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केदारघाटी आपदा में गई तीन लोगों की जान, बचाई गई 14 हजार 'जिंदगियां', अब भी मुश्किलों में यात्रा - Kedar Valley disaster

रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में आई आपदा में तीन लोगों की जान गई है. वहीं इस दौरान 14 हजार लोगों को बचाया भी गया है. हालांकि अभी भी पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम जाना मुश्किल है. वैसे सरकार ने दावा किया है कि आगामी दो हफ्ते के अंदर वो पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू कर देंगे. फिलहाल भक्त हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम जा सकते है.

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केदारघाटी में बीते दिनों भारी बारिश के बाद आपदा आई थी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 9, 2024, 7:17 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बीते दिनों आई भारी बारिश ने काफी तबाही मचाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान केदारघाटी में हुआ था. केदारनाथ धाम पैदल मार्ग भी कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, जिस कारण सरकार को केदारनाथ यात्रा रोकना पड़ी थी. हालांकि अभी भी हेलीकॉप्टर से ही केदारनाथ धाम जाया जा सकता है. पैदल मार्ग कई जगहों पर बिल्कुल खत्म हो चुका है. वहीं अब जानकारी सामने आई है कि इस आपदा में तीन लोगों की मौत भी हुई है.

बीते दिनों आई भारी बारिश ने उत्तराखंड में जमकर कहर बरपाया था. कई जिलों में आपदा जैसे हालत बन गए थे. इस आपदा का सबसे ज्यादा असर केदारनाथ यात्रा पर पड़ा था. आपदा के कारण केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे. जिनको बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

14 हजार से ज्यादा लोगों का किया गया रेस्क्यू: उत्तराखंड सरकार के अनुसार केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर फंसे करीब 14 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया हैं. रेस्क्यू के लिए सरकार ने सेना की भी मदद ली थी, क्योंकि रास्ते क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया था. राहत की बात ये है कि गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ धाम की यात्रा सुचारू रूप से चल रही है. हालांकि मौसम को देखकर ही तीर्थयात्रियों को आगे धाम में भेजा जाता है.

चारधाम में 179 लोगों की मौत: वैसे इस साल चारधाम यात्रा में मरने वाले श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 179 तक पहुंच गया है. इनमें अधिकांश मौतों का कारण हार्ट अटैक और अन्य बीमारी ही है. सबसे ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत भी केदारनाथ में ही हुई है.

केदारनाथ में सबसे ज्यादा 85 श्रद्धालुओं की मौत हुई: केदारनाथ में अभीतक कुल 85 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि बदरीनाथ धाम में 44 श्रद्धालु अपने प्राण त्याग चुके हैं. वहीं तीसरे नंबर पर यमुनोत्री धाम है, जहां पर 31 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इसके अलावा गंगोत्री में भी 14 श्रद्धालु अन्य कारणों से मारे गए है. हेमकुंड साहिब में भी कई श्रद्धालुओं की मौत हुई है.

32 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए चारधाम के दर्शन: यात्रा शुरू होने से लेकर अभीतक कुल 32 लाख 44 हजार 26 श्रद्धालुओं ने चारधाम में दर्शन किए, जिसमें आठ लाख 96 हजार 543 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे. वहीं एक लाख 44 हजार दस यात्रियों ने हेमकुंड साहिब में माथा टेका. इसके अलावा केदारनाथ में सबसे ज्यादा 10 लाखर 91 हजार 316 तीर्थयात्री पहुंचे.

मॉनसून में श्रद्धालुओं की संख्या घटी: वहीं, अगर गंगोत्री की बात करें तो यहां पर भी पांच लाख 94 हजार 563 श्रद्धाओं ने मां गंगा के दर्शन किए. यमुनोत्री धाम में भी पांच लाख 11 हजार 285 श्रद्धालु पहुंचे हैं. मॉनसून सीजन में सबसे ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे है. बदरीनाथ धाम में बरसाती सीजन में भी रोजाना करीब दो हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे है. वहीं आठ अगस्त को यमुनोत्री में 235 और गंगोत्री में 727 लोगों ने दर्शन किए है.

हेलीकॉप्टर के किराए में 25 प्रतिशत की छूट: बता दें कि सरकार के केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू की. इस दौरान जो भी यात्रा केदारनाथ धाम जाएंगे, उन्हें हेलीकॉप्टर के किराए में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी.

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देहरादून: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में बीते दिनों आई भारी बारिश ने काफी तबाही मचाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान केदारघाटी में हुआ था. केदारनाथ धाम पैदल मार्ग भी कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हुआ है, जिस कारण सरकार को केदारनाथ यात्रा रोकना पड़ी थी. हालांकि अभी भी हेलीकॉप्टर से ही केदारनाथ धाम जाया जा सकता है. पैदल मार्ग कई जगहों पर बिल्कुल खत्म हो चुका है. वहीं अब जानकारी सामने आई है कि इस आपदा में तीन लोगों की मौत भी हुई है.

बीते दिनों आई भारी बारिश ने उत्तराखंड में जमकर कहर बरपाया था. कई जिलों में आपदा जैसे हालत बन गए थे. इस आपदा का सबसे ज्यादा असर केदारनाथ यात्रा पर पड़ा था. आपदा के कारण केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर बड़ी संख्या में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे. जिनको बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

14 हजार से ज्यादा लोगों का किया गया रेस्क्यू: उत्तराखंड सरकार के अनुसार केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर फंसे करीब 14 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया हैं. रेस्क्यू के लिए सरकार ने सेना की भी मदद ली थी, क्योंकि रास्ते क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया था. राहत की बात ये है कि गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ धाम की यात्रा सुचारू रूप से चल रही है. हालांकि मौसम को देखकर ही तीर्थयात्रियों को आगे धाम में भेजा जाता है.

चारधाम में 179 लोगों की मौत: वैसे इस साल चारधाम यात्रा में मरने वाले श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 179 तक पहुंच गया है. इनमें अधिकांश मौतों का कारण हार्ट अटैक और अन्य बीमारी ही है. सबसे ज्यादा तीर्थयात्रियों की मौत भी केदारनाथ में ही हुई है.

केदारनाथ में सबसे ज्यादा 85 श्रद्धालुओं की मौत हुई: केदारनाथ में अभीतक कुल 85 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि बदरीनाथ धाम में 44 श्रद्धालु अपने प्राण त्याग चुके हैं. वहीं तीसरे नंबर पर यमुनोत्री धाम है, जहां पर 31 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इसके अलावा गंगोत्री में भी 14 श्रद्धालु अन्य कारणों से मारे गए है. हेमकुंड साहिब में भी कई श्रद्धालुओं की मौत हुई है.

32 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए चारधाम के दर्शन: यात्रा शुरू होने से लेकर अभीतक कुल 32 लाख 44 हजार 26 श्रद्धालुओं ने चारधाम में दर्शन किए, जिसमें आठ लाख 96 हजार 543 श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे. वहीं एक लाख 44 हजार दस यात्रियों ने हेमकुंड साहिब में माथा टेका. इसके अलावा केदारनाथ में सबसे ज्यादा 10 लाखर 91 हजार 316 तीर्थयात्री पहुंचे.

मॉनसून में श्रद्धालुओं की संख्या घटी: वहीं, अगर गंगोत्री की बात करें तो यहां पर भी पांच लाख 94 हजार 563 श्रद्धाओं ने मां गंगा के दर्शन किए. यमुनोत्री धाम में भी पांच लाख 11 हजार 285 श्रद्धालु पहुंचे हैं. मॉनसून सीजन में सबसे ज्यादा श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे है. बदरीनाथ धाम में बरसाती सीजन में भी रोजाना करीब दो हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे है. वहीं आठ अगस्त को यमुनोत्री में 235 और गंगोत्री में 727 लोगों ने दर्शन किए है.

हेलीकॉप्टर के किराए में 25 प्रतिशत की छूट: बता दें कि सरकार के केदारनाथ धाम के लिए हेलीकॉप्टर से यात्रा शुरू की. इस दौरान जो भी यात्रा केदारनाथ धाम जाएंगे, उन्हें हेलीकॉप्टर के किराए में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी.

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