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कौन हैं देवेंद्र कादियान? हरियाणा चुनाव में गन्नौर से बढ़ाई बढ़त, BJP से की थी बगावत - WHO IS DEVENDER KADYAN

भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंदर कादियान गनौर विधानसभा क्षेत्र से आगे चल रहे हैं. उन्होंने हाल ही मे बीजेपी छोड़ दी थी.

देवेंद्र कादयान
देवेंद्र कादयान (Facebook@Devender Kadyan)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 8, 2024, 2:27 PM IST

नई दिल्ली: हरियाणा के गनौर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए चुनाव से कुछ सप्ताह पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़ने वाले देवेंदर कादियान शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं. सोनीपत की गनौर विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.

कादियान ने फेसबुक लाइव पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया थी और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में टिकटों की खरीद-फरोख्त हो रही है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

कौन हैं देवेंदर कादियान?
भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंदर कादियान राजनीतिज्ञ और बिजनेसमैन हैं. वे पहले भारतीय जनता पार्टी में थे, लेकिन टिकट न मिलने पर हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भगवा पार्टी छोड़ दी थी.

इसके बाद उन्होंने सोनीपत की गनौर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया. राष्ट्रीय राजधानी में पहलवानों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद देवेंदर सिंह कादियान ने WFI में उपाध्यक्ष पद संभाला था. उन्हें प्रदर्शनकारी पहलवानों का करीबी माना जाता है.

बीजेपी के खिलाफ चलाया अभियान
कादियान ने गुमड़, भवर, सरधना, बाली कुतुबपुर, बजाना खुर्द, उद्देशपुर, अगवानपुर, राजलू गढ़ी, लाडसोली, भिगान, भूरी, देवडू, पिपली खेड़ा, घासोली और पीरगढ़ जैसे क्षेत्रों में विशाल जनसभाएं कर बीजेपी के खिलाफ राज्य में एक उत्साही चुनाव अभियान चलाया.

देवेंद्र सिंह कादियान राष्ट्रीय राजमार्गों पर भोजनालयों की एक सीरीज भी चलाते हैं. उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा हरियाणा युवा आयोग का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था.वे मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और देवा सोशल वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक भी हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे
शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने शुरुआती दौर की मतगणना के दौरान झटके के बाद कांग्रेस पार्टी को पीछे छोड़ दिया है. पार्टी ने 50 सीटों पर बढ़त बना ली है, जो 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है.

यह भी पढ़ें- चुनाव में चौपट हुआ चौटाला परिवार! चौधराहट में धंसी जमीन, हो सकता है सूपड़ा साफ

नई दिल्ली: हरियाणा के गनौर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए चुनाव से कुछ सप्ताह पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़ने वाले देवेंदर कादियान शुरुआती रुझानों में आगे चल रहे हैं. सोनीपत की गनौर विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.

कादियान ने फेसबुक लाइव पर पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया थी और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में टिकटों की खरीद-फरोख्त हो रही है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

कौन हैं देवेंदर कादियान?
भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंदर कादियान राजनीतिज्ञ और बिजनेसमैन हैं. वे पहले भारतीय जनता पार्टी में थे, लेकिन टिकट न मिलने पर हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भगवा पार्टी छोड़ दी थी.

इसके बाद उन्होंने सोनीपत की गनौर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया. राष्ट्रीय राजधानी में पहलवानों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद देवेंदर सिंह कादियान ने WFI में उपाध्यक्ष पद संभाला था. उन्हें प्रदर्शनकारी पहलवानों का करीबी माना जाता है.

बीजेपी के खिलाफ चलाया अभियान
कादियान ने गुमड़, भवर, सरधना, बाली कुतुबपुर, बजाना खुर्द, उद्देशपुर, अगवानपुर, राजलू गढ़ी, लाडसोली, भिगान, भूरी, देवडू, पिपली खेड़ा, घासोली और पीरगढ़ जैसे क्षेत्रों में विशाल जनसभाएं कर बीजेपी के खिलाफ राज्य में एक उत्साही चुनाव अभियान चलाया.

देवेंद्र सिंह कादियान राष्ट्रीय राजमार्गों पर भोजनालयों की एक सीरीज भी चलाते हैं. उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा हरियाणा युवा आयोग का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था.वे मन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और देवा सोशल वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक भी हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे
शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने शुरुआती दौर की मतगणना के दौरान झटके के बाद कांग्रेस पार्टी को पीछे छोड़ दिया है. पार्टी ने 50 सीटों पर बढ़त बना ली है, जो 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है.

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