देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में जुट रहे श्रद्धालुओं के सैलाब का अंदाजा पर्यटन विभाग को पहले से था. लिहाजा पर्यटन विभाग द्वारा अपने रजिस्ट्रेशन और सत्यापन मैनेजमेंट को और अधिक मजबूत करते हुए इस बार यात्रियों के मैनेजमेंट के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे के अनुसार यात्रा की शुरुआत से लेकर 28 मई तक 11 लाख 57 हजार यात्रियों ने चारधामों के दर्शन किए हैं. आने वाले 1 जून से लेकर 30 जून तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों की संख्या तकरीबन 15 लाख है. ऐसे में यात्रियों को चारधामों में यात्रा पंजीकरण से लेकर दर्शन तक चार महत्वपूर्ण प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा.
चार जगहों पर यात्रियों का होगा रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन: बता दें कि यात्रियों का सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और उसके बाद वेरिफिकेशन किया जाएगा. वेरिफिकेशन के लिए पर्यटन विभाग द्वारा यमुनोत्री के लिए बड़कोट, गंगोत्री के लिए हिना, बदरीनाथ के लिए पांडुकेश्वर और केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग वेरिफिकेशन प्वाइंट बनाए गए हैं. वहीं, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि 2022 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के पहले साल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों के सापेक्ष केवल 19% यात्रियों का वेरिफिकेशन हुआ था, जबकि 2023 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों के सापेक्ष 54% वेरिफिकेशन किया गया. उन्होंने कहा कि इस बार पर्यटन विभाग की कोशिश है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों के वेरिफिकेशन का आंकड़ा 70 फ़ीसदी तक पहुंचे.
चारधामों में स्टॉल मैनेजमेंट की ये है प्रक्रिया: चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को पंजीकरण और वेरिफिकेशन कराना जरूरी है. चारधामों में अपने टाइम स्लॉट के अनुसार दर्शन करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा टोकन व्यवस्था की गई है, जिसे समझना भी बेहद जरूरी है. पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि जब यात्री धाम पर पहुंचता है, तो उसको एक टोकन इश्यू किया जाता है. जिस समय वह मंदिर के दर्शन करता है, उस समय उस टोकन की स्टांपिंग की जाती है. उन्होंने बताया कि पंजीकरण और सत्यापन यह रजिस्ट्रेशन मैनेजमेंट से संबंधित प्रक्रिया है, जबकि टोकन इश्यू और उसके स्टांपिंग स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम का भाग है.
बदरीनाथ स्लॉट के अनुसार 70% यात्रियों ने किए दर्शन: सचिन कुर्वे ने बताया कि बदरीनाथ में स्लॉट के अनुसार दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 70 फ़ीसदी है. केदारनाथ में स्लॉट के अनुसार दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 50% के ऊपर है, जबकि गंगोत्री में भी इश्यू किए जाने वाले टोकन के सापेक्ष दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या 50% के आसपास है. उन्होंने कहा कि इससे पता लगता है कि जिस हिसाब से टोकन इश्यू किए जा रहे हैं. ज्यादातर लोग इस टाइम स्लॉट के अनुसार मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं.
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