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टीबी उन्मूलन के लिए मुंबई नगर निगम क्या कर रहा है? क्या कहते हैं आंकड़े? - Mumbai TB case

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 23, 2024, 8:26 PM IST

Mumbai TB case : दुनिया भर में 24 मार्च को विश्व क्षय रोग उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है. क्षय रोग (टीबी) को जड़ से खत्म करने के लिए देशभर में उपाय किए जा रहे हैं. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नगर निगम क्या उपाय लागू कर रहा है? मुंबई में तपेदिक की क्या स्थिति है? मरीज़ों के आकड़े क्या हैं? लक्षण और उपचार क्या हैं? इस पर रोशनी डालती खास रिपोर्ट.

Mumbai TB case
टीबी उन्मूलन

मुंबई : पिछले कुछ वर्षों से पूरे देश में तपेदिक (tuberculosis) उन्मूलन के प्रयास किए जा रहे हैं. मुंबई नगर निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने भी टीबी नियंत्रण के लिए विभिन्न पहल की हैं.

मुंबई नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि इस पहल के कारण मुंबई में तपेदिक के मामलों में कमी आई है. क्षय रोग एक गंभीर बीमारी है, और कुपोषण और खराब स्वच्छता इस विकार के फैलने में योगदान करते हैं. इस संबंध में नगर निगम प्रशासन ने कहा कि नगर पालिका का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ वर्षों से तपेदिक उन्मूलन के लिए काम कर रहा है.

यह विभाग मरीजों की जांच करता है और अत्याधुनिक उपचार पद्धतियों से उनका इलाज करता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोगियों की निरंतर निगरानी के कारण मुंबई में टीबी के मामलों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है. नगर पालिका ने इस संबंध में आंकड़े भी उपलब्ध कराए हैं, जिसके अनुसार 2020 के लिए दवा प्रतिरोधी टीबी की इलाज दर 72 प्रतिशत है, और 2021 में यह दर 7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.

तपेदिक के नियंत्रण के लिए मुंबई नगर निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई निरंतर विशेष पहल से मामलों की संख्या में कमी संभव हो पाई है. 2022 से 2023 के बीच मामलों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आएगी.

इलाज के लिए बाहरी राज्यों के लोग आ रहे : जहां मुंबई में टीबी के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन कम हो रही है, वहीं इलाज के लिए मुंबई के बाहर से आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. नगर निगम के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी दक्षा शाह ने कहा कि वर्तमान में मुंबई में 42 सीबीएनईटी मशीनें, 10 ट्रूनेट मशीनें, 3 कल्चर और डीएसटी लैब जैसी अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं हैं. दवा प्रतिरोधी उपचार 25 सार्वजनिक और 6 निजी केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. मरीज चयनित निजी अस्पतालों और मुंबई नगर निगम के टीबी उन्मूलन अभियान में भाग लेने वाले चयनित निजी डॉक्टरों से भी मुफ्त टीबी उपचार प्राप्त कर सकेंगे.

नगर निगम मुंबई में तपेदिक उन्मूलन के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है. उच्च जोखिम समूह के रोगियों का बीसीजी टीकाकरण और नगर पालिका के सभी 24 वार्डों में रोगी का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक एआई तकनीक का उपयोग किया जाएगा. नगर निगम का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग मुंबई में तपेदिक उन्मूलन के लिए एक प्रभावी जन जागरूकता अभियान चला रहा है.

मरीजों के खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. नगर पालिका द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, मुंबई नगर निगम ने 2023 में कुल 152,008 रोगियों की जांच की. पुरुष और महिला टीबी रोगियों का अनुपात सामान्य के समान है. मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में मुंबई में तपेदिक के 55 हजार 284 मरीज पाए गए. तो वहीं साल 2023 में इन मरीजों की संख्या 50 हजार 206 पाई गई. इसलिए नगर पालिका ने दावा किया कि मुंबई में दिन-ब-दिन तपेदिक रोगों की संख्या में कमी आ रही है.

डॉ. शाह के मुताबिक भूख कम हो जाती है. रात में पसीना आता है और गर्दन पर गांठें हो जाती हैं. यदि आपमें ऐसे लक्षण हैं तो संबंधित व्यक्ति को तुरंत जांच और समय पर इलाज के लिए नजदीकी नगर निगम अस्पताल जाना चाहिए. तपेदिक को खत्म करने के लिए, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन परियोजना ने मुंबई में उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए एक वयस्क बीसीजी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है. 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को छह उच्च जोखिम समूहों में वर्गीकृत किया जाएगा.

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मुंबई : पिछले कुछ वर्षों से पूरे देश में तपेदिक (tuberculosis) उन्मूलन के प्रयास किए जा रहे हैं. मुंबई नगर निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने भी टीबी नियंत्रण के लिए विभिन्न पहल की हैं.

मुंबई नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि इस पहल के कारण मुंबई में तपेदिक के मामलों में कमी आई है. क्षय रोग एक गंभीर बीमारी है, और कुपोषण और खराब स्वच्छता इस विकार के फैलने में योगदान करते हैं. इस संबंध में नगर निगम प्रशासन ने कहा कि नगर पालिका का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ वर्षों से तपेदिक उन्मूलन के लिए काम कर रहा है.

यह विभाग मरीजों की जांच करता है और अत्याधुनिक उपचार पद्धतियों से उनका इलाज करता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोगियों की निरंतर निगरानी के कारण मुंबई में टीबी के मामलों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है. नगर पालिका ने इस संबंध में आंकड़े भी उपलब्ध कराए हैं, जिसके अनुसार 2020 के लिए दवा प्रतिरोधी टीबी की इलाज दर 72 प्रतिशत है, और 2021 में यह दर 7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.

तपेदिक के नियंत्रण के लिए मुंबई नगर निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई निरंतर विशेष पहल से मामलों की संख्या में कमी संभव हो पाई है. 2022 से 2023 के बीच मामलों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आएगी.

इलाज के लिए बाहरी राज्यों के लोग आ रहे : जहां मुंबई में टीबी के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन कम हो रही है, वहीं इलाज के लिए मुंबई के बाहर से आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. नगर निगम के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी दक्षा शाह ने कहा कि वर्तमान में मुंबई में 42 सीबीएनईटी मशीनें, 10 ट्रूनेट मशीनें, 3 कल्चर और डीएसटी लैब जैसी अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं हैं. दवा प्रतिरोधी उपचार 25 सार्वजनिक और 6 निजी केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. मरीज चयनित निजी अस्पतालों और मुंबई नगर निगम के टीबी उन्मूलन अभियान में भाग लेने वाले चयनित निजी डॉक्टरों से भी मुफ्त टीबी उपचार प्राप्त कर सकेंगे.

नगर निगम मुंबई में तपेदिक उन्मूलन के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है. उच्च जोखिम समूह के रोगियों का बीसीजी टीकाकरण और नगर पालिका के सभी 24 वार्डों में रोगी का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक एआई तकनीक का उपयोग किया जाएगा. नगर निगम का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग मुंबई में तपेदिक उन्मूलन के लिए एक प्रभावी जन जागरूकता अभियान चला रहा है.

मरीजों के खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है. नगर पालिका द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, मुंबई नगर निगम ने 2023 में कुल 152,008 रोगियों की जांच की. पुरुष और महिला टीबी रोगियों का अनुपात सामान्य के समान है. मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में मुंबई में तपेदिक के 55 हजार 284 मरीज पाए गए. तो वहीं साल 2023 में इन मरीजों की संख्या 50 हजार 206 पाई गई. इसलिए नगर पालिका ने दावा किया कि मुंबई में दिन-ब-दिन तपेदिक रोगों की संख्या में कमी आ रही है.

डॉ. शाह के मुताबिक भूख कम हो जाती है. रात में पसीना आता है और गर्दन पर गांठें हो जाती हैं. यदि आपमें ऐसे लक्षण हैं तो संबंधित व्यक्ति को तुरंत जांच और समय पर इलाज के लिए नजदीकी नगर निगम अस्पताल जाना चाहिए. तपेदिक को खत्म करने के लिए, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन परियोजना ने मुंबई में उच्च जोखिम वाली आबादी के लिए एक वयस्क बीसीजी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है. 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को छह उच्च जोखिम समूहों में वर्गीकृत किया जाएगा.

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