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मतदान के बाद वोटों का लेखा-जोखा किसके पास, क्या है फॉर्म 17-सी जिस पर मचा बवाल, जानें - What is Form 17C

What is Form 17C: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने हर मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का प्रतिशत 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है. इससे ही जुड़ा है फॉर्म 17सी. आइए विस्तार से जानते हैं आखिर यह क्या है.

Form 17C
क्या है फॉर्म 17C (सांकेतिक तस्वीर ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 23, 2024, 12:03 PM IST

नई दिल्ली: देशभर में लोकसभा का चुनाव जारी है. इस बार आम चुनाव के लिए सात चरणों में वोटिंग होनी है. अब कुल 5 चरण के वोट डाले जा चुके हैं. चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें हर मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का प्रतिशत 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक किए जाने की मांग की गई थी. यह याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से दायर की गई है.

मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ शुक्रवार 24 मई को सुनवाई करेगी. इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसकी वेबसाइट पर फॉर्म 17सी अपलोड करने पर उससे छेड़छाड़ हो सकती है.

आयोग ने सुप्रीम को बताया कि फिलहाल फॉर्म 17सी स्ट्रॉन्ग रूम में उपलब्ध है और इसकी एक कॉपी मतदान एजेंटों के पास है. ईसीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि फॉर्म को वेबसाइट पर सार्वजनिक करने से मतगणना परिणामों के साथ छेड़छाड़ की संभावना बढ़ सकती है और इससे पूरी चुनावी प्रक्रिया को लेकर अविश्वास पैदा हो सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह फॉर्म 17सी है क्या और यह कितना अहम है?

क्या है फॉर्म 17सी?
फॉर्म 17सी में वोटों का लेखा-जोखा दर्ज होता है. यह वोटिंग खत्म होने पर उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को जारी किया जाता है. इसमें पूलिंग बूथ में ईवीएम की पहचान संख्या और मतदान केंद्र को सौंपे गए वोटर्स की कुल संख्या दर्ज होती है.

इसके अलावा इसमें 17ए फॉर्म के रजिस्टर में दर्ज वोटर्स की कुल संख्या, उन मतदाताओं की संख्या जिन्होंने अपना वोट डाला, उन मतदाताओं की संख्या जिन्हें मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई, टेस्ट वोटों की कुल संख्या और प्रति ईवीएम दर्ज किए गए वोटों की कुल संख्या दर्ज होती है.उसी प्रपत्र के भाग- II में काउंटिंग के परिणाम दर्ज किए जाते हैं, जिन्हें मतगणना के दिन दर्ज किया जाता है. फॉर्म 17सी में मौजूद डेटा को अंतिम माना जाता है .

काउंटिंग के नतीजे वेरिफाई करने के काम आता है फॉर्म 17सी
फॉर्म 17सी में डेटा का उपयोग उम्मीदवारों द्वारा काउंटिग के दिन नतीजों को वेरिफाई करने के लिए भी किया जाता है. फॉर्म 17सी में दर्ज वोटर्स और वोट डालने वालों की संख्या का मिलान ईवीएम की गिनती से किया जा सकता है.

वोटिंग के दिन, मतगणना के दिन काउंटिग सुपरवाइजर को प्रपत्र के भाग- II में प्रमाणित करना होगा कि वोटिंग के दिन गिने गए वोट और भाग- I में दर्ज वोटों में कोई विसंगति नहीं है और अगर इसमें कोई विसंगतियों हो तो उसे चुनौती दी जा सकती है.

यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024: 7वें चरण में केवल 95 महिला उम्मीदवार, 190 हैं दागी

नई दिल्ली: देशभर में लोकसभा का चुनाव जारी है. इस बार आम चुनाव के लिए सात चरणों में वोटिंग होनी है. अब कुल 5 चरण के वोट डाले जा चुके हैं. चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें हर मतदान केंद्र पर डाले गए वोटों का प्रतिशत 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक किए जाने की मांग की गई थी. यह याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से दायर की गई है.

मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ शुक्रवार 24 मई को सुनवाई करेगी. इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसकी वेबसाइट पर फॉर्म 17सी अपलोड करने पर उससे छेड़छाड़ हो सकती है.

आयोग ने सुप्रीम को बताया कि फिलहाल फॉर्म 17सी स्ट्रॉन्ग रूम में उपलब्ध है और इसकी एक कॉपी मतदान एजेंटों के पास है. ईसीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि फॉर्म को वेबसाइट पर सार्वजनिक करने से मतगणना परिणामों के साथ छेड़छाड़ की संभावना बढ़ सकती है और इससे पूरी चुनावी प्रक्रिया को लेकर अविश्वास पैदा हो सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह फॉर्म 17सी है क्या और यह कितना अहम है?

क्या है फॉर्म 17सी?
फॉर्म 17सी में वोटों का लेखा-जोखा दर्ज होता है. यह वोटिंग खत्म होने पर उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को जारी किया जाता है. इसमें पूलिंग बूथ में ईवीएम की पहचान संख्या और मतदान केंद्र को सौंपे गए वोटर्स की कुल संख्या दर्ज होती है.

इसके अलावा इसमें 17ए फॉर्म के रजिस्टर में दर्ज वोटर्स की कुल संख्या, उन मतदाताओं की संख्या जिन्होंने अपना वोट डाला, उन मतदाताओं की संख्या जिन्हें मतदान करने की अनुमति नहीं दी गई, टेस्ट वोटों की कुल संख्या और प्रति ईवीएम दर्ज किए गए वोटों की कुल संख्या दर्ज होती है.उसी प्रपत्र के भाग- II में काउंटिंग के परिणाम दर्ज किए जाते हैं, जिन्हें मतगणना के दिन दर्ज किया जाता है. फॉर्म 17सी में मौजूद डेटा को अंतिम माना जाता है .

काउंटिंग के नतीजे वेरिफाई करने के काम आता है फॉर्म 17सी
फॉर्म 17सी में डेटा का उपयोग उम्मीदवारों द्वारा काउंटिग के दिन नतीजों को वेरिफाई करने के लिए भी किया जाता है. फॉर्म 17सी में दर्ज वोटर्स और वोट डालने वालों की संख्या का मिलान ईवीएम की गिनती से किया जा सकता है.

वोटिंग के दिन, मतगणना के दिन काउंटिग सुपरवाइजर को प्रपत्र के भाग- II में प्रमाणित करना होगा कि वोटिंग के दिन गिने गए वोट और भाग- I में दर्ज वोटों में कोई विसंगति नहीं है और अगर इसमें कोई विसंगतियों हो तो उसे चुनौती दी जा सकती है.

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