उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद पैकेट पर अब मंदिर के शिखर की फोटो नहीं लगेगी. काफी दिनों ने पैकेट से शिखर की फोटो हटाने का विवाद चल रहा था. इसको लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने भी फैसला सुनाते हुए 90 दिनों के अन्दर इसको हटाने का आदेश दिया था. रविवार को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. प्रबंध समिति ने पैकेट की डिजाइन का करेक्शन करके नए पैकेट तैयार करने का फैसला लिया है. इसके अलावा इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
इंदौर हाईकोर्ट ने 3 महीने की दी थी मोहलत
प्रबंध समिति की बैठक में मंदिर प्रबंध के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में कई निर्णय लिए गए. इनमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय प्रसाद के पैकेट छपने वाली मंदिर के शिखर की फोटो को हटाने को लेकर था. आपको बता दें कि, हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने इसी साल 24 अप्रैल को एक आदेश दिया था जिसमें कोर्ट ने कहा था कि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को 90 दिन में प्रसाद के पैकेट पर छपे मंदिर के शिखर की फोटो और ओम हटा देना है. जिस पर मंदिर समिति ने कोर्ट से मोहलत मांगी थी और निवेदन करते हुए कहा था कि पुराने पैकेट का स्टॉक खत्म हो जाने दीजिए, नए पैकेट से हटवा देंगे. दरअसल प्रसाद के बॉक्स पर मंदिर का शिखर बना हुआ है, जिसमें ऊं और शिखर के बीच में नागचंद्रेश्वर मंदिर का फोटो लगा है. प्रसाद लेने के बाद लोग डिब्बे को कचरे में फेंक देते हैं, जिसे धर्म के हिसाब से गलत माना गया है. इसलिए प्रसाद के पैकेट से मंदिर के शिखर की फोटो हटाने की मांग उठी थी.
बैठक में लिए गए कई फैसले
मंदिर प्रबंध समिति की बैठक के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि, "बैठक में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने और मंदिर का विस्तारीकरण होने के कारण व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग विंग बनाने का फैसला लिया गया है. इनमें सुरक्षा, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक सेफ्टी, वित्त का विंग रहेगा. इसमें रिटायर्ड अधिकारियों को शामिल कर उनकी राय ली जाएगी. साथ ही मंदिर समिति की चिंतामन जवासिया में संचालित गौशाला को मंदिर समिति की ग्राम बामोरा स्थित 11 हेक्टेयर जमीन पर नई गौशाला का निर्माण करने के बाद शिफ्ट किया जाएगा."
विजय दशमी पर ठाठ बाट से निकाली जाएगी सवारी
इसके अलावा कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा "महाकाल मंदिर के आसपास के क्षेत्र में स्थाई अतिक्रमण को हटाए जाने की आवश्यकता है. इसके साथ ही मंदिर के आस पास सुरक्षा बढ़ाने और अब और अतिक्रमण को रोकना है. विजय दशमी पर निकलने वाली सवारी को पूरे ठाट-बाट से निकालने का निर्णय लिया गया है." इसके अलावा इस बैठक में 2028 के सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई. यह बैठक श्री महाकाल लोक कंट्रोल रूम में संपन्न हुई.
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देश ही नहीं विदेशों में है लड्डू प्रसाद की डिमांड
मंदिर समिति की ओर से श्रद्धालुओं को शुद्ध घी और बेसन से निर्मित भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद बेचा जाता है. इसकी डिमांड न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी है. मंदिर समिति रोजाना 50 से 60 क्विंटल प्रसाद लड्डू बनवाती है. त्योहार के दिनों में इसकी खपत और बढ़ जाती है. यह लड्डू प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में उपलब्ध रहता है. भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद 400 रुपए किलो मिलता है. महाकाल मंदिर समिति प्रति माह 12 हजार लड्डू प्रसादी के पैकेट प्रिंट करवाती है.