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कुत्तों के 'क्रूर' स्वभाव का किया जाना चाहिए मनोविज्ञानिक अध्ययन : हाईकोर्ट - Psychology study of dogs - PSYCHOLOGY STUDY OF DOGS

Psychology study of dogs : केंद्र ने कुत्तों की कुछ खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाने के लिए 12 मार्च 2024 को सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा था. हालांकि प्रतिबंध की सिफारिश करने वाली समिति में एक्सपर्ट नहीं थे, इस वजह से तमिलनाडु उच्च न्यायालय ने उस पत्र को रद्द कर दिया था. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में जानिए क्या कहा है.

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प्रतीकात्मक फोटो (IANS File Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 15, 2024, 6:40 PM IST

चेन्नई (तमिलनाडु): आक्रामक विदेशी कुत्ते जैसे पिटबुल, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफ़ोर्ड टेरियर, रॉटवीलर, फिला ब्रासीलीरो, डोको अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, पोरबोल, कंगल शेफर्ड, मध्य एशियाई शेफर्ड, कोकेशियान शेफर्ड, दक्षिण एशियाई शेफर्ड के आयात पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि इस आदेश पर तमिलनाडु हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

इसके बाद केंद्रीय पशु चिकित्सा विभाग ने कुत्तों के वर्गीकरण पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया मांगी है. इसके खिलाफ द केनेल क्लब ऑफ इंडिया की ओर से मद्रास हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था. जब मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति अनीता सुमंत के सामने आया, तो याचिकाकर्ता ने कहा कि हाल ही में ऐसे मामले आए हैं जब रॉटवीलर और बॉक्सर कुत्तों ने लोगों को काटा. लड़की को काटने के आरोप में बॉक्सर को जब्त कर लिया गया था.

इसके बाद न्यायाधीश ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ऐसी खबरें हैं कि एक लैब्राडोर कुत्ते ने बच्चे को काट लिया है. हालांकि इस कारण से यह नहीं कहा जा सकता है कि लैब्राडोर कुत्तों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. साइंटिफिक स्ट्डी के बाद निर्णय लिया जाना चाहिए.

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि प्रतिबंधित किए जाने वाले कुत्तों के वर्गीकरण को लेकर एक समिति गठित की गई है और जनता के लिए अपने विचार व्यक्त करने की अवधि 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

न्यायाधीश ने उम्मीद जताई कि इस उद्देश्य के लिए केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा गठित की जाने वाली एक समिति में डॉग साइकोलॉजी एक्सपर्ट शामिल होंगे.

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चेन्नई (तमिलनाडु): आक्रामक विदेशी कुत्ते जैसे पिटबुल, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफ़ोर्ड टेरियर, रॉटवीलर, फिला ब्रासीलीरो, डोको अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, पोरबोल, कंगल शेफर्ड, मध्य एशियाई शेफर्ड, कोकेशियान शेफर्ड, दक्षिण एशियाई शेफर्ड के आयात पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि इस आदेश पर तमिलनाडु हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

इसके बाद केंद्रीय पशु चिकित्सा विभाग ने कुत्तों के वर्गीकरण पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया मांगी है. इसके खिलाफ द केनेल क्लब ऑफ इंडिया की ओर से मद्रास हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था. जब मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति अनीता सुमंत के सामने आया, तो याचिकाकर्ता ने कहा कि हाल ही में ऐसे मामले आए हैं जब रॉटवीलर और बॉक्सर कुत्तों ने लोगों को काटा. लड़की को काटने के आरोप में बॉक्सर को जब्त कर लिया गया था.

इसके बाद न्यायाधीश ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ऐसी खबरें हैं कि एक लैब्राडोर कुत्ते ने बच्चे को काट लिया है. हालांकि इस कारण से यह नहीं कहा जा सकता है कि लैब्राडोर कुत्तों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. साइंटिफिक स्ट्डी के बाद निर्णय लिया जाना चाहिए.

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि प्रतिबंधित किए जाने वाले कुत्तों के वर्गीकरण को लेकर एक समिति गठित की गई है और जनता के लिए अपने विचार व्यक्त करने की अवधि 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

न्यायाधीश ने उम्मीद जताई कि इस उद्देश्य के लिए केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा गठित की जाने वाली एक समिति में डॉग साइकोलॉजी एक्सपर्ट शामिल होंगे.

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