कोलकाता: नागरिकता (संशोधन) कानून के नियमों को अधिसूचित करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर कि पश्चिम बंगाल में घुसपैठ हो रही है, तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि अगर मामला ऐसा है तो यह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की विफलता है, जो शाह के मंत्रालय के दायरे में काम करती है. सीमाओं की सुरक्षा बीएसएफ बल के द्वारा की जाती है जो अमित शाह के मंत्रालय के दायरे में आता है, इसका मतलब है कि अगर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर बंगाल में कोई घुसपैठ होती है, तो जिम्मेदारी शाह की है.
तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने आगे कहा कि सिर्फ इसलिए कि उनकी बीएसएफ घुसपैठ रोकने में विफल रही है, शाह ये सब कह रहे हैं. वास्तव में, वह हिंदुओं को मुस्लिम अल्पसंख्यकों से अलग करने की राजनीति कर रहे हैं, और बीएसएफ की विफलता स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार के दौरान अमित शाह के इस तंज पर कि लोग ममता बनर्जी के साथ नहीं होंगे, कुणाल ने कहा, 'बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार प्रक्रिया के दौरान, अमित शाह सहित कई भाजपा नेता नियमित रूप से राज्य का दौरा कर रहे हैं, हमें लगता है कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि लोग किसके साथ हैं.'
तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने भी शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह बंगाल सरकार पर घुसपैठियों और शरणार्थियों के बीच अंतर नहीं कर पाने का आरोप लगा रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगा रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कौन कर रहा है? चुनाव की पूर्वसंध्या पर आप सीएए लेकर आए हैं, एक ऐसा कानून जिसे संयुक्त राष्ट्र भेदभावपूर्ण कहता है, एक ऐसा कानून जो धर्म के आधार पर नागरिकों को मान्यता देता है, यह कानून अराजकता और विभाजन पैदा करने के लिए चुनाव से पहले लाया गया है.
अमित शाह और भाजपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए घोष ने कहा कि आपका विकसित भारत का नारा काम नहीं कर रहा है, यही वजह है कि आप वोट हासिल करने के लिए भारत का ध्रुवीकरण करने के लिए खुलेआम घृणित और विभाजनकारी कानून ला रहे हैं.
वहीं, बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सीएए नियमों की अधिसूचना पर अपना कड़ा विरोध जारी रखते हुए कहा है कि वह इस विवादास्पद कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगी. बनर्जी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक बार फिर राज्य को विभाजित करने की चाल है. हम सभी इस देश के नागरिक हैं और हम इस कानून को यहां लागू नहीं होने देंगे.