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प.बंगाल : मालदा के रतुआ में बम फेंके गए, टीएमसी व कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप - Bombs hurled in Malda Ratua - BOMBS HURLED IN MALDA RATUA

Lok Sabha Election 2024, पश्चिम बंगाल के मालदा के रतुआ में बम फेंके की घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

Bombs thrown in Ratua of Malda West Bengal
पश्चिम बंगाल के मालदा के रतुआ में बम फेंके गए (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 7, 2024, 3:44 PM IST

मालदा (पश्चिम बंगाल) : लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के दौरान मंगलवार को बम फेंके जाने के बाद मालदा का रतुआ फिर से उपद्रवग्रस्त साबित हो गया है. हालांकि बमबारी की वजह से किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है.

बताया जाता है कि घटना रतुआ के ब्लॉक नंबर एक के चांदमोनी दो नंबर ग्राम पंचायत के बटना इलाके में हुई. स्थानीय लोगों का कहना है कि आम मतदाताओं को डराने के लिए टीएमसी के बदमाशों के द्वारा बमबारी की गई. घटना के बाद से मालदा उत्तर लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.

इस संबंध में खोचाखामर गांव के रहने वाले वसीम अकरम ने बताया कि बाइक से दो लोग आए तो और वह बम फेंकने के बाद फरार हो गए. उसने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस की साजिश है. उसने बताया कि इसके बाद बूथों पर कब्जा कर लिया गया. शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि टीएमसी के बदमाशों ने कांग्रेस उम्मीदवार मुश्ताक आलम पर बम फेंका गया.

हालांकि, रतुआ ब्लॉक एक के तृणमूल अध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि यह विपक्ष की साजिश है. उन्होंने कहा कि हमारा उम्मीदवार अब तक चुनाव जीत रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष बम फेंककर हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा. लोगों ने उनकी चाल पकड़ ली है. चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले भी इस केंद्र पर तृणमूल के झंडे फहराए जा सकते हैं.

इस बीच, कांग्रेस उम्मीदवार मुश्ताक आलम ने कहा कि भ्रष्टाचार, घोटालों और चोरी के कारण लोग अब तृणमूल से निराश हो गए हैं. तृणमूल को पता है कि चुनाव में उनकी हार होगी. वे पंचायत की तरह लूट कर चुनाव जीतना चाहते थे, लेकिन केंद्रीय बलों के सक्रिय होने के कारण यह उनके लिए संभव नहीं था. इसलिए वे अब लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. वे हर गांव में बमबारी कर रहे हैं लेकिन लोग उन्हें हराने के लिए एकजुट हैं. ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होगा.

महिलाओं ने विकास को लेकर किया मतदान का बहिष्कार

दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरा चरण की वोटिंग जारी है. मालदा में महिलाओं ने अपने क्षेत्र में विकास के मुद्दों को लेकर विरोध जताते हुए मतदान का बहिष्कार किया.

मालदा के राजदौल एसएसकेपी मतदान केंद्र के बाहर मतदान का बहिष्कार कर रही एक महिला ने कहा,'हमारे क्षेत्र में विकास से जुड़ा कोई काम नहीं हुआ है, सड़कें, ब्रिज नहीं बनाए गए. क्षेत्र के सांसद विधायक यहां से नदारद हैं. हमारी बातें सरकार को सुननी होंगी. जब तक यहां पर मतदान जारी रहेंगे हम तब यहां बैठे रहेंगे. हम मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं.'

ये भी पढ़ें - प. बंगाल: मुर्शिदाबाद में घमासान, पोलिंग एजेंट और कांग्रेस नेता के घर बम फेंकने का आरोप

मालदा (पश्चिम बंगाल) : लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के दौरान मंगलवार को बम फेंके जाने के बाद मालदा का रतुआ फिर से उपद्रवग्रस्त साबित हो गया है. हालांकि बमबारी की वजह से किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है.

बताया जाता है कि घटना रतुआ के ब्लॉक नंबर एक के चांदमोनी दो नंबर ग्राम पंचायत के बटना इलाके में हुई. स्थानीय लोगों का कहना है कि आम मतदाताओं को डराने के लिए टीएमसी के बदमाशों के द्वारा बमबारी की गई. घटना के बाद से मालदा उत्तर लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है.

इस संबंध में खोचाखामर गांव के रहने वाले वसीम अकरम ने बताया कि बाइक से दो लोग आए तो और वह बम फेंकने के बाद फरार हो गए. उसने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस की साजिश है. उसने बताया कि इसके बाद बूथों पर कब्जा कर लिया गया. शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि टीएमसी के बदमाशों ने कांग्रेस उम्मीदवार मुश्ताक आलम पर बम फेंका गया.

हालांकि, रतुआ ब्लॉक एक के तृणमूल अध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि यह विपक्ष की साजिश है. उन्होंने कहा कि हमारा उम्मीदवार अब तक चुनाव जीत रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष बम फेंककर हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा. लोगों ने उनकी चाल पकड़ ली है. चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले भी इस केंद्र पर तृणमूल के झंडे फहराए जा सकते हैं.

इस बीच, कांग्रेस उम्मीदवार मुश्ताक आलम ने कहा कि भ्रष्टाचार, घोटालों और चोरी के कारण लोग अब तृणमूल से निराश हो गए हैं. तृणमूल को पता है कि चुनाव में उनकी हार होगी. वे पंचायत की तरह लूट कर चुनाव जीतना चाहते थे, लेकिन केंद्रीय बलों के सक्रिय होने के कारण यह उनके लिए संभव नहीं था. इसलिए वे अब लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. वे हर गांव में बमबारी कर रहे हैं लेकिन लोग उन्हें हराने के लिए एकजुट हैं. ऐसा करने से कुछ हासिल नहीं होगा.

महिलाओं ने विकास को लेकर किया मतदान का बहिष्कार

दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरा चरण की वोटिंग जारी है. मालदा में महिलाओं ने अपने क्षेत्र में विकास के मुद्दों को लेकर विरोध जताते हुए मतदान का बहिष्कार किया.

मालदा के राजदौल एसएसकेपी मतदान केंद्र के बाहर मतदान का बहिष्कार कर रही एक महिला ने कहा,'हमारे क्षेत्र में विकास से जुड़ा कोई काम नहीं हुआ है, सड़कें, ब्रिज नहीं बनाए गए. क्षेत्र के सांसद विधायक यहां से नदारद हैं. हमारी बातें सरकार को सुननी होंगी. जब तक यहां पर मतदान जारी रहेंगे हम तब यहां बैठे रहेंगे. हम मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं.'

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