वायनाड: केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड के चलते मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक सोमवार को 387 की मौत की खबर सामने आई है. वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. बता दें, लैंडस्लाइड में फंसे लोगों को ढूंढने में करीब 1500 से अधिक बचावकर्मी लगे हैं. वहीं, सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं.
#WATCH | Wayanad Landslide | Kerala: Search, rescue and restoration in landslide-affected areas in Wayanad enter the 7th day, today.
— ANI (@ANI) August 5, 2024
The death toll stands at 308. pic.twitter.com/pgEqL3lDOk
चुरलमाला और मुंडाकाई में आज सोमवार को सातवें दिन भी तलाशी अभियान जारी है. बताया जा रहा है कि अभी भी 180 से ज्यादा लोगों का पता नहीं चल पाया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2 अगस्त तक मरने वालों की संख्या 308 है. राहत कार्यों के तहत वायनाड में कुल 53 शिविर बनाए गए हैं. नवीनतम अपडेट के अनुसार, जिले भर के इन शिविरों में 6759 लोगों को स्थानांतरित किया गया, जिनमें 1983 परिवार, 2501 पुरुष, 2677 महिलाएं, 1581 बच्चे और 20 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं.
सरकार ने मेप्पाडी और अन्य ग्राम पंचायतों में 16 शिविर स्थापित किए हैं, इसमें 9 आश्रय और 7 बचाव शिविर शामिल हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार कुल 2514 लोगों को इन आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है. इसमें 723 परिवार, 943 पुरुष, 972 महिलाएं, 599 बच्चे और छह गर्भवती महिलाएं शामिल थीं. इसके अतिरिक्त, एसडीएमएलपी स्कूल, कलपेट्टा में डी-पॉल पब्लिक स्कूल, चुंडेल में आरसीएलपी स्कूल, रिप्पोन के पास जीएचएस स्कूल, मुत्तिल में डब्लूएमओ कॉलेज, रिप्पोन नई इमारत और अरप्पट्टा में बचाव शिविर हैं.
बता दें, 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंदक्कई में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई और जान-माल का नुकसान हुआ. रविवार की देर रात जिला प्रशासन ने भूस्खलन में मारे गए अज्ञात लोगों के पार्थिव अवशेषों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया.
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पहले जिला प्रशासन को सर्वधर्म प्रार्थना के साथ औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया था. बयान में कहा गया है कि बचाव कार्यों के लिए पुलिस की अनुमति के बिना किसी को भी रात में इन स्थानों के घरों या क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करना चाहिए. केरल सरकार के अनुरोध पर, भारतीय वायु सेना ने 3 अगस्त को तलाशी अभियान के लिए सियाचिन और दिल्ली से एक ZAWER और चार REECO रडार मंगाए.
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