मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में दावा किया कि देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह मेरे बेटे आदित्य को मुख्यमंत्री के रूप में तैयार करेंगे और खुद दिल्ली चले जाएंगे. लेकिन उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया. उन्होंने मुझे अपने ही लोगों के सामने झूठा बना दिया. मैं बालासाहेब के शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाऊंगा. उन्होंने वह वादा नहीं निभाया.
उन्होंने कहा, 'मैंने अपने पिता से वादा किया था कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा अमित शाह के साथ इस बात पर सहमति हुई थी कि सेना और बीजेपी का 2.5-2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री होगा'.
उद्धव ठाकरे के इस बयान से नया विवाद खड़ा हो गया है. गठबंधन टूटने की मुख्य वजह क्या है, इस पर अब नई बहस शुरू हो गई है. शिव सेना शिंदे गुट और भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे सिर्फ अपने परिवार और स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं.
झूठ बोलना ठाकरे की संस्कृति: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू पर कहा कि झूठ बोलना उद्धव ठाकरे की संस्कृति है. वे अपने परिवार की खातिर झूठ बोल रहे हैं. एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू में कही गई बात गलत है.
फडणवीस ने किया पलटवार: वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा, 'वह कभी कहते थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनना था, तो अब आदित्य का नाम ले रहे हैं. वह अपने आप में भ्रमित व्यक्ति हैं'.
बीजेपी ने उद्धव ठाकरे को बताया स्वार्थी: शिवसेना शिंदे गुट के नेताओं ने हालांकि कहा कि ठाकरे झूठ बोल रहे हैं. एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे का जिक्र गलत है. वह झूठ बोल रहे हैं. शिवसेना शिंदे ग्रुप और भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उद्धव ठाकरे हमेशा से अपने परिवार और स्वार्थ के लिए काम करते आ रहे हैं.
ठाकरे के हक के आए सांसद विनायक: इस संदर्भ में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के सांसद विनायक राऊत ने कहा कि अगर आज इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने सफाई दी है तो ये सच ही होगा. देवेंद्र फडणवीस हमेशा वादे करने वाले व्यक्ति रहे हैं. हम इस बारे में तब और विस्तार से बात करेंगे, जब इस संबंध में उद्धव ठाकरे द्वारा दी गई अधिक जानकारी हमारे सामने आएगी और भूमिका समझ में आएगी. बहरहाल, ठाकरे ने जो तथ्य पेश किए हैं, उन्हें फिलहाल सच ही माना जाना चाहिए.
झूठ बोल रहे ठाकरे: इस संबंध में विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि उद्धव ठाकरे बहुत झूठ बोल रहे हैं. वे झूठे हैं. दरअसल उस वक्त इस पूरी प्रक्रिया में आदित्य ठाकरे कहीं नहीं थे. उन्हें मंत्री भी नहीं बनाया जाने वाला था, आखिरी वक्त में उन्हें मंत्री बनने का मौका दिया गया. इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का सवाल ही नहीं उठता.
उन्होंने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब से वादा किया है कि वह किसी शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएंगे, तो क्या वह शिवसैनिक ठाकरे के परिवार से होना चाहिए? क्या शिवसेना में केवल दो शिवसैनिक थे उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे? दरअसल उन्हें अपने स्वार्थ से आगे कुछ नहीं दिखता. अब यह स्पष्ट हो रहा है कि गठबंधन सिर्फ इसलिए टूटा क्योंकि वे अपने घर में सत्ता और मुख्यमंत्री पद चाहते थे. इसलिए अब उद्धव ठाकरे झूठ बोल रहे हैं और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. इसकी संभावना नहीं है कि फड़णवीस ने ऐसा कोई वादा किया हो.
ठाकरे का धृतराष्ट्र प्रेम जागृत: बीजेपी प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी ने इस संबंध में कहा कि देवेंद्र फड़णवीस के लिए उद्धव ठाकरे को इस तरह का वादा करना संभव नहीं है. उद्धव ठाकरे झूठ बोल रहे हैं. अब उनका धृतराष्ट्र प्रेम जाग गया है. उन्होंने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए यह नई चाल चली है. दरअसल उद्धव ठाकरे को कभी भी हिंदुत्व, बाला साहेब, मराठी मानुष में कोई दिलचस्पी नहीं रही. उनकी दिलचस्पी सिर्फ खुद को और अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने में थी. यह अब स्पष्ट हो रहा है और इसीलिए स्वार्थ के कारण उनका गठबंधन टूट गया. यह बात उनके बयान से साफ है.
शिवराय कुलकर्णी ने आरोप लगाया कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन टूटने के लिए उद्धव ठाकरे का अपने परिवार के प्रति स्वार्थ और सब कुछ लूटने का रवैया जिम्मेदार है.