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असम में अतिक्रमण के खिलाफ 'बेदखली' अभियान के दौरान झड़प, 22 अधिकारी घायल, 2 लोगों की मौत - Eviction Drive In Assam - EVICTION DRIVE IN ASSAM

Violence In Assam: असम के गुवाहाटी के पास सोनापुर के कचुटोली इलाके में चलाए गए बेदखली अभियान के दौरान गुरुवार को हिंसा भड़क गई. हिंसा में 22 सरकारी अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

असम में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान
असम में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 13, 2024, 3:57 PM IST

गुवाहाटी: असम सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण के खिलाफ बेदखली अभियान शुरू किया है. इसी क्रम में गुवाहाटी के पास सोनापुर के कचुटोली इलाके में चलाए गए बेदखली अभियान के दौरान गुरुवार को हिंसा भड़क गई. कथित तौर पर कई अतिक्रमणकारियों ने बेदखली अभियान के लिए मौजूद सरकारी टीम पर हमला किया.

इस हमले में एक डीएसपी और एक सर्किल अधिकारी समेत कम से कम 22 सरकारी अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की टीम ने किसी तरह उस हिंसा में अपनी जान बचाई. साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवा में फायरिंग भी की, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की गोली लगने से मौत हो गई और उनमें से 13 घायल हो गए. असम के डीजीपी जीपी सिंह ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की.

असम में हिंसा
असम में हिंसा (ETV Bharat)

आदिवासी क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ बेदखली
बता दें कि सोनापुर का कछटोली इलाका आदिवासी क्षेत्र है, इसलिए वहां सिर्फ आदिवासी लोगों को ही रहने की अनुमति है, लेकिन कुछ संदिग्ध लोगों ने अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर लिया है और वहां रह रहे हैं. उन्हें नोटिस जारी करने के बाद 9 सितंबर से वहां बेदखली अभियान चलाया जा रहा है.

पहले तीन दिन वहां बेदखली का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन चौथे दिन जब सरकारी टीम कछटोली पहुंची तो कुछ लोग लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर आ गए और टीम पर हमला कर दिया. उन्होंने पुलिस और अन्य अधिकारियों पर पत्थरबाजी भी की. इसके बाद सरकारी टीम अपनी जान बचाने के लिए पीछे हट गई, लेकिन हमले में ड्यूटी पर तैनात कम से कम 22 सरकारी कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

डीजीपी ने कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए
इस बीच असम के डीजीपी जीपी सिंह ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि अपराधियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे. अपने एक्स हैंडल पर डीजीपी सिंह ने लिखा, ''सोनापुर, कामरूप मेट्रो में ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारी कामरूप मेट्रो के राजस्व अधिकारी 9 सितंबर 2024 से कामरूप मेट्रो के सोनापुर राजस्व सर्कल के अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र में सरकारी भूमि से बेदखली की कार्यवाही कर रहे हैं. इस प्रक्रिया के दौरान, आदिवासी क्षेत्र में 237 अवैध रूप से निर्मित संरचनाओं को हटाकर 248 बीघा सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है. ये स्ट्रक्चर ऐसे लोगों द्वारा बनाई गई थीं, जिन्हें इन्हें बनाने का अधिकार नहीं था.''

डीजीपी ने आगे लिखा, "यहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस सहित सरकारी अधिकारियों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया और उन पर पथराव किया गया, जिससे सरकारी ड्यूटी में बाधा उत्पन्न हुई. इन जानलेवा हमलों में 22 सरकारी अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं.''

उन्होंने एक्स पोस्ट में यह भी उल्लेख किया, "उपद्रवियों द्वारा इस तरह के लक्षित हमले के मद्देनजर, पुलिस ने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए बल का प्रयोग भी किया. इसमें 13 लोग घायल हुए, जिनमें से दो को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।. गुवाहाटी पुलिस को सरकारी अधिकारियों पर हमले में शामिल सभी उपद्रवियों की पहचान करने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस द्वारा बल प्रयोग के संबंध में उचित वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. आज घायल हुए सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों को उचित उपचार प्रदान किया जा रहा है."

सीएम ने हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
सोनापुर राजस्व मंडल के अंतर्गत कचुटोली में हुई हिंसा पर असम के सीएम डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने घटना के लिए सीधे तौर पर विपक्षी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.

गुवाहाटी में मीडिया से बात करते हुए सीएम सरमा ने कहा, "सोनापुर एक आदिवासी क्षेत्र है. वहां अतिक्रमण के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से बेदखली अभियान चलाया गया. बेदखली अभियान के दौरान कचुटोली से अतिक्रमणकारियों को मोरीगांव और दरांग में उनके अपने स्थानों पर ले जाया गया, लेकिन गुरुवार को कांग्रेस ने बेदखली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद कुछ अतिक्रमणकारी उग्र हो गए और सरकारी अधिकारियों पर हमला करना शुरू कर दिया."

यह भी पढ़ें- 'पर्सनल लिबर्टी का हनन...', केजरीवाल को जमानत देने पर बोले जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस भुइयां ने CBI पर की टिप्पणी

गुवाहाटी: असम सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण के खिलाफ बेदखली अभियान शुरू किया है. इसी क्रम में गुवाहाटी के पास सोनापुर के कचुटोली इलाके में चलाए गए बेदखली अभियान के दौरान गुरुवार को हिंसा भड़क गई. कथित तौर पर कई अतिक्रमणकारियों ने बेदखली अभियान के लिए मौजूद सरकारी टीम पर हमला किया.

इस हमले में एक डीएसपी और एक सर्किल अधिकारी समेत कम से कम 22 सरकारी अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की टीम ने किसी तरह उस हिंसा में अपनी जान बचाई. साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवा में फायरिंग भी की, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की गोली लगने से मौत हो गई और उनमें से 13 घायल हो गए. असम के डीजीपी जीपी सिंह ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की.

असम में हिंसा
असम में हिंसा (ETV Bharat)

आदिवासी क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ बेदखली
बता दें कि सोनापुर का कछटोली इलाका आदिवासी क्षेत्र है, इसलिए वहां सिर्फ आदिवासी लोगों को ही रहने की अनुमति है, लेकिन कुछ संदिग्ध लोगों ने अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर लिया है और वहां रह रहे हैं. उन्हें नोटिस जारी करने के बाद 9 सितंबर से वहां बेदखली अभियान चलाया जा रहा है.

पहले तीन दिन वहां बेदखली का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन चौथे दिन जब सरकारी टीम कछटोली पहुंची तो कुछ लोग लाठी-डंडे और धारदार हथियार लेकर आ गए और टीम पर हमला कर दिया. उन्होंने पुलिस और अन्य अधिकारियों पर पत्थरबाजी भी की. इसके बाद सरकारी टीम अपनी जान बचाने के लिए पीछे हट गई, लेकिन हमले में ड्यूटी पर तैनात कम से कम 22 सरकारी कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

डीजीपी ने कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए
इस बीच असम के डीजीपी जीपी सिंह ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि अपराधियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे. अपने एक्स हैंडल पर डीजीपी सिंह ने लिखा, ''सोनापुर, कामरूप मेट्रो में ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारी कामरूप मेट्रो के राजस्व अधिकारी 9 सितंबर 2024 से कामरूप मेट्रो के सोनापुर राजस्व सर्कल के अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र में सरकारी भूमि से बेदखली की कार्यवाही कर रहे हैं. इस प्रक्रिया के दौरान, आदिवासी क्षेत्र में 237 अवैध रूप से निर्मित संरचनाओं को हटाकर 248 बीघा सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है. ये स्ट्रक्चर ऐसे लोगों द्वारा बनाई गई थीं, जिन्हें इन्हें बनाने का अधिकार नहीं था.''

डीजीपी ने आगे लिखा, "यहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस सहित सरकारी अधिकारियों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया और उन पर पथराव किया गया, जिससे सरकारी ड्यूटी में बाधा उत्पन्न हुई. इन जानलेवा हमलों में 22 सरकारी अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं.''

उन्होंने एक्स पोस्ट में यह भी उल्लेख किया, "उपद्रवियों द्वारा इस तरह के लक्षित हमले के मद्देनजर, पुलिस ने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए बल का प्रयोग भी किया. इसमें 13 लोग घायल हुए, जिनमें से दो को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।. गुवाहाटी पुलिस को सरकारी अधिकारियों पर हमले में शामिल सभी उपद्रवियों की पहचान करने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. पुलिस द्वारा बल प्रयोग के संबंध में उचित वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. आज घायल हुए सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों को उचित उपचार प्रदान किया जा रहा है."

सीएम ने हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया
सोनापुर राजस्व मंडल के अंतर्गत कचुटोली में हुई हिंसा पर असम के सीएम डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने घटना के लिए सीधे तौर पर विपक्षी कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.

गुवाहाटी में मीडिया से बात करते हुए सीएम सरमा ने कहा, "सोनापुर एक आदिवासी क्षेत्र है. वहां अतिक्रमण के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से बेदखली अभियान चलाया गया. बेदखली अभियान के दौरान कचुटोली से अतिक्रमणकारियों को मोरीगांव और दरांग में उनके अपने स्थानों पर ले जाया गया, लेकिन गुरुवार को कांग्रेस ने बेदखली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद कुछ अतिक्रमणकारी उग्र हो गए और सरकारी अधिकारियों पर हमला करना शुरू कर दिया."

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