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हरियाणा में स्वाइन फ्लू से 2 मरीजों की मौत, 9 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

Swine Flu in Jind: हरियाणा के जींद में स्वाइन फ्लू का खौफ पसरा है. जिले में दो मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है. अभी तक 9 लोग पॉजिटिव पाई गए हैं. बढ़ते मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने टेस्टिंग बढ़ा दी है.

Swine Flu in Jind
Swine Flu in Jind
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 5, 2024, 9:12 PM IST

हरियाणा में स्वाइन फ्लू से 2 मरीजों की मौत, 9 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

जींद: हरियाणा के जींद जिले में स्वाइन फ्लू से दो लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में एक अर्बन एस्टेट का निवासी और दूसरा गुरथली गांव का रहने वाला था. उसकी मौत हिसार के एक निजी अस्पताल में हुई है. हालांकि डॉक्टर के मुताबिक जिन लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है, वो पहले से किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे.

जींद के पोंकरीखेड़ी, गुलकनी, बहादुरपुर, रजाना कलां, दनौदा आदि गांवों में स्वाइन फ्लू के केस मिल चुके हैं. जींद में अब तक नौ लोगों की रिपोर्ट स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आ चुकी है. जींद नागरिक अस्पताल में स्वाइन फ्लू के सैंपल लिए जा रहे हैं. सैंपल की जांच उचाना स्थित आरटीपीसीआर लैब में की जाती है. अभी तक स्वास्थ्य विभाग 100 से अधिक लोगों के सैंपल ले चुका है. स्वाइन फ्लू से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. जींद सिविल अस्पताल में टेस्टिंग बढ़ा दी गई है.

जींद में 2009 में स्वाइन फ्लू से 2 लोगों की मौत हुई थी. उस समय 50 स्वाइन फ्लू के मरीज मिले थे. इसके बाद 2015 में फिर स्वाइन फ्लू की दस्तक जींद में हुई. 2015 में स्वाइन फ्लू ने चार लोगों की जान ले ली थी. जबकि 70 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. अब एक बार फिर से स्वाइन फ्लू ने जिले में दस्तक दे दी है. एक बार फिर 2 मरीजों की मौत से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण- जींद सिविल हॉस्पिटल की डॉक्टर विनीता ने बताया H1N1 के कारण होने वाले फ्लू के लक्षण को आमतौर पर स्वाइन फ्लू कहा जाता है. इसमें बुखार हो सकता है, जो हमेशा नहीं रहता. मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, पसीना आना, खांसी, गला खराब होना, नाक का बहना, पानीदार और लाल आंखें, आंखों में दर्द, शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान और कमजोरी इसके लक्षण हैं. कई बार पेट में दर्द के साथ उल्टी या दस्त भी लग सकते हैं. स्वाइन फ्लू के अधिकतर लक्षण कोरोना जैसे ही होते हैं.

स्वाइन फ्लू एच-1एन-1 एक वायरस है. यह हमेशा किसी दूसरे व्यक्ति से फैलता है. पहले ये पशु व पक्षियों में होता था लेकिन 2009 में यह मनुष्य तक पहुंच गया. यह नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करता है. जब वायरस से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता है, छींकता है या सांस लेता है या बात करता है तो वायरस हवा में निकलने वाली बूंदों के जरिए फैलता है.

स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करें- डॉक्टर विनीता ने बताया कि स्वाइन फ्लू किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. पीड़ित व्यक्ति को मास्क लगाकर रखें. सबसे ज्यादा खतरा घरवालों को ही होता है. अच्छा खाना खाएं और ज्यादा तरल पदार्थ लें. खांसते और छींकते समय मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- तालाब खुदाई के दौरान मिट्टी के नीचे दबने से 7 महिला मजदूर घायल, अस्पताल में भर्ती

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हरियाणा में स्वाइन फ्लू से 2 मरीजों की मौत, 9 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव

जींद: हरियाणा के जींद जिले में स्वाइन फ्लू से दो लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में एक अर्बन एस्टेट का निवासी और दूसरा गुरथली गांव का रहने वाला था. उसकी मौत हिसार के एक निजी अस्पताल में हुई है. हालांकि डॉक्टर के मुताबिक जिन लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है, वो पहले से किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे.

जींद के पोंकरीखेड़ी, गुलकनी, बहादुरपुर, रजाना कलां, दनौदा आदि गांवों में स्वाइन फ्लू के केस मिल चुके हैं. जींद में अब तक नौ लोगों की रिपोर्ट स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आ चुकी है. जींद नागरिक अस्पताल में स्वाइन फ्लू के सैंपल लिए जा रहे हैं. सैंपल की जांच उचाना स्थित आरटीपीसीआर लैब में की जाती है. अभी तक स्वास्थ्य विभाग 100 से अधिक लोगों के सैंपल ले चुका है. स्वाइन फ्लू से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. जींद सिविल अस्पताल में टेस्टिंग बढ़ा दी गई है.

जींद में 2009 में स्वाइन फ्लू से 2 लोगों की मौत हुई थी. उस समय 50 स्वाइन फ्लू के मरीज मिले थे. इसके बाद 2015 में फिर स्वाइन फ्लू की दस्तक जींद में हुई. 2015 में स्वाइन फ्लू ने चार लोगों की जान ले ली थी. जबकि 70 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. अब एक बार फिर से स्वाइन फ्लू ने जिले में दस्तक दे दी है. एक बार फिर 2 मरीजों की मौत से स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण- जींद सिविल हॉस्पिटल की डॉक्टर विनीता ने बताया H1N1 के कारण होने वाले फ्लू के लक्षण को आमतौर पर स्वाइन फ्लू कहा जाता है. इसमें बुखार हो सकता है, जो हमेशा नहीं रहता. मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, पसीना आना, खांसी, गला खराब होना, नाक का बहना, पानीदार और लाल आंखें, आंखों में दर्द, शरीर में दर्द, सिरदर्द, थकान और कमजोरी इसके लक्षण हैं. कई बार पेट में दर्द के साथ उल्टी या दस्त भी लग सकते हैं. स्वाइन फ्लू के अधिकतर लक्षण कोरोना जैसे ही होते हैं.

स्वाइन फ्लू एच-1एन-1 एक वायरस है. यह हमेशा किसी दूसरे व्यक्ति से फैलता है. पहले ये पशु व पक्षियों में होता था लेकिन 2009 में यह मनुष्य तक पहुंच गया. यह नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करता है. जब वायरस से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता है, छींकता है या सांस लेता है या बात करता है तो वायरस हवा में निकलने वाली बूंदों के जरिए फैलता है.

स्वाइन फ्लू से बचाव कैसे करें- डॉक्टर विनीता ने बताया कि स्वाइन फ्लू किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. पीड़ित व्यक्ति को मास्क लगाकर रखें. सबसे ज्यादा खतरा घरवालों को ही होता है. अच्छा खाना खाएं और ज्यादा तरल पदार्थ लें. खांसते और छींकते समय मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए.

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