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कोझिकोड के टीटो थॉमस निपाह एन्सेफलाइटिस से पीड़ित, मां और भाई ने मदद की लगाई गुहार - Nipah encephalitis - NIPAH ENCEPHALITIS

Nipah encephalitis: इस साल केरल में निपाह के मामले की पांचवीं बार रिपोर्ट की गई थी. पहला प्रकोप 2018 में हुआ था, उसके बाद 2019, 2021 और 2023 में मामले सामने आए. 2018 में शुरुआती प्रकोप के दौरान निपाह वायरस के कारण कुल 18 लोगों की मौत हुई थी.

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टीटो थॉमस निपाह एन्सेफलाइटिस से पीड़ित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 25, 2024, 9:36 PM IST

कोझिकोड: केरल में निपाह वायरस वायरस का प्रकोप जारी है. खबर के मुताबिक, कोझिकोड के इकरा अस्पताल के हेल्थ वर्कर टीटो थॉमस निपाह एन्सेफलाइटिस से पीड़ित हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि, मरीज में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है. वहीं परिवार को टीटो के ठीक होने की उम्मीद है. हालांकि, वे अब उसे दूसरे अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए रेफर करना चाहते हैं. लेकिन उनके पास उतना पैसा नहीं है कि वे उसका सही से दूसरे अस्पताल में इलाज करवा सके. ऐसे में टीटो के परिवार वालों ने मदद की गुहार लगाई है.

खबर के मुताबिक, मंगलुरु मर्दाला के मूल निवासी टीटो ने अगस्त 2023 में टीटो ने मारुथोंकारा के एक मूल निवासी की देखभाल की थी, जिसकी अस्पताल में तेज बुखार से मृत्यु हो गई थी. मृत्यु के बाद पता चला की मरीज निपाह वायरस से संक्रमित था. उसके कुछ समय पश्चात पता चला कि, अस्पताल का नर्स स्टाफ टीटो थॉमस भी निपाह वायरस से संक्रमित है. हालांकि, वह कुछ दिनों के बाद ठीक हो गया और काम पर लौट आया.

हालांकि, कुछ समय पश्चात उसे गर्दन और सिरदर्द की शिकायत हुई. शुरुआत में टीटो ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. धीरे-धीरे मामला गंभीर होता चला गया. उसके बाद उसने दिसंबर में पुणे इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी में परीक्षण कराया. टेस्ट में लेटेंट एन्सेफलाइटिस होने का पता चला. उसके बाद टीटो थॉमस उसी अस्पताल में भर्ती हो गए जहां वे काम करते हैं. इलाज के दौरान टीटो बेहोश भी हुए. मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड गठन किया गया.

इकरा अस्पताल में इलाज करा रहे टीटो के इलाज का सारा खर्च अस्पताल प्रबंधन उठा रहा है. अब तक टीटो के इलाज में 40 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. वह आठ महीने से बेड पर है. टीटो की देखभाल करने के लिए उनकी मां और भाई हमेशा मौजूद रहते हैं. इस समय टीटो पेट की नली के माध्यम भोजन कर रहा है. उसके गले में एक ट्यूब के माध्यम से सांस को बनाए रखा जाता है.

वहीं, डॉक्टरों ने कहा है कि, मरीज में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है. लेकिन टीटो की मां और भाई को अब भी कुछ उम्मीदें हैं. वे उसे इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर करना चाहते हैं. लेकिन आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय होने के कारण वे फिलहाल ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं. वहीं, टीटो की देखभाल के लिए उनके भाई ने अपनी नौकरी छोड़ दी है. टीटो को एक्सपर्ट से इलाज की जरूरत है, उनके भाई शिजो थॉमस और मां लिजी सरकार और शुभचिंतकों से मदद मांग रहे हैं.

ये भी पढ़ें: केरल में निपाह वायरस की पुष्टि, 14 साल का लड़का संक्रमित, मलप्पुरम जिले में हाई अलर्ट

कोझिकोड: केरल में निपाह वायरस वायरस का प्रकोप जारी है. खबर के मुताबिक, कोझिकोड के इकरा अस्पताल के हेल्थ वर्कर टीटो थॉमस निपाह एन्सेफलाइटिस से पीड़ित हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि, मरीज में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है. वहीं परिवार को टीटो के ठीक होने की उम्मीद है. हालांकि, वे अब उसे दूसरे अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए रेफर करना चाहते हैं. लेकिन उनके पास उतना पैसा नहीं है कि वे उसका सही से दूसरे अस्पताल में इलाज करवा सके. ऐसे में टीटो के परिवार वालों ने मदद की गुहार लगाई है.

खबर के मुताबिक, मंगलुरु मर्दाला के मूल निवासी टीटो ने अगस्त 2023 में टीटो ने मारुथोंकारा के एक मूल निवासी की देखभाल की थी, जिसकी अस्पताल में तेज बुखार से मृत्यु हो गई थी. मृत्यु के बाद पता चला की मरीज निपाह वायरस से संक्रमित था. उसके कुछ समय पश्चात पता चला कि, अस्पताल का नर्स स्टाफ टीटो थॉमस भी निपाह वायरस से संक्रमित है. हालांकि, वह कुछ दिनों के बाद ठीक हो गया और काम पर लौट आया.

हालांकि, कुछ समय पश्चात उसे गर्दन और सिरदर्द की शिकायत हुई. शुरुआत में टीटो ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. धीरे-धीरे मामला गंभीर होता चला गया. उसके बाद उसने दिसंबर में पुणे इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलॉजी में परीक्षण कराया. टेस्ट में लेटेंट एन्सेफलाइटिस होने का पता चला. उसके बाद टीटो थॉमस उसी अस्पताल में भर्ती हो गए जहां वे काम करते हैं. इलाज के दौरान टीटो बेहोश भी हुए. मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड गठन किया गया.

इकरा अस्पताल में इलाज करा रहे टीटो के इलाज का सारा खर्च अस्पताल प्रबंधन उठा रहा है. अब तक टीटो के इलाज में 40 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. वह आठ महीने से बेड पर है. टीटो की देखभाल करने के लिए उनकी मां और भाई हमेशा मौजूद रहते हैं. इस समय टीटो पेट की नली के माध्यम भोजन कर रहा है. उसके गले में एक ट्यूब के माध्यम से सांस को बनाए रखा जाता है.

वहीं, डॉक्टरों ने कहा है कि, मरीज में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है. लेकिन टीटो की मां और भाई को अब भी कुछ उम्मीदें हैं. वे उसे इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर करना चाहते हैं. लेकिन आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय होने के कारण वे फिलहाल ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं. वहीं, टीटो की देखभाल के लिए उनके भाई ने अपनी नौकरी छोड़ दी है. टीटो को एक्सपर्ट से इलाज की जरूरत है, उनके भाई शिजो थॉमस और मां लिजी सरकार और शुभचिंतकों से मदद मांग रहे हैं.

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