रुद्रपुर/देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ और उत्तर प्रदेश एसटीएफ समेत वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) दिल्ली ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बरेली क्षेत्र से 2 हाथी दांत के साथ 3 अंतरराज्यीय वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए तस्करों के खिलाफ थाना सीवीगंज जिला बरेली में वन्यजीव अधिनियम (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है.
मामले के तहत, उत्तराखंड एसटीएफ ने यूपी एसटीएफ और डब्ल्यूसीसीबी दिल्ली के साथ मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में वन्यजीव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की. जिसमें 3 शातिर वन्यजीव तस्करों को 2 हाथी दांत के साथ गिरफ्तार किया गया. उत्तराखंड एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर के मुताबिक इन लोगों का लंबे समय से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में वन्यजीव अंगों की तस्करी करने का इनपुट मिल रहा था. जिस पर एसटीएफ की एक टीम को गोपनीय रूप से इस पर कार्रवाई के लिए लगाया गया था.
शिकार के बारे में पूछताछ जारी: मंगलवार को एसटीएफ को इन तस्करों की वन्यजीव अंगों के साथ बरेली में होने की जानकारी मिली. जिसके बाद एसटीएफ ने यूपी एसटीएफ से संपर्क किया और थाना सीवीगंज क्षेत्र में रेड करते हुए तीनों वन्यजीव तस्करों की गिरफ्तारी की गई. टीम ने आदित्य विक्रम पुत्र सत्येंद्र सिंह, निवासी बरेली यूपी, नत्था सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह निवासी जिला लखीमपुर खीरी यूपी हाल निवासी नानकमत्ता, उधमसिंह नगर और करण सिंह पुत्र सेवाराम निवासी बरेली यूपी को 2 हाथी दांत (लंबाई सवा तीन फीट.) के साथ गिरफ्तार किया है. बरामद दांत वाले हाथी का शिकार कब, कहां और किस जंगल में किस तरह किया गया? यह पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.
बरेली में मुकदमा दर्ज: एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि हाथी को वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है. इसका शिकार करना गंभीर अपराध है. पकड़े गए तस्करों के खिलाफ थाना सीवीगंज जनपद बरेली में वन्यजीव अधिनियम (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है.
ये भी पढ़ेंः मॉनिटर लिजर्ड के अंगों की तस्करी का मामला, वन विभाग ने राजस्थान से साथी तस्कर को किया अरेस्ट