रायपुर: टेकलगुडेम हमले के जख्म जवानों के सीने पर अभी भी ताजा हैं. शहीद हुए साथियों की मौत का बदला लेने के लिए जवान फिर से जंगलों में उतरने के लिए तैयार हैं. सूत्रों के मुताबिक पुलिस को संदेह है कि टेकलगुडेम हमले को अंजाम देने में वांटेड नक्सली देवा की अहम भूमिका थी. सूत्रों की मानें तो मुठभेड़ के दौरान पीएलजीए की बटालियन नंबर 1 को खुद देवा लीड कर रहा था. देवा के दस्ते ने घात लगाकर जवानों पर हमला किया जिसमें तीन जवान शहीद हो गए जबकी 14 जवान जख्मी हुए थे.
कौन है देवा ? : नक्सली देवा बस्तर का कुख्यात माओवादी है. नक्सलियों के सबसे खतरनाक और मजबूत पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का कमांडर है. हमले के मास्टरमाइंड देवा को हाल ही में माओवादियों के शीर्ष नेताओं ने पीएलजीए का कमांडर बनाया था. पहले पीएलजीए बटालियन का कमांडर हिड़मा हुआ करता था. हिड़मा और देवा दोनों एक ही गांव पुवर्ती के रहने वाले हैं. दोनों का गांव टेकलगुडेम के पास ही है. पुवर्ती गांव के पास ही जवानों ने अपना नया बेस कैंप बनाया है. देवा को टेकलगुडेम इलाके की पूरी भौगोलिक जानकारी थी. हिड़मा और देवा दोनों के गांव पुवर्ती की दूरी टेकलगुडेम में महज पांच से सात किलोमीटर की है.सूत्र बताते हैं कि हमले वाले दिन इसीलिए देवा को हमले की कमान सौंपी गई. हार्डकोर नक्सली हिड़मा की तरह देवा भी काफी खूंखार माना जाता है.
2 महीनों में जवानों ने बनाए 12 नए बेस कैंप: आईजी सुंदरराज के मुताबिक पिछले दो महीनों के भीतर सुकमा और बीजापुर के बार्डर इलाकों में 12 नए सुरक्षा कैंप बनाए गए हैं. छह कैंप जहां सुकमा की सीमा में हैं तो छह कैंप बीजापुर की सीमा क्षेत्र के भीतर आते हैं. कैंप के बनने से नक्सलियों का मूवमेंट बंद हो गया था. जवानों की 24 घंटे मौजूदगी के चलते नक्सली खतरे में हैं और इसी बौखलाहट में हार्डकोर नक्सली देवा के दस्ते ने इस मुठभेड़ को अंजाम दिया. बस्तर आईजी के मुताबिक जवानों की जवाबी फायरिंग में सात से आठ नक्सली भी मारे गए हैं. जवानों के हमले में 15 से 16 नक्सलियों के जख्मी होने का दावा भी पुलिस ने किया है. पुलिस का कहना है कि जो नक्सली जख्मी हुए है उनको गंभीर चोटें आई हैं.
शहादत का लिया जाएगा बदला: बस्तर आईजी और छत्तीसगढ़ पुलिस के महानिदेशक अशोक जुनेजा ने कहा है कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान बंद नहीं होगा. जवान पूरी ताकत से नक्सलियों की मांद में उतरेंगे. जबतक एक भी नक्सली बस्तर में जिंदा है या सरेंडर नहीं कर देता तबतक हम अपना सर्च ऑपरेशन जारी रखेंगे. मंगलवार को मुठभेड़ के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की एक पूरी फौज टेकलगुडेम कैंप में जवानों से मिलने गई. अफसरों ने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि हमें दोगुनी ताकत के साथ ये लड़ाई लड़नी है. रायपुर में जिन जख्मी जवानों का इलाज चल रहा है उन जवानों ने साथियों के बलिदान का बदला लेने की बात दोहराई है.
मुठभेड़ पर सियासी सियासत: टेकलगुडेम मुठभेड़ पर सियासत भी शुरु हो गई है. खुद पूर्व सीएम और पाटन से कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने इसे बीजेपी सरकार का फेल्योर बताया है. भूपेश ने कहा कि जब भी बीजेपी की सरकार होती है नक्सली हावी होने लगते हैं. भूपेश बघेल ने कहा कि गृहमंत्री ये दावा करते हैं कि वो आधी रात को भी फोन पर नक्सलियों से बात करने के लिए तैयार हैं, इतना बड़ा हमला हो गया अब क्या कहेंगे.