देहरादून: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शन यात्रा को पंख लगने वाले हैं. उत्तराखंड पर्यटन विभाग की नई पहल के तहत पिथौरागढ़ में स्थित आदि कैलाश और ओम पर्वत के शीतकालीन दर्शन को लेकर 15 अप्रैल से यात्रा शुरू होने जा रही है. इसके लिए किस तरह से रजिस्ट्रेशन करना है और इस यात्रा में कितना खर्च आएगा, आपको बताते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि कैलाश, ओम पर्वत यात्रा के ब्रांड एंबेसडर: पिछले कई सालों से गढ़वाल क्षेत्र में पड़ने वाले केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद केदारनाथ में तीर्थ यात्रियों की संख्या में गजब का इजाफा देखने को मिला है. बीते साल के आखिर में उत्तराखंड के मानसखंड में पड़ने वाले आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश और दुनिया का ध्यान उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मौजूद धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की ओर खींचा है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार भी कुमाऊं क्षेत्र की इस विशेष धार्मिक यात्रा को बढ़ावा देने के लिए बड़ी कवायद शुरू करने जा रही है.
15 अप्रैल से शुरू हो रही है आदि कैलाश यात्रा, 22 दिन की बुकिंग फुल: 15 अप्रैल से आदि कैलाश और ओम पर्वत दर्शन यात्रा शुरू होने जा रही है, जो कि पूरी तरह से हेलीकॉप्टर के माध्यम से की जाएगी. दलअसल यहां पर इस वक्त बाय रोड यात्रा करना संभव नहीं है. इसलिए हेलीकॉप्टर के माध्यम से इस पूरी यात्रा का रोड मैप में तैयार किया गया है. आगामी 15 अप्रैल को 12 लोगों के पहले दल को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उतारा जा रहा है, जो इस टूरिज्म मॉडल के पहले साक्षी बनेंगे. 15 अप्रैल से 8 में तक यह यात्रा सीजन जारी रहेगा. इस दौरान हर दिन 12 से 18 लोग आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा कर सकते हैं.
पहले दिन पिथौरागढ़ में मेडिकल कैंप से शुरू होने वाली यह यात्रा, अगले 3 दिन तक आपको आदि कैलाश, शिव पार्वती मंदिर और ओम पर्वत के दर्शन करा कर पांचवें दिन वापस लौटेगी. इस दौरान यात्रियों का स्टे पूरी तरह से सीमांत गांव में मौजूद होमस्टे में होगा. यात्रियों को हर तरह की सुविधा ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी. इससे लोकल स्तर पर स्थानीय लोगों को आर्थिकी और रोजगार में मदद मिलेगी. यह यात्रा 8 में तक जारी रहेगी जिसमें से अब तक 100 से ज्यादा लोगों की प्री बुकिंग हो चुकी है जो कि आगामी 20 से 22 दिन तक की बुकिंग है.
आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा के 5 दिन का शेड्यूल:
Day 1 - पिथौरागढ़ में मेडिकल कैंप में स्टे
Day 2 - दूसरे दिन चौपर से पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके में मौजूद गुंजी, नाभि या नपल्चों में से किसी गांव में मौजूद होमस्टे में रात्रि विश्राम करवाया जायेगा
Day 3 - अगले दिन यानी तीसरे दिन गुंजी से चौपर से जोलिंगकोंग में लैंडिंग होगी और वहां से आदि कैलाश के दर्शन करने बाद ATV से डेढ़ किलोमीटर चलने के बाद शिव पार्वती मंदिर के दर्शन और वहां से भी आदि कैलाश के दिव्य दर्शन के बाद वापस चौपर लैंडिग साइट पर आकर गूंजी में रात्रि विश्राम के लिए उड़ान भरी जायेगी
Day 4 - चौथे दिन फिर गुंजी से चौपर से उड़ान भर के नाभिढांग में लैंड करके वहां से ॐ पर्वत के दर्शन करने के बाद कुछ देर रुक कर वहां से वापस गूंजी में रात्रि विश्राम
Day 5 - इसके बाद आखिरी यानी पांचवें दिन गुंजी से पिथौरागढ़ आने के बाद यात्रा के पांच दिन का पैकेज का समापन होगा
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन, लगेंगे यह डॉक्यूमेंट: उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड द्वारा अधिकृत की गई ट्रिप टू टेंपल्स ट्रैवल एजेंसी के अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया कि इस यात्रा के लिए यात्री (trip to temples.com) पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके अलावा एजेंसी के नंबर 918510007751 पर भी यात्री संपर्क कर सकता है. इस यात्रा के लिए आपको 12 से लेकर 70 साल के बीच में होना चाहिए.
आपको फिटनेस सर्टिफिकेट यानी मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा. ट्रैवल एजेंसी द्वारा दिए गए एफिडेविट को आपको भरना होगा. क्योंकि यह यात्रा सीमांत क्षेत्र यानी इनर लाइन पर होनी है, इसलिए आपको पुलिस वेरीफिकेशन करवाना होगा. यदि पासपोर्ट है तो पुलिस वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं है.
सरकार से 30 हजार की सब्सिडी के बाद आयेगा 90 हजार का खर्च: उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में होने वाली चारधाम यात्रा के बाद उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की यह पहली ऐसी यात्रा है जो कि विंटर टूरिज्म के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित कर सकती है. इस यात्रा के लिए अधिकृत एजेंसी के अधिकारी विकास मिश्रा का कहना है कि इस तरह की यात्रा के लिए लोग विदेश में स्विट्जरलैंड इत्यादि का रुख करते हैं. उसी की तर्ज पर देश की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए ये पहल शुरू की गई है.
विकास मिश्रा ने बताया कि इस तरह के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी ज्यादा खर्च आता है और बड़े पैकेज के रूप में खर्च होता है. लेकिन उत्तराखंड सरकार द्वारा इस डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने और इस तरह की विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यात्रियों को 30,000 तक की सब्सिडी दी जा रही है.
विकास मिश्रा ने बताया कि यह शीतकालीन यात्रा पूरी तरह से हेलीकॉप्टर के माध्यम से आयोजित की जाएगी. इसमें छह अलग-अलग उड़ानें भरी जानी हैं. इसमें प्रति यात्री का खर्च तकरीबन 1 लाख 20 हजार है जो कि चारधाम यात्रा को हेलीकॉप्टर से किए जाने की तुलना में भी कम है. वहीं सरकार द्वारा दी जा रही 30 हजार की सब्सिडी के बाद प्रत्येक यात्री को इस यात्रा के लिए खर्च तकरीबन 90 हजार के करीब आता है जो कि बहुत फायदे का सौदा है.
सीमांत क्षेत्रों में वाइब्रेंट विलेज की परिभाषा होगी चरितार्थ: ट्रिप टू टेंपल के अधिकारी विकास मिश्रा का कहना है कि इस यात्रा के जरिए जहां एक तरफ पर्यटन और एडवेंचर के नए आयाम स्थापित होंगे, तो वहीं इस यात्रा से सीमांत क्षेत्रों में मौजूद ग्रामीणों को जो कि शीतकाल में अक्सर निचले इलाकों में आ जाते हैं, उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने का जरिया मिलेगा. इस यात्रा के माध्यम से पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र में मौजूद इन गांवों के लोगों को आजीविका का एक जरिया भी मिलेगा. ये विंटर टूरिज्म उत्तराखंड के पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ ही सीमा सुरक्षा और वाइब्रेंट विलेज की परिकल्पना को चरितार्थ करेगी.
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