रायपुर : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस में हिस्सा लिया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे किसान खुशहाल होंगे तो देश खुशहाल होगा. किसानों के लिए खेती-किसानी आजीविका का साधन ही नहीं बल्कि देश की इकॉनामी को गति देने, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास का आधार है.
कैंसर रोधी धान संजीवनी का लोकार्पण : इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई धान की इम्यूनोबूस्टर एवं कैंसर रोधी नवीन किस्म ‘संजीवनी’ के तीन उत्पाद संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क तथा संजीवनी राइस बार का लोकार्पण किया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने कृषि दर्शिका 2024 का विमोचन भी किया.
'' कृषि वैज्ञानिकों के लिए ये अमृत काल है. अब कृषि दूध, सब्जी, तिलहन के केवल उत्पादन तक सीमित नहीं हैं. उत्पादनों का प्रसंस्करण कर वेल्यू एडिशन के क्षेत्र में बेहतर विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं.'' जगदीश धनखड़, उपराष्ट्रपति
भारत की अर्थव्यवस्था में किसानों का अतुलनीय योगदान : उप राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा कि आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसमें किसानों का योगदान अतुलनीय है. कृषि के क्षेत्र में विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों के योगदान से इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि होगी. 2047 तक विकसित भारत का निर्माण केवल सपना नहीं हमारा लक्ष्य है. इसे हासिल करने में कृषि वैज्ञानिकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी. कृषि के क्षेत्र में आज स्टार्टअप के लिए नई संभावनाएं और बेहतर विकल्प हैं.
विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री का पौधा रोपा : इससे पहले उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय परिसर में कृषि स्टार्ट अप, बायोटेक और कृषि विज्ञान केंद्र के स्टालों का निरीक्षण किया. उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और कृषि मंत्री रामविचार नेताम के साथ विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री का पौधा भी रोपा. कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंदेल ने अतिथियों का स्वागत किया.