चंडीगढ़: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार हरियाणा के सिरसा लोकसभा क्षेत्र (Sirsa Lok Sabha Constituency) में प्रचार करने पहुंचे. सिरसा में नाथ संप्रदाय का प्रसिद्ध प्राचीन सरसाई नाथ मंदिर है. इस मंदिर की बहुत बड़ी मान्यता है. माना जाता है कि सिरसा शहर की स्थापना नाथ संम्प्रदाय के बाबा सरसाई नाथ ने ही की थी. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने बेटे दाराशिकोह के स्वस्थ होने की कामना करने के लिए बाबा सरसाईनाथ की पूजा की थी. उसके बाद दाराशिकोह स्वस्थ हो गया तो शाहशहां ने मठ को जमीन दान में दी और यहां गुंबदों का निर्माण कराया.
योगी के प्रचार से सिरसा समेत कई सीटों पर असर
योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ के प्रमुख हैं. गोरखनाथ मठ को नाथ संम्प्रदाय की प्रमुख गद्दी माना जाता है. इसलिए सिरसा समेत हरियाणा के सभी नाथ सम्प्रदायों में सीएम योगी का बड़ा असर है. उनके चुनाव प्रचार करने से मठों से जुड़े अनुयायियों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है. सिरसा सीट से बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर आये अशोक तंवर को टिकट दिया है. योगी आदित्यनाथ ने अशोक तंवर के पक्ष में वोट मांगे. सिरसा से कुछ ही दूर हिसार जिले में भी नाथ संप्रदाय का मठ है. इसलिए योगी की सिरसा रैली से हिसार सीट पर भी असर पड़ेगा.
रोहतक के मस्तनाथ मठ को उपाध्यक्ष की पदवी
हरियाणा में नाथ सम्प्रदाय की बात करें तो रोहतक में स्थित बाबा मस्तनाथ मठ भी काफी प्रसिद्ध है. मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ हैं, जो राजस्थान के अलवर लोकसभा सीट से 2019 में बीजेपी के सांसद बने. हाल में हुई राजस्थान विधानसभा चुनाव में वो तिजारा सीट से विधायक बने. बाबा बालकनाथ का हरियाणा के रोहतक समेत राजस्थान के अलवर और कई जिलों में अच्छी पकड़ है. रोहतक के मस्तनाथ मठ को नाथ संप्रदाय के उपाध्यक्ष की पदवी हासिल है.
रोहतक लोकसभा में बालकनाथ का बड़ा असर
रोहतक लोकसभा क्षेत्र में मस्तनाथ मठ के महंत और बीजेपी नेता बालकनाथ का बड़ा असर है. इस क्षेत्र में उनके प्रभाव को देखते हुए बीजेपी के विरोधी नेता भी उनके मठ में माथा टेकने पहुंचते हैं. इसी साल मार्च में हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान बालकनाथ का आशीर्वाद लेने मस्तनाथ मठ पहुंचे थे. दरअसल उस समय बालकनाथ के रोहतक सीट से बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाये जा रहे थे, जिसके चलते भूपेंद्र हुड्डा तनाव में आ गये थे. रोहतक भूपेंद्र हुड्डा का घर है. भूपेंद्र हुड्डा यहां से 4 बार सांसद रह चुके हैं. अभी रोहतक लोकसभा सीट से उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा चुनाव लड़ते हैं.
हिसार में नाथ संप्रदाय की सबसे पुरानी पीठ
रोहतक के अलावा हरियाणा के हिसार में नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी और प्राचीन पीठ है. हिसार लोकसभा क्षेत्र के कोथ कलां गांव में स्थित इस पीठ का नाम लद्दाईनाथ मठ है. हिसार समेत आस-पास के इलाके के लोगों में इस मठ की बड़ी गहरी आस्था है. माना जाता है कि इस पीठ की स्थापना महंत लद्दाईनाथ ने की थी. कहा जाता है कि इस पीठ में माथा टेकने मुगल बादशाह अकबर भी आया करता था. इस पीठ के कार्यक्रम में कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत कर चुके हैं. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर हैं, जो सभी मठों में प्रमुख है. नाथ संप्रदाय के ज्यादातर मठ और पीठाधीश्वर राजस्थान और हरियाणा से जुड़े हैं.
फरीदाबाद में है अवधूत नाथ धाम
हरियाणा के फरीदाबाद जिले में भी नाथ संप्रदाय का धाम है. बल्लभगढ़ के पन्हेरा खुर्द गांव में बाबा अवधूत नाथ उर्फ खड़ेसरि का धाम है. इसके मुखिया बाबा अवधूत नाथ ही हैं. इस धाम से भी काफी लोगों की मान्यता जुड़ी हुई है. यहां के कार्यक्रम में बड़े और वीआईपी नेताओं का आना-जाना रहता है. अप्रैल 2022 में बाबा अवधूत नाथ की 12 साल की तपस्या पूरी होने पर आयोजित हुए भंडारे में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे. फरीदाबाद भी लोकसभा क्षेत्र है. यहां से बीजेपी के केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर चुनाव लड़ते हैं.
हरियाणा में 25 मई को मतदान
हरियाणा में नाथ संप्रदाय के मठों और उसके मानने वालों को देखें तो यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का लोकसभा चुनाव में पहुंचना बड़ा फैक्टर है. नाथ संप्रदाय के मठों से जुड़े लोगों में उनका असर है. उनके साथ रोहतक पीठ के बाबा बालकनाथ भी पहुंचे. सीएम योगी राजधानी चंडीगढ़, कुरुक्षेत्र और सिरसा लोकसभा क्षेत्रों में 20 मई को प्रचार करने पहुंचे थे. हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के छठे चरण में 25 मई को मतदान है.