नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह और न्यायमूर्ति आर महादेवन को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई. दो नए न्यायाधीशों के साथ, सर्वोच्च न्यायालय अपने 34 न्यायाधीशों की पूरी क्षमता के साथ काम करेगा.
गौरतलब है कि 11 जुलाई को सीजेआई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने केंद्र सरकार से दो न्यायाधीशों की नियुक्ति की सिफारिश की थी. 16 जुलाई को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह और मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर महादेवन को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की.
दो न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में दो रिक्तियां पैदा हुईं. पहली रिक्ति 10 अप्रैल 2024 को न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की सेवानिवृत्ति से और दूसरी रिक्ति 19 मई 2024 को न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की सेवानिवृत्ति से पैदा हुई.
न्यायमूर्ति सिंह मूल रूप से मणिपुर के रहने वाले हैं और वे शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनने वाले राज्य के पहले व्यक्ति होंगे. कॉलेजियम ने कहा था कि न्यायिक क्षमता और प्रशासनिक पक्ष में उनके द्वारा किए गए कार्य के संदर्भ में उनका रिकॉर्ड बेदाग है. कॉलेजियम ने कहा कि न्यायमूर्ति आर महादेवन उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश हैं.
वे शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं. कॉलेजियम ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए उपयुक्त और योग्य हैं. कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बी आर गवई, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय भी शामिल हैं.