नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को संदेशखाली मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और अन्य के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई. नेताओं द्वारा कैमरे पर स्वीकार किए जाने के बाद कि संदेशखाली बलात्कार के आरोप मनगढ़ंत थे, टीएमसी ने शिकायत दर्ज की है.
इससे पहले टीएमसी ने महिलाओं के खिलाफ कथित साजिश के आरोप में त्रिमोहिनी इलाके में विरोध मार्च निकाला था. टीएमसी ने आरोप लगाया कि स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ कि भाजपा पूरी घटना की पटकथा में शामिल थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को भाजपा को चेतावनी दी कि वह बंगाल की माताओं का अपमान न करें, क्योंकि एक बार महिलाओं का आत्मसम्मान खो गया तो उसे दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता.
शनिवार को संदेशखाली में एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो सामने आने से विवाद पैदा हो गया है, जिसे एक स्थानीय टेलीविजन चैनल ने प्रसारित किया था. कथित वीडियो में गंगाधर कोयल नामक एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जाता है कि संदेशखाली की महिलाएं, जिनका यौन उत्पीड़न नहीं हुआ था, उन्हें विपक्ष के नेता के आदेश पर 'बलात्कार' पीड़िता के रूप में पेश किया गया था. उस व्यक्ति ने खुद को भाजपा मंडल (बूथ) अध्यक्ष बताया.
वीडियो में व्यक्ति ने कहा कि सुवेंदु ने उनसे कहा था कि इलाके में टीएमसी के ताकतवर लोगों को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा जब तक कि उन्हें 'बलात्कार के झूठे मामले' में नहीं फंसाया जाता. यह दावा किया कि सुवेंदु ने ऐसा करने में उनकी 'मदद' की. हालाँकि, कथित स्टिंग ऑपरेशन को ब्रेक करने वाले न्यूज चैनल ने क्लिप की सत्यता की जाँच नहीं की.
संदेशखाली का मुख्य आरोपी शाहजहाँ वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम पर हमले के सिलसिले में सलाखों के पीछे है. यह हमला उस वक्त हुआ था जब कथित राशन घोटाले के सिलसिले में ईडी उसके आवास पर छापेमारी कर रही थी. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की महिलाएं सत्तारूढ़ टीएमसी और शाहजहां के खिलाफ सड़कों पर उतर आईं और शाहजहां और उनके सहयोगियों पर उन पर घोर ज्यादती, अत्याचार करने और उनकी जमीन भी हड़पने का आरोप लगाया.