकरण में इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार आगे दिखाई देते हैं. हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार ने उनको कड़ी टक्कर देने की पूरी कोशिश की है. वे अपनी कोशिश में कितने कामयाब रहेंगे इसका फैसला चुनावी नतीजे बता पाएंगे.
सोनीपत में किसका चलेगा "सिक्का" ? : सोनीपत लोकसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में है. उनके सामने बीजेपी के मोहनलाल बड़ौली है. हालांकि यहां पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को मतदान के पहले तक आगे माना जा रहा था. लेकिन बीजेपी की उम्मीदवार ने मतदान के आखिरी पलों में मुकाबले को कांटे की टक्कर बना दी है. ऐसे में यहां पर जो भी जीतेगा, उसके जीत का मार्जिन बड़ा नहीं रहने वाला है.
सिरसा में किसका "सिंहासन" ? : सिरसा सीट पर शुरुआत से ही कांग्रेस आगे दिखाई दे रही थी और अभी भी आगे ही दिखाई दे रही है. यहां पर कांग्रेस पार्टी की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा का मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार डॉक्टर अशोक तंवर से है. अशोक तंवर यहां पर कुमारी शैलजा से पिछड़ते हुए दिखाई देते हैं. हालांकि किसे जीत मिलेगी और किसे हार ये 4 जून को तय होगा.
हिसार में कौन रहेगा "हावी" ? : हिसार लोकसभा सीट पर बीजेपी के रणजीत चौटाला का मुकाबला कांग्रेस के जय प्रकाश से है. शुरुआत में रणजीत चौटाला को कमजोर उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन वोटिंग के पहले उन्होंने वोट बटोरने और समीकरणों को साधने की काफी कोशिशें की है जिसके चलते वे फायदे में नज़र आ रहे हैं. वहीं उनकी दोनों बहुओं ने भी उन्हें टक्कर दी है, ऐसे में यहां भी जीत-हार का आंकड़ा ज्यादा दिखाई नही देता है.
'रोहतक' में कौन जीतेगा 'रण'? : रोहतक लोकसभा सीट पर दीपेंद्र हुड्डा की जीत शुरुआत में आसान लग रही थी. लेकिन इस लोकसभा क्षेत्र के तहत भी विधानसभा वार पड़े वोटों के आंकलन से उनकी जीत को सुनिश्चित मानना आसान दिखाई नहीं देता है. उन्हें बीजेपी के उम्मीदवार अरविंद शर्मा कड़ी टक्कर देते हुए नज़र आते हैं यानि की यहां भी जीत का मार्जिन कम ही रहने वाला है.
भिवानी-महेंद्रगढ़ में कौन "भारी" ? : भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी के धर्मबीर के सामने कांग्रेस के राव दान सिंह हैं. इन दोनों के बीच में यहां पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस सीट पर भी जीत-हार का मर्जिन कम ही दिखाई देता है. यानि कि जिसकी भी जीत होगी उसकी जीत का मार्जिन कम रहेगा.
फरीदाबाद का "सिकंदर" कौन ? : फरीदाबाद लोकसभा सीट पर मतदान के बाद कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. इस सीट पर मतदान के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार बढ़त बनाते हुए दिखाई देते हैं. लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार ने भी उन्हें चुनौती दे रखी है. बीजेपी की तरफ से कृष्ण पाल गुर्जर के सामने कांग्रेस पार्टी के महेंद्र प्रताप हैं. इस सीट पर इन दोनों में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
2019 के लोकसभा में क्या हुआ ? : साल 2019 में हुए पिछले लोकसभा के चुनाव में बीजेपी ने सभी 10 सीटों पर कब्जा कर लिया था और कांग्रेस समेत बाकी दलों को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. 2019 में हरियाणा में 74.3% मतदान दर्ज किया गया था. तब बीजेपी को 58.2 % वोट हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस को 28.5 % , जेजेपी को 4.9 %, बीएसपी को 3.6 %, इनेलो को 1.9%, जबकि बाकियों को 2.9% वोट मिले थे.
2014 के लोकसभा में क्या हुआ ? : 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में BJP ने 7 सीटें जीती थी, जबकि इनेलो ने 2 और कांग्रेस को 1 सीट ही मिल पाई थी. तब हरियाणा में 71.4% मतदान दर्ज किया गया था. बीजेपी को 34.8% वोट, इनेलो को 24.4%, कांग्रेस को 23 %, हरियाणा जनहित कांग्रेस (BL) को 6.1%, बीएसपी को 4.6 % वोट, जबकि बाकियों को 7.1% वोट मिले थे.
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