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भारत आएंगे वियतनाम के प्रधानमंत्री, पीएम मोदी से होगी मुलाकात, जानें किन मुद्दों पर होगी बातचीत - Vietnam Prime Minister India Visit

Vietnamese PM India Visit: वियतनाम के पीएम भारत दौरे पर आ रहे हैं, ऐसे में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और भी ज्यादा मजबूत होने की संभावना जताई जा रही है. एजेंडे में इंडो-पैसिफिक भी शामिल है. बता दें कि, भारत और वियतनाम के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं. इस विषय पर ईटीवी भारत संवाददाता चंद्रकला चौधरी की इस रिपोर्ट को पढ़िए...

ANI
वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह और पीएम मोदी (फाइल फोटो) (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 30, 2024, 5:30 PM IST

नई दिल्ली: वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह कल, 31 जुलाई से अपनी नई दिल्ली यात्रा शुरू करेंगे. वह पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत का दौरा करने वाले दूसरे सरकारी प्रमुख हैं. यह यात्रा वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के निधन के कुछ दिनों बाद हो रही है. जानकारी के मुताबिक, वियतनाम के पीएम भारत दौरे के क्रम में अपने समकक्ष पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे.

वियतनाम के प्रधानमंत्री का भारत दौरा
खबर के मुताबिक, विदेशी पीएम के सम्मान में दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया जाएगा. अपने दौरे के क्रम में वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह चीन्ह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे. साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी उनकी मुलाकात की संभावना जताई जा रही है.

पीएम मोदी ने गुयेन फु ट्रोंग के निधन पर शोक व्यक्त किया
बता दें कि, पीएम मोदी ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव महामहिम गुयेन फु ट्रोंग के निधन पर शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, 'वियतनाम के नेता, महासचिव महामहिम गुयेन फु ट्रोंग के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. हम दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देते हैं. हम अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और दुख की इस घड़ी में वियतनाम के लोगों और नेतृत्व के साथ एकजुटता से खड़े हैं.'

भारत आएंगे वियतनाम के पीएम
वहीं इन सबके बीच, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह 31 जुलाई से 1 अगस्त तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. उनके साथ कई मंत्रियों, उप मंत्रियों और व्यापारिक नेताओं सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के आने की उम्मीद है. एक अगस्त को वियतनाम के पीएम का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. उसके बाद पीएम चीन्ह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाएंगे.

भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय संबंध
बता दें कि, भारत और वियतनाम के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं, जिन्हें सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री की वियतनाम यात्रा के दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील कर दिया गया. भारत वियतनाम को अपनी एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ और अपने इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है.

अजीत डोभाल महासचिव गुयेन फु ट्रोंग के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को वियतनाम की शक्तिशाली कम्युनिस्ट पार्टी के दिवंगत महासचिव गुयेन फु ट्रोंग के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया, जिसमें हजारों शोकसभा में शामिल होने वाले लोग और विश्व के नेता शामिल हुए.

गुयेन फु ट्रोंग के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के दौरान, डोभाल ने वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम, प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह और महासचिव के परिवार के प्रति भारत की संवेदना व्यक्त की. कार्यक्रम के दौरान NSA के साथ वियतनाम में भारतीय राजदूत भी मौजूद रहे. उन्होंने दुख की इस घड़ी में वियतनाम के लोगों और नेताओं के साथ भारत की एकजुटता भी व्यक्त की. यह तब हुआ जब 22 जुलाई को संसद में भारतीय नेताओं ने ट्रोंग के निधन पर वियतनाम के समाजवादी गणराज्य के लोगों और नेतृत्व के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. संसद ने उल्लेख किया कि दशकों से वियतनाम की प्रगति और विकास के अपने बुद्धिमान नेतृत्व के अलावा, ट्रोंग ने भारत-वियतनाम मैत्री और दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी में योगदान दिया.

भारत-वियतनाम व्यापार संबंध
हनोई में भारतीय दूतावास द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत और वियतनाम के बीच लंबे समय से व्यापार और आर्थिक संबंध हैं जो समय के साथ लगातार बढ़े हैं. वियतनामी आंकड़ों के अनुसार, साल 2000 में मात्र 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर से, 2023 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 14.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. 2023-2024 के दौरान भारतीय आंकड़ों के अनुसार, द्विपक्षीय व्यापार 14.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो साल दर साल 0.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है.

भारत-वियतनाम व्यापारिक संबंध
वियतनाम को भारत का निर्यात 5.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर (7.43 फीसदी की गिरावट) तक पहुंच गया, जबकि वियतनाम से भारत का आयात 9.34 बिलियन (6.26 फीसदी की वृद्धि) रहा. वित्त वर्ष 2023-2024 में, भारत के लिए, वियतनाम वैश्विक स्तर पर 21वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और 22वां सबसे बड़ा निर्यात का केंद्र है. वियतनाम के लिए, भारत 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार, वियतनाम के उत्पादों का 7वाँ सबसे बड़ा आयातक और वियतनाम का 11वां सबसे बड़ा आयात स्रोत है.

वित्त वर्ष 2023-2024 में, भारत से वियतनाम को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में जमे हुए गोजातीय मांस, अनाज, लोहा और इस्पात, कपास, पशु चारा और सामग्री, मत्स्य उत्पाद, विद्युत उपकरण, मशीनरी और उपकरण, एल्यूमीनियम, ऑटो घटक, रसायन और रासायनिक उत्पाद, साधारण धातुएँ, फार्मास्यूटिकल्स और API के साथ-साथ रत्न और आभूषण शामिल हैं.

वियतनाम से भारत में आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दूरसंचार उपकरण, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, लोहा और इस्पात, साधारण धातुएं, रसायन और रासायनिक उत्पाद, प्लास्टिक के सामान, इस्पात के उत्पाद, जूते और परिधान, परिधान और वस्त्र सामग्री, ऑटो घटक, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद, रबर, कॉफी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: ब्रिटिश विदेश मंत्री लैमी का भारत दौरा, पीएम मोदी-जयशंकर से हुई मुलाकात, जानें क्या हुई बात

नई दिल्ली: वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह कल, 31 जुलाई से अपनी नई दिल्ली यात्रा शुरू करेंगे. वह पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत का दौरा करने वाले दूसरे सरकारी प्रमुख हैं. यह यात्रा वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फू ट्रोंग के निधन के कुछ दिनों बाद हो रही है. जानकारी के मुताबिक, वियतनाम के पीएम भारत दौरे के क्रम में अपने समकक्ष पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे.

वियतनाम के प्रधानमंत्री का भारत दौरा
खबर के मुताबिक, विदेशी पीएम के सम्मान में दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया जाएगा. अपने दौरे के क्रम में वियतनाम के पीएम फाम मिन्ह चीन्ह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगे. साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी उनकी मुलाकात की संभावना जताई जा रही है.

पीएम मोदी ने गुयेन फु ट्रोंग के निधन पर शोक व्यक्त किया
बता दें कि, पीएम मोदी ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव महामहिम गुयेन फु ट्रोंग के निधन पर शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, 'वियतनाम के नेता, महासचिव महामहिम गुयेन फु ट्रोंग के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. हम दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देते हैं. हम अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और दुख की इस घड़ी में वियतनाम के लोगों और नेतृत्व के साथ एकजुटता से खड़े हैं.'

भारत आएंगे वियतनाम के पीएम
वहीं इन सबके बीच, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह 31 जुलाई से 1 अगस्त तक भारत की राजकीय यात्रा पर रहेंगे. उनके साथ कई मंत्रियों, उप मंत्रियों और व्यापारिक नेताओं सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के आने की उम्मीद है. एक अगस्त को वियतनाम के पीएम का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा. उसके बाद पीएम चीन्ह महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट जाएंगे.

भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय संबंध
बता दें कि, भारत और वियतनाम के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं, जिन्हें सितंबर 2016 में प्रधानमंत्री की वियतनाम यात्रा के दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील कर दिया गया. भारत वियतनाम को अपनी एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ और अपने इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है.

अजीत डोभाल महासचिव गुयेन फु ट्रोंग के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को वियतनाम की शक्तिशाली कम्युनिस्ट पार्टी के दिवंगत महासचिव गुयेन फु ट्रोंग के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया, जिसमें हजारों शोकसभा में शामिल होने वाले लोग और विश्व के नेता शामिल हुए.

गुयेन फु ट्रोंग के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के दौरान, डोभाल ने वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम, प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह और महासचिव के परिवार के प्रति भारत की संवेदना व्यक्त की. कार्यक्रम के दौरान NSA के साथ वियतनाम में भारतीय राजदूत भी मौजूद रहे. उन्होंने दुख की इस घड़ी में वियतनाम के लोगों और नेताओं के साथ भारत की एकजुटता भी व्यक्त की. यह तब हुआ जब 22 जुलाई को संसद में भारतीय नेताओं ने ट्रोंग के निधन पर वियतनाम के समाजवादी गणराज्य के लोगों और नेतृत्व के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की. संसद ने उल्लेख किया कि दशकों से वियतनाम की प्रगति और विकास के अपने बुद्धिमान नेतृत्व के अलावा, ट्रोंग ने भारत-वियतनाम मैत्री और दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी में योगदान दिया.

भारत-वियतनाम व्यापार संबंध
हनोई में भारतीय दूतावास द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत और वियतनाम के बीच लंबे समय से व्यापार और आर्थिक संबंध हैं जो समय के साथ लगातार बढ़े हैं. वियतनामी आंकड़ों के अनुसार, साल 2000 में मात्र 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर से, 2023 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 14.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. 2023-2024 के दौरान भारतीय आंकड़ों के अनुसार, द्विपक्षीय व्यापार 14.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो साल दर साल 0.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है.

भारत-वियतनाम व्यापारिक संबंध
वियतनाम को भारत का निर्यात 5.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर (7.43 फीसदी की गिरावट) तक पहुंच गया, जबकि वियतनाम से भारत का आयात 9.34 बिलियन (6.26 फीसदी की वृद्धि) रहा. वित्त वर्ष 2023-2024 में, भारत के लिए, वियतनाम वैश्विक स्तर पर 21वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और 22वां सबसे बड़ा निर्यात का केंद्र है. वियतनाम के लिए, भारत 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार, वियतनाम के उत्पादों का 7वाँ सबसे बड़ा आयातक और वियतनाम का 11वां सबसे बड़ा आयात स्रोत है.

वित्त वर्ष 2023-2024 में, भारत से वियतनाम को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में जमे हुए गोजातीय मांस, अनाज, लोहा और इस्पात, कपास, पशु चारा और सामग्री, मत्स्य उत्पाद, विद्युत उपकरण, मशीनरी और उपकरण, एल्यूमीनियम, ऑटो घटक, रसायन और रासायनिक उत्पाद, साधारण धातुएँ, फार्मास्यूटिकल्स और API के साथ-साथ रत्न और आभूषण शामिल हैं.

वियतनाम से भारत में आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दूरसंचार उपकरण, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, लोहा और इस्पात, साधारण धातुएं, रसायन और रासायनिक उत्पाद, प्लास्टिक के सामान, इस्पात के उत्पाद, जूते और परिधान, परिधान और वस्त्र सामग्री, ऑटो घटक, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद, रबर, कॉफी शामिल हैं.

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