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केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में गड़बड़ी: PWD के दो इंजीनियर निलंबित, 5 के खिलाफ कार्रवाई शुरू - Arvind Kejriwal bungalow issue

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के निर्माण से संबंधित गड़बली के मामले में एलजी वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद लोक निर्माण विभाग के दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा पांच अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

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केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में गड़बड़ी (File photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 4, 2024, 11:26 AM IST

Updated : Jul 4, 2024, 11:36 AM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के निर्माण और सौंदर्यीकरण में कथित गड़बड़ी के आरोप में लोक निर्माण विभाग के दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली के सिविल लाइंस में 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के निर्माण में कथित अनियमितताओं के लिए दो इंजीनियरों पर यह कार्रवाई की है. साथ ही सतर्कता निदेशालय ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को भी पत्र लिखकर पांच और इंजीनियरों के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है, जो अब या तो दिल्ली से बाहर तैनात हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

दरअसल, दिल्ली सरकार के अधीन काम करने वाली एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास अपना कैडर नहीं है, इसलिए ऐसे अधिकारियों को सीपीडब्ल्यूडी द्वारा तैनात और स्थानांतरित किया जाता है. इसलिए निदेशालय ने सीपीडब्ल्यूडी से बाकी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक को लिखे पत्र में सतर्कता निदेशालय ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तत्कालीन मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता के निलंबन और बड़े जुर्माने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. अब वे दिल्ली में तैनात नहीं थे. निदेशालय ने कहा कि उपराज्यपाल ने पूर्व प्रधान मुख्य अभियंता और पूर्व कार्यकारी अभियंता, जो दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं, के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को भी मंजूरी दे दी है. साथ ही समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है.

ये भी पढ़ें: डीयू में होने वाली एलएलबी की अंतिम परीक्षाएं स्थगित, ट्रॉफी के साथ दिल्ली पहुंची टीम इंडिया, पढ़ें आज की बड़ी खबरें

अधिकारियों के अनुसार, परियोजना की योजना और कार्यान्वयन में शामिल सात इंजीनियरों को पिछले साल 19 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. क्योंकि निर्माण से संबंधित जारी टेंडर में पाया गया था कि उन्होंने एक नए निर्माण के दौरान कथित तौर पर कई खामियां और अनियमितताएं थी. वहीं मुख्यमंत्री आवास में परिवर्धन और परिवर्तन की आड़ में निर्माण को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

बता दें कि मुख्यमंत्री के बंगले के निर्माण में अनियमितता ही नहीं, भवन उपनियम का पालन नहीं करने की शिकायत की सीबीआई भी जांच कर रही है. सीबीआई ने इस संबंध में लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभाग प्रमुखों को निर्माण से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था. सीबीआई द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक जांच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन का कहना था कि सबसे पहले उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था. उपराज्यपाल से पूरे मामले की जांच की मांग की थी. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोक निर्माण विभाग पर दबाव बनाकर अपने बंगले में न केवल सौंदर्यीकरण कराया बल्कि भवन उपनियम का पालन नहीं हुआ है, यह बंगला पूरी तरह से अवैध निर्माण है.

वर्ष 2013 में जब आदमी पार्टी की सरकार बनी थी और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे तब सरकारी आवास के नाम पर उन्होंने एक छोटा सा फ्लैट ही लिया था. लेकिन फरवरी 2015 में जब दिल्ली में उनकी प्रचंड बहुमत से सरकार बनी तब उन्होंने सरकारी बंगले के तौर पर सिविल लाइंस के छह फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले को अपने लिए चुना था.

मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास निर्माण में किस मद में कितना हुआ खर्च

  1. सीएम आवास के निर्माण कार्य के लिए 9 सितंबर 2020 से 2 जून 2022 में रकम जारी की गई.
  2. कुल खर्च में 11.30 करोड़ आंतरिक साज-सज्जा में.
  3. 6.02 करोड रुपये पत्थर और मार्बल लगाने में इस्तेमाल हुआ.
  4. एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी के लिए दिए गए.
  5. 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधित फिटिंग्स और उपकरणों पर खर्च किए गए.
  6. 2.85 करोड रुपए अग्निशमन प्रणाली लगाने पर खर्च हुए.
  7. 1.41 करोड़ रुपये वॉडरोब एसेसरीज सेटिंग पर खर्च किए गए.
  8. बंगले में दो किचन है इसके निर्माण में 1.1 करोड रुपए खर्च शामिल है.

ये भी पढ़ें: लेन नियमों का पालन नहीं करने वाली बसों का चालान कर सकेंगे डीटीसी के सहायक यातायात निरीक्षक

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के निर्माण और सौंदर्यीकरण में कथित गड़बड़ी के आरोप में लोक निर्माण विभाग के दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली के सिविल लाइंस में 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के निर्माण में कथित अनियमितताओं के लिए दो इंजीनियरों पर यह कार्रवाई की है. साथ ही सतर्कता निदेशालय ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को भी पत्र लिखकर पांच और इंजीनियरों के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है, जो अब या तो दिल्ली से बाहर तैनात हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

दरअसल, दिल्ली सरकार के अधीन काम करने वाली एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास अपना कैडर नहीं है, इसलिए ऐसे अधिकारियों को सीपीडब्ल्यूडी द्वारा तैनात और स्थानांतरित किया जाता है. इसलिए निदेशालय ने सीपीडब्ल्यूडी से बाकी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक को लिखे पत्र में सतर्कता निदेशालय ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तत्कालीन मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता के निलंबन और बड़े जुर्माने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. अब वे दिल्ली में तैनात नहीं थे. निदेशालय ने कहा कि उपराज्यपाल ने पूर्व प्रधान मुख्य अभियंता और पूर्व कार्यकारी अभियंता, जो दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं, के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को भी मंजूरी दे दी है. साथ ही समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है.

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अधिकारियों के अनुसार, परियोजना की योजना और कार्यान्वयन में शामिल सात इंजीनियरों को पिछले साल 19 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. क्योंकि निर्माण से संबंधित जारी टेंडर में पाया गया था कि उन्होंने एक नए निर्माण के दौरान कथित तौर पर कई खामियां और अनियमितताएं थी. वहीं मुख्यमंत्री आवास में परिवर्धन और परिवर्तन की आड़ में निर्माण को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.

बता दें कि मुख्यमंत्री के बंगले के निर्माण में अनियमितता ही नहीं, भवन उपनियम का पालन नहीं करने की शिकायत की सीबीआई भी जांच कर रही है. सीबीआई ने इस संबंध में लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभाग प्रमुखों को निर्माण से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा था. सीबीआई द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक जांच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन का कहना था कि सबसे पहले उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था. उपराज्यपाल से पूरे मामले की जांच की मांग की थी. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोक निर्माण विभाग पर दबाव बनाकर अपने बंगले में न केवल सौंदर्यीकरण कराया बल्कि भवन उपनियम का पालन नहीं हुआ है, यह बंगला पूरी तरह से अवैध निर्माण है.

वर्ष 2013 में जब आदमी पार्टी की सरकार बनी थी और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे तब सरकारी आवास के नाम पर उन्होंने एक छोटा सा फ्लैट ही लिया था. लेकिन फरवरी 2015 में जब दिल्ली में उनकी प्रचंड बहुमत से सरकार बनी तब उन्होंने सरकारी बंगले के तौर पर सिविल लाइंस के छह फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले को अपने लिए चुना था.

मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास निर्माण में किस मद में कितना हुआ खर्च

  1. सीएम आवास के निर्माण कार्य के लिए 9 सितंबर 2020 से 2 जून 2022 में रकम जारी की गई.
  2. कुल खर्च में 11.30 करोड़ आंतरिक साज-सज्जा में.
  3. 6.02 करोड रुपये पत्थर और मार्बल लगाने में इस्तेमाल हुआ.
  4. एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी के लिए दिए गए.
  5. 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधित फिटिंग्स और उपकरणों पर खर्च किए गए.
  6. 2.85 करोड रुपए अग्निशमन प्रणाली लगाने पर खर्च हुए.
  7. 1.41 करोड़ रुपये वॉडरोब एसेसरीज सेटिंग पर खर्च किए गए.
  8. बंगले में दो किचन है इसके निर्माण में 1.1 करोड रुपए खर्च शामिल है.

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Last Updated : Jul 4, 2024, 11:36 AM IST
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