नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 का ऐलान हो चुका है. तीन चरणों में वोटिंग होनी है. इसके लिए तमाम तैयारियां जोरों पर है. राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में उतर चुकी हैं. भारतीय जनता पार्टी सत्ता पाने के लिए लगातार बैठकें कर रही है. बता दें, 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को आएंगे. अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं.
विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने प्लान तैयार कर लिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी के सीनियर लीडर 8 रैलियां करेंगे. यहां के बीजेपी प्रभारी राम माधव और जी किशन रेड्डी आज सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करेंगे.
वहीं, जम्मू-कश्मीर चुनाव 2024 को लेकर भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और कश्मीर घाटी की उन विधानसभा सीटों पर मजबूत निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, जहां पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी. इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई और माना जा रहा है कि पहले चरण के लिए सभी उम्मीदवारों की सूची आज सोमवार को जारी की जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 की 40 से 50 सीटों की लिस्ट सोमवार को जारी की जाएगी. भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में करीब 2:30 घंटे तक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य सुधा यादव, इकबाल सिंह लालपुरा वनाथी श्रीनिवासन आदि शामिल हुए. इन सबके आलावा जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुघ, सह प्रभारी आशीष सूद, प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना, राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना, लोकसभा सांसद जुगल किशोर, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर संगठन महासचिव अशोक कौल और देवेंद्र राणा भी मौजूद रहे.
जानकारी मिली है कि जम्मू-कश्मीर पर चर्चा के बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर 29 अगस्त को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई जा सकती है. बता दें, जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनाव में पीडीपी ने 28 सीटें, भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटें जीती थीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें और कांग्रेस ने 12 सीटें हासिल की थीं. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा ने मुफ़्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. हालांकि, 2018 में मुफ़्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ़्ती के सत्ता में आने के बाद भाजपा ने गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया था.