चमोली (उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए इस बार टोकन व्यवस्था लागू की गई है. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बदरीनाथ धाम में दर्शन स्लॉट टोकन वितरण एवं कतार प्रबंधन व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक की. उन्होंने निर्देशित किया कि धाम में श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन वितरण की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित किया जाए. जिससे तीर्थयात्रियों को सुगमता से दर्शन हो सके.
क्यू मैनेजमेंट सिस्टम के तहत बदरीनाथ धाम में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए रजिस्ट्रेशन काउंटर में अपना रजिस्ट्रेशन पत्र दिखाना होगा. इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन नंबर क्यूआर कोड से स्कैन करने के बाद तीर्थ यात्रियों को एक टोकन दिया जाएगा. जिसमें बदरीनाथ दर्शन का समय अंकित होगा. तीर्थयात्री उसी निर्धारित समय पर मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर सकते हैं. जिससे उन्हें दर्शन के लिए पहले की भांति लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. बताते चलें कि 12 मई को प्रातः 6 बजे भू वैकुण्ठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे. वहीं आज भगवान बदरीनाथ धाम का तेल कलश गाडू घड़ा दूसरे चरण की शोभा यात्रा लक्ष्मी नारायण मंदिर से शुरू हुई.
लक्ष्मीनारायण मंदिर के पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने अभिषेक पूजा की और गाडू घड़ा यात्रा को बदरीनाथ के लिए रवाना किया. इस अवसर पर जय बदरी विशाल के जयकारों के साथ गाडू घड़ा कलश यात्रा का लोगों ने फूलों और बदरी विशाल के जयकारों से स्वागत कर आशीर्वाद लिया. बता दें कि 10 मई को गंगोत्री,यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल रहे हैं. वहीं भगवान बदरी विशाल के कपाट 12 मई को विधि-विधान के साथ खोले जाएंगे.
बदरीनाथ धाम के रावत ने की पूजा: बदरीनाथ धाम के मुख्य रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने देवप्रयाग तीर्थ में मां गंगा व भगवान रघुनाथ का पूजन किया और सभी के मंगलमय यात्रा की प्रार्थना की. मुख्य रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी केरल से बदरीनाथ धाम जाते हुए देवप्रयाग तीर्थ पहुंचे थे. यहां बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया. आगामी 12 मई को मुख्य रावल छह माह के बाद शुभ मुहूर्त में भगवान बदरीनाथ के कपाट खोलेंगे.