ETV Bharat / bharat

कृष्णानगर लोकसभा: महुआ ने ED और CBI को बताया राजनीतिक एजेंट, कहा- लोकसभा से निष्कासन का करारा जवाब होगी जीत - Mahua Moitra Interview

Mahua Moitra Interview: लोकसभा से निष्कासित महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है. इस बार महुआ मोइत्रा को स्थानीय शाही परिवार की बीजेपी की उम्मीदवार अमृता रॉय से सीधी चुनौती मिल रही है. वहीं, आत्मविश्वास से भरी महुआ मोइत्रा को अपनी जीत पर पूरा भरोसा है. पढ़ें प्रदीप्त तापदार साथ टीएमसी प्रत्याशी महुआ मोइत्रा का इंटरव्यू...

author img

By PTI

Published : Apr 2, 2024, 10:27 AM IST

Mahua Moitra (File Photo)
महुआ मोइत्रा (फाइल फोटो).

कोलकाता: वरिष्ठ टीएमसी (TMC) नेता महुआ मोइत्रा को अपनी कृष्णानगर लोकसभा सीट बड़े अंतर से हासिल करने का भरोसा है. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में छापेमारी कर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश की. उनकी जीत पिछले साल उन्हें लोकसभा से निष्कासित करने का उचित जवाब होगी.

महुआ मोइत्रा ने जोर देकर कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र के लिए 'मौत की घंटी बजाने' के भाजपा के प्रयासों का कोई असर नहीं होगा. भारत इतना महान देश है कि इसे फासीवादियों द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता. मोइत्रा को पिछले साल निष्कासित किए जाने के बाद उसी कृष्णानगर सीट से टीएमसी ने फिर से नामांकित किया. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर 'भगवा खेमे के राजनीतिक एजेंट' के रूप में काम करने का आरोप लगाया.

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, मोइत्रा ने कहा, 'चुनाव आयोग ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है. आयुक्तों का चयन एक चयन समिति द्वारा किया जाता है, जहां केंद्र के पास दो-तिहाई बहुमत है'. उन्होंने कहा कि मेरी जीत के बारे में कोई संदेह नहीं है. यह इस बारे में है कि अंतर कितना बड़ा होगा, जिसका फैसला 4 जून को होगा. मैं यहां रहती हूं. पिछले पांच वर्षों से अपने लोगों के बीच हूं. उससे पहले भी एक विधायक के रूप में हूं. बहुत मजबूत संबंध है और सच कहूं तो यहां कोई चुनाव मोड नहीं है.

उन्होंने 2019 के चुनावों में 60,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की, कुल वोटों का 45 प्रतिशत हासिल किया. 49 वर्षीय राजनेता ने कहा, 'मेरी जीत मुझे निष्कासित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश का उचित जवाब होगी'.

लोकसभा में अपनी मुखरता और उग्र बहस के लिए जानी जाने वाली मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था. संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें उपहार स्वीकार करने और अवैध संतुष्टि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. जेपी मॉर्गन चेज के पूर्व निवेश बैंकर, एथिक्स कमेटी द्वारा निष्कासन की सिफारिश को 'कंगारू अदालत द्वारा पूर्वनिर्धारित मैच' करार दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि भाजपा देश में लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.

मोइत्रा ने कहा, 'मैं यह बात संसद में अपने पहले भाषण से ही कह रही हूं. भाजपा एक संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में भारत की मृत्यु की घंटी बजा रही है. लेकिन भारत इतना महान राष्ट्र है कि इन फासीवादी ठगों द्वारा इसे नष्ट नहीं किया जा सकता'.

यह पूछे जाने पर कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग भाजपा द्वारा प्रचारित कहानी के बजाय उनके पक्ष पर विश्वास क्यों करेंगे? मोइत्रा ने कहा कि वह इस मिट्टी की बेटी हैं. यह मेरी कर्मभूमि और मेरी धर्मभूमि है. मेरे लोग मेरा 100 प्रतिशत समर्थन करेंगे.

जबकि कैश-फॉर-क्वेरी विवाद ने एक सांसद के रूप में उनके पहले कार्यकाल को अचानक समाप्त कर दिया. इससे टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व और पूरे विपक्ष के अटूट समर्थन के साथ, पार्टी के भीतर उनका कद निर्विवाद रूप से बढ़ गया.

अपने परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी और ईडी के समन के बारे में बोलते हुए, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया, मोइत्रा ने आरोप लगाया कि वे एजेंसियां ​​भाजपा का अभिन्न अंग हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बाद भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी संपत्ति पर छापेमारी की. इसे उन्होंने खारिज कर दिया.

इसके अतिरिक्त, ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए उन्हें और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को नया समन जारी किया है. मोइत्रा ने हाल ही में चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा उनके अभियान को बाधित करने और चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने के लिए सीबीआई और ईडी को नियुक्त कर रही है. उन्होंने इस मामले पर चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई करने पर संदेह व्यक्त किया.

मोइत्रा ने कहा, 'चुनाव आयोग अब अपनी स्वतंत्रता खो चुका है. आयुक्तों को प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के दो-तिहाई बहुमत द्वारा चुना जाता है. 30 मिनट के भीतर 200 नाम चुनने के लिए दिए गए (पिछले महीने अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दो चुनाव आयुक्त). पूरी कवायद एक दिखावा है'.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में करीमपुर सीट से पूर्व विधायक ने कहा कि विपक्षी नेता और राजनीतिक दल अभी भी चुनाव आयोग को लिखते हैं. हमें इसे इतिहास के लिए लिखने और दर्ज करने की जरूरत है. यह महत्वपूर्ण भी है.

यह पूछे जाने पर कि दोबारा निर्वाचित होने पर क्या वह नीतिगत मुद्दों पर भगवा पार्टी पर उसी उत्साह के साथ हमला करना जारी रखेंगी? मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा, 'आपको क्या लगता है कि मैं अपनी सीट पर वापस आऊंगी और भाजपा के लिए गीत गाऊंगी?'.

मोइत्रा ने एक निजी समूह की संपत्ति के विस्तार में केंद्र की भागीदारी पर बार-बार सवाल उठाया था. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई मुकदमे दायर किए थे. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को हराना संभव है? क्योंकि विपक्षी गुट इंडिया को अधिकांश राज्यों में पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है... मोइत्रा ने कहा, 'जनता ही अंतिम निर्णय लेने वाली है. मुझे जनता पर भरोसा है. इसमें देरी हो सकती है लेकिन ऐसा होगा'.

टीएमसी नेता ने कहा, 'सीएए नियमों के लागू होने से उनके निर्वाचन क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, जहां काफी मतुआ आबादी है. पड़ोसी सीट रानाघाट में मतुआ आबादी अधिक संख्या में है. यहां हमारा प्रतिशत छोटा है. लेकिन हां, मटुआ संगठन स्वयं अपने सदस्यों से कह रहे हैं कि वे सीएए के लिए आवेदन न करें. खुद को अवैध विदेशी के रूप में चिह्नित करें, क्योंकि उन्होंने पिछले वर्षों से सभी राज्य लाभों का आनंद लिया है'.

मोइत्रा ने अखिल भारतीय मटुआ महासंघ के 'बांग्लादेश में पिछले आवासीय पते को साबित करने' वाले निर्देश का जिक्र किया. इसमें अपने सदस्यों को आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण नागरिकता आवेदन जमा करने से परहेज करने की सलाह दी गई है.

उनसे भगवा खेमे से उनकी प्रतिद्वंद्वी कृष्णानगर शाही परिवार की राजमाता अमृता रॉय के बारे में राय पूछी गई. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार का उनके लिए कोई महत्व नहीं है. मेरी लड़ाई बीजेपी के चुनाव चिन्ह के खिलाफ है. मुझे इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं है कि उन्होंने किसे खड़ा किया है. 4 जून को नतीजे बताएंगे.

पढ़ें: महुआ मोइत्रा के प्रचार अभियान में बरसीं ममता बनर्जी, बीजेपी को दी 200 सीट का पार करने की चुनौती - Lok Sabha Election

कोलकाता: वरिष्ठ टीएमसी (TMC) नेता महुआ मोइत्रा को अपनी कृष्णानगर लोकसभा सीट बड़े अंतर से हासिल करने का भरोसा है. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियों ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में छापेमारी कर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश की. उनकी जीत पिछले साल उन्हें लोकसभा से निष्कासित करने का उचित जवाब होगी.

महुआ मोइत्रा ने जोर देकर कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र के लिए 'मौत की घंटी बजाने' के भाजपा के प्रयासों का कोई असर नहीं होगा. भारत इतना महान देश है कि इसे फासीवादियों द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता. मोइत्रा को पिछले साल निष्कासित किए जाने के बाद उसी कृष्णानगर सीट से टीएमसी ने फिर से नामांकित किया. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर 'भगवा खेमे के राजनीतिक एजेंट' के रूप में काम करने का आरोप लगाया.

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, मोइत्रा ने कहा, 'चुनाव आयोग ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है. आयुक्तों का चयन एक चयन समिति द्वारा किया जाता है, जहां केंद्र के पास दो-तिहाई बहुमत है'. उन्होंने कहा कि मेरी जीत के बारे में कोई संदेह नहीं है. यह इस बारे में है कि अंतर कितना बड़ा होगा, जिसका फैसला 4 जून को होगा. मैं यहां रहती हूं. पिछले पांच वर्षों से अपने लोगों के बीच हूं. उससे पहले भी एक विधायक के रूप में हूं. बहुत मजबूत संबंध है और सच कहूं तो यहां कोई चुनाव मोड नहीं है.

उन्होंने 2019 के चुनावों में 60,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की, कुल वोटों का 45 प्रतिशत हासिल किया. 49 वर्षीय राजनेता ने कहा, 'मेरी जीत मुझे निष्कासित करने और मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश का उचित जवाब होगी'.

लोकसभा में अपनी मुखरता और उग्र बहस के लिए जानी जाने वाली मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था. संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें उपहार स्वीकार करने और अवैध संतुष्टि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. जेपी मॉर्गन चेज के पूर्व निवेश बैंकर, एथिक्स कमेटी द्वारा निष्कासन की सिफारिश को 'कंगारू अदालत द्वारा पूर्वनिर्धारित मैच' करार दिया गया था. उन्होंने दावा किया कि भाजपा देश में लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश कर रही है.

मोइत्रा ने कहा, 'मैं यह बात संसद में अपने पहले भाषण से ही कह रही हूं. भाजपा एक संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में भारत की मृत्यु की घंटी बजा रही है. लेकिन भारत इतना महान राष्ट्र है कि इन फासीवादी ठगों द्वारा इसे नष्ट नहीं किया जा सकता'.

यह पूछे जाने पर कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग भाजपा द्वारा प्रचारित कहानी के बजाय उनके पक्ष पर विश्वास क्यों करेंगे? मोइत्रा ने कहा कि वह इस मिट्टी की बेटी हैं. यह मेरी कर्मभूमि और मेरी धर्मभूमि है. मेरे लोग मेरा 100 प्रतिशत समर्थन करेंगे.

जबकि कैश-फॉर-क्वेरी विवाद ने एक सांसद के रूप में उनके पहले कार्यकाल को अचानक समाप्त कर दिया. इससे टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व और पूरे विपक्ष के अटूट समर्थन के साथ, पार्टी के भीतर उनका कद निर्विवाद रूप से बढ़ गया.

अपने परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी और ईडी के समन के बारे में बोलते हुए, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया, मोइत्रा ने आरोप लगाया कि वे एजेंसियां ​​भाजपा का अभिन्न अंग हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों के बाद भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी संपत्ति पर छापेमारी की. इसे उन्होंने खारिज कर दिया.

इसके अतिरिक्त, ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए उन्हें और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को नया समन जारी किया है. मोइत्रा ने हाल ही में चुनाव आयोग से शिकायत की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा उनके अभियान को बाधित करने और चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने के लिए सीबीआई और ईडी को नियुक्त कर रही है. उन्होंने इस मामले पर चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई करने पर संदेह व्यक्त किया.

मोइत्रा ने कहा, 'चुनाव आयोग अब अपनी स्वतंत्रता खो चुका है. आयुक्तों को प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के दो-तिहाई बहुमत द्वारा चुना जाता है. 30 मिनट के भीतर 200 नाम चुनने के लिए दिए गए (पिछले महीने अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दो चुनाव आयुक्त). पूरी कवायद एक दिखावा है'.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में करीमपुर सीट से पूर्व विधायक ने कहा कि विपक्षी नेता और राजनीतिक दल अभी भी चुनाव आयोग को लिखते हैं. हमें इसे इतिहास के लिए लिखने और दर्ज करने की जरूरत है. यह महत्वपूर्ण भी है.

यह पूछे जाने पर कि दोबारा निर्वाचित होने पर क्या वह नीतिगत मुद्दों पर भगवा पार्टी पर उसी उत्साह के साथ हमला करना जारी रखेंगी? मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा, 'आपको क्या लगता है कि मैं अपनी सीट पर वापस आऊंगी और भाजपा के लिए गीत गाऊंगी?'.

मोइत्रा ने एक निजी समूह की संपत्ति के विस्तार में केंद्र की भागीदारी पर बार-बार सवाल उठाया था. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई मुकदमे दायर किए थे. यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को हराना संभव है? क्योंकि विपक्षी गुट इंडिया को अधिकांश राज्यों में पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है... मोइत्रा ने कहा, 'जनता ही अंतिम निर्णय लेने वाली है. मुझे जनता पर भरोसा है. इसमें देरी हो सकती है लेकिन ऐसा होगा'.

टीएमसी नेता ने कहा, 'सीएए नियमों के लागू होने से उनके निर्वाचन क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, जहां काफी मतुआ आबादी है. पड़ोसी सीट रानाघाट में मतुआ आबादी अधिक संख्या में है. यहां हमारा प्रतिशत छोटा है. लेकिन हां, मटुआ संगठन स्वयं अपने सदस्यों से कह रहे हैं कि वे सीएए के लिए आवेदन न करें. खुद को अवैध विदेशी के रूप में चिह्नित करें, क्योंकि उन्होंने पिछले वर्षों से सभी राज्य लाभों का आनंद लिया है'.

मोइत्रा ने अखिल भारतीय मटुआ महासंघ के 'बांग्लादेश में पिछले आवासीय पते को साबित करने' वाले निर्देश का जिक्र किया. इसमें अपने सदस्यों को आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण नागरिकता आवेदन जमा करने से परहेज करने की सलाह दी गई है.

उनसे भगवा खेमे से उनकी प्रतिद्वंद्वी कृष्णानगर शाही परिवार की राजमाता अमृता रॉय के बारे में राय पूछी गई. उन्होंने कहा कि उम्मीदवार का उनके लिए कोई महत्व नहीं है. मेरी लड़ाई बीजेपी के चुनाव चिन्ह के खिलाफ है. मुझे इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं है कि उन्होंने किसे खड़ा किया है. 4 जून को नतीजे बताएंगे.

पढ़ें: महुआ मोइत्रा के प्रचार अभियान में बरसीं ममता बनर्जी, बीजेपी को दी 200 सीट का पार करने की चुनौती - Lok Sabha Election

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.