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कितनी तरह के होते हैं UPI फ्रॉड? बचने के लिए करें ये काम

स्कैमर्स यूपीआई से फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. लोगों को इन खतरों से बचने की जरूरत है.

UPI फ्रॉड
UPI फ्रॉड (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 4, 2024, 4:10 PM IST

नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को भारत समेत दुनिया के कई देशों में पैसों के लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इसकी मदद से लोग कहीं भी कभी भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. साथ ही यूपीआई ने कैश की जरूरत को भी कम कर दिया है. बेशक यूपीआई ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही कई चिंताएं भी बढ़ा दी हैं.

दरअसल, डिजिटल कनेक्टिविटी में बढ़ोत्तरी के कारण UPI से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. स्कैमर्स यूपीआई से फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. लोगों को इन खतरों से बचने की जरूरत है. बता दें कि ऑनलाइल ठग यूपीआई के जरिए कई तरह के फ्रॉड अंजाम दे रहे हैं. इनमें फिशिंग स्कैम, फेक कॉल और स्वैपिंग शामिल हैं.

ऐसे में अगर आप भी यूपीआई से लेनदेन करते हैं तो आज हम बताने जा रहे हैं कि यूपीआई के जरिए स्कैमर्स किस-किस तरह के स्कैम करते हैं और आपको इनसे बचने के लिए क्या करना चाहिए?

फिशिंग स्कैम
स्कैमर्स यूपीआई यूजर्स के पास फेक यूपीआई पेमेंट रिक्वेस्ट या खुद को बैंक या सर्विस प्रवाइडर बता कर लोगों को मैसेज या कॉल करते हैं. संपर्क करने के बाद वह आपको झांसा देकर आपका यूपीआई पिन या बाकी संवेदनशील जानकारी मांगते हैं.

फेक यूपीआई ऐप्स
लोगों से ठगी करने के लिए स्कैमर्स फर्जी ऐप्स बनाते हैं. ये ऐप्स हूबहू असली ऐप्स की तरह दिखते हैं. इतना ही नहीं स्कैमर्स आपको ये ऐप्स डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. जैसे ही आप ऐप को डाउनलोड करके अपनी डिटेल्स फिल करते हैं, वैसे ही आपका सारा डेटा स्कैमर्स के पास चला जाता है.

पहचान बदलकर करते हैं कॉल
धोखाधड़ी करने के लिए स्कैमर्स कई बार आपको फोन करके खुद को बैंक अधिकारी या UPI कर्मचारी बताते हैं और आपसे आपका UPI PIN या OTP जैसी जानकारी मांगते हैं.

क्यूआर कोड से स्कैम
इतना ही नहीं कई बार स्कैमर्स ठगी के लिए क्यूआर कोड में भी हेरफेर कर देते हैं ऐसे में स्कैन करने से पहले क्यूआर कोड को जरूर क्रॉस-चेक कर लें कि आप जिसे पैसे भेज रहे हैं क्या ये क्यूआर कोड उसका ही है?

सिम कार्ड स्वैप
इतना ही नहीं फ्रॉड करने वाले कई बार मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को भी चकमा दे देते हैं और यूजर का सिम कार्ड को स्वैप करके उनका यूपीआई-लिंक्ड मोबाइल नंबर ले लेते हैं. इस तरह आपके नंबर पर आने वाले सभी ओटीपी उनके पास पहुंच जाते और वे आपके यूपीआई खाते तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं.

फेक यूपीआई आईडी रिक्वेस्ट
जालसाज पेमेंट रीक्वेस्ट भेजने के लिए असली दिखने वाली फेक यूपीआई आईडी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में यूजर्स इस रीक्वेस्ट को असली समझ बैठते हैं और स्कैमर्स का शिकार बन जाते हैं.

UPI स्कैम से कैसे बचें?

  • UPI स्कैम से बचने के लिए आधिकारिक ऐप स्टोर या प्ले स्टोर से ही मोबाइल ऐप्लीकेशन डाउनलोड करें.
  • ईमेल, टेक्स्ट या सोशल मीडिया के जरिए शेयर किए जाने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें.
  • UPI पेमेंट रिक्वेस्ट और क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने से पहले क्रॉस-चेक करें.
  • UPI PIN, OTP या पासवर्ड जैसी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें.

यह भी पढ़ें- UPI लेनदेन पर हर महीने 650 रुपये का कैशबैक, साल में 7500 रुपये की होगी सेविंग, जानें कैसे मिलेगा फायदा?

नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को भारत समेत दुनिया के कई देशों में पैसों के लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इसकी मदद से लोग कहीं भी कभी भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. साथ ही यूपीआई ने कैश की जरूरत को भी कम कर दिया है. बेशक यूपीआई ने लोगों के जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही कई चिंताएं भी बढ़ा दी हैं.

दरअसल, डिजिटल कनेक्टिविटी में बढ़ोत्तरी के कारण UPI से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. स्कैमर्स यूपीआई से फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. लोगों को इन खतरों से बचने की जरूरत है. बता दें कि ऑनलाइल ठग यूपीआई के जरिए कई तरह के फ्रॉड अंजाम दे रहे हैं. इनमें फिशिंग स्कैम, फेक कॉल और स्वैपिंग शामिल हैं.

ऐसे में अगर आप भी यूपीआई से लेनदेन करते हैं तो आज हम बताने जा रहे हैं कि यूपीआई के जरिए स्कैमर्स किस-किस तरह के स्कैम करते हैं और आपको इनसे बचने के लिए क्या करना चाहिए?

फिशिंग स्कैम
स्कैमर्स यूपीआई यूजर्स के पास फेक यूपीआई पेमेंट रिक्वेस्ट या खुद को बैंक या सर्विस प्रवाइडर बता कर लोगों को मैसेज या कॉल करते हैं. संपर्क करने के बाद वह आपको झांसा देकर आपका यूपीआई पिन या बाकी संवेदनशील जानकारी मांगते हैं.

फेक यूपीआई ऐप्स
लोगों से ठगी करने के लिए स्कैमर्स फर्जी ऐप्स बनाते हैं. ये ऐप्स हूबहू असली ऐप्स की तरह दिखते हैं. इतना ही नहीं स्कैमर्स आपको ये ऐप्स डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. जैसे ही आप ऐप को डाउनलोड करके अपनी डिटेल्स फिल करते हैं, वैसे ही आपका सारा डेटा स्कैमर्स के पास चला जाता है.

पहचान बदलकर करते हैं कॉल
धोखाधड़ी करने के लिए स्कैमर्स कई बार आपको फोन करके खुद को बैंक अधिकारी या UPI कर्मचारी बताते हैं और आपसे आपका UPI PIN या OTP जैसी जानकारी मांगते हैं.

क्यूआर कोड से स्कैम
इतना ही नहीं कई बार स्कैमर्स ठगी के लिए क्यूआर कोड में भी हेरफेर कर देते हैं ऐसे में स्कैन करने से पहले क्यूआर कोड को जरूर क्रॉस-चेक कर लें कि आप जिसे पैसे भेज रहे हैं क्या ये क्यूआर कोड उसका ही है?

सिम कार्ड स्वैप
इतना ही नहीं फ्रॉड करने वाले कई बार मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को भी चकमा दे देते हैं और यूजर का सिम कार्ड को स्वैप करके उनका यूपीआई-लिंक्ड मोबाइल नंबर ले लेते हैं. इस तरह आपके नंबर पर आने वाले सभी ओटीपी उनके पास पहुंच जाते और वे आपके यूपीआई खाते तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं.

फेक यूपीआई आईडी रिक्वेस्ट
जालसाज पेमेंट रीक्वेस्ट भेजने के लिए असली दिखने वाली फेक यूपीआई आईडी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में यूजर्स इस रीक्वेस्ट को असली समझ बैठते हैं और स्कैमर्स का शिकार बन जाते हैं.

UPI स्कैम से कैसे बचें?

  • UPI स्कैम से बचने के लिए आधिकारिक ऐप स्टोर या प्ले स्टोर से ही मोबाइल ऐप्लीकेशन डाउनलोड करें.
  • ईमेल, टेक्स्ट या सोशल मीडिया के जरिए शेयर किए जाने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें.
  • UPI पेमेंट रिक्वेस्ट और क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने से पहले क्रॉस-चेक करें.
  • UPI PIN, OTP या पासवर्ड जैसी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें.

यह भी पढ़ें- UPI लेनदेन पर हर महीने 650 रुपये का कैशबैक, साल में 7500 रुपये की होगी सेविंग, जानें कैसे मिलेगा फायदा?

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