उत्तरकाशी: डोडीताल ट्रेक पर मांझी से एक किमी पहले दो स्थानीय ट्रैकर्स के फंसने की आपातकालीन एसओएस कॉल प्राप्त हुई है. जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, वन विभाग और पुलिस विभाग की टीमों को तुरंत मौके पर भेजा. इनमें से एक ट्रैकर को हार्ट अटैक पड़ने की सूचना दी गई थी. जब तक इस ट्रेकर को मेडिकल सहायता मिल पाती इसकी रास्ते में ही मौत हो गई.
ये ट्रेकर रविवार शाम 4 बजे अगोड़ा से डोडीताल ट्रेक पर जा रहे थे. जिनमें एक ट्रेकर को हार्ट अटैक आग गया. बताया जा रहा है कि आधे रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गयी. मृतक व्यक्ति का नाम विरेंद्र सिंह चौहान, निवासी टिहरी गढ़वाल है. वीरेंद्र वर्तमान समय में उत्तरकाशी में पीडब्ल्यूडी में ऐई के पद पर कार्यरत थे. उनके साथ का दूसरा ट्रेकर कांति है. कांति उत्तरकाशी के मातली के रहने वाले हैं. आज मांझी नेम तोक से वीरेंद्र की डेड बॉडी उत्तरकाशी लाई जा रही है.
डोडीताल में फंसे ट्रेकर्स का रेस्क्यू: ट्रेकर्स के फंसने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने रेस्क्यू अभियान में मेडिकल टीम को भी आवश्यक दवाओं के साथ तैनात करने की हिदायत दी. जिलाधिकारी ने अगोड़ा सहित नजदीकी गांवों तथा डोडीताल से भी स्थानीय लोगों को ट्रेकर्स की मदद के लिए भेजने को कहा. जिलाधिकारी के निर्देशानुसार रेस्क्यू टीमें तत्कल मौके के लिए रवाना हो गईं.
फंसे ट्रेकर्स में एक व्यक्ति लोनिवि उत्तरकाशी में सहायक अभियंता था. अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार ने बताया कि उत्तरकाशी से लोनिवि के दो अवर अभियंता भी मौके के लिए रवाना हुए. पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस रेस्क्यू टीमों के साथ समन्वय बनाए हुए है. जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कर्मियों को इस अभियान में लगाया जाएगा. खंड विकास अधिकारी भटवाड़ी ने सूचना दी कि अगोड़ा के क्षेत्र पंचायत सदस्य से संपर्क कर रेस्क्यू के लिए स्थानीय लोगों को भेजने का आग्रह किया गया.
रेस्क्यू टीमें रवाना: सीएमओ डॉ बीएस रावत ने बतया कि जिला मुख्यालय से डॉ. बीएस पांगती के नृतत्व में एक मेडिकल टीम एंबुलेंस सहित रवाना की गई. पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने एसडीआरएफ और पुलिस की रेस्क्यू टीमों को मेडिकल टीम के साथ समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए. एसडीआरएफ के निरीक्षक जगदंबा प्रसाद बिजल्वाण ने सूचित किया कि डोडीताल ट्रेक पर फंसे दो स्थानीय ट्रेकर्स को रेस्क्यू करने के लिए एसडीआरएफ के दस सदस्यों की टीम सहित पुलिस के कुछ जवान भी मौके के लिए रवाना हुए. इस बीच खंड विकास अधिकारी भटवाड़ी अमित ममगाईं ने बताया है कि अगोड़ा से पांच ग्रामीण भी रेस्क्यू के लिए रवाना हुए. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया है कि रेस्क्यू के लिए घोड़े भी जुटाए गए हैं.
आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त सूचना के अनुसार अभी तक एसडीआरएफ के 10 कार्मिक, पुलिस के 04 कार्मिक, वन विभाग 04 कार्मिक, लोक निर्माण विभाग के 04 कार्मिक, स्वास्थ्य विभाग के 04 कार्मिक तथा 108-एंबुलेंस टीम सहित 05 स्थानीय व्यक्तियों की टीम रेस्क्यू हेतु घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं.
ट्रेकर्स को पशु पालकों ने दी शरण: इस सबके बीच राहत भरी खबर ये आई कि इन दो ट्रेकर्स को पशुपालकों की मदद मिली है. प्राप्त सूचना के अनुसार घटनास्थल सड़क से लगभग 9 किमी दूर है. ग्राम प्रधान अगोड़ा ने सूचना दी है कि स्थानीय पशुपालकों द्वारा उक्त ट्रेकर्स को अपनी छानियों में लाकर रखा गया है. इनमें से एक व्यक्ति अचेतावस्था में लाया गया है. जिसकी मौत हो गई थी. इसके अलावा कांति प्रसाद नामक एक व्यक्ति को सुरक्षित बताया गया है.
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