रोहतक: प्रदेश के 3 निर्दलीय विधायकों ने राज्य की बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. चरखी दादरी के विधायक सोमवीर सांगवान, पूंडरी के विधायक रणधीर गोलन और नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर अब बीजेपी की नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को बाहर से समर्थन देंगे. इन तीनों विधायकों ने मंगलवार को रेाहतक में पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उदयभान की मौजूदगी में ये ऐलान किया. साथ ही राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भी भेज दिया.
'कांग्रेस को जिताने के लिए करेंगे काम'
विधायक सोमवीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने कहा कि जनता बीजेपी को आजमा चुकी है. अब बीजेपी को अवसर देने का कोई औचित्य नहीं बनता. क्योंकि इस सरकार में हर वर्ग बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ते अपराध, फेमिली आईडी, प्रॉपर्टी आईडी से दुखी है. किसान, मजदूर, कर्मचारी, व्यापारी, सरपंच, नंबरदार समेत हर वर्ग आज आंदोलनरत है. सरकार में रहते हुए उन्होंने अलग-अलग मौकों पर बीजेपी को चेताने का काम किया लेकिन बीजेपी ने अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ी. अब जनता की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस से है। हरियाणा समेत पूरे देश में कांग्रेस के इंडी गठबंधन की लहर है. गठबंधन को जितवाने के लिए वो तीनों अपनी भागीदारी निभाएंगे.
हरियाणा में लगे राष्ट्रपति शासन- भूपेंद्र हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विधायकों ने यह निर्णय लिया है. सही समय पर लिया गया उनका सही फैसला रंग जरूर लाएगा. लोकसभा और आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत तय है. जेजेपी और निर्दलीयों के समर्थन वापसी के बाद अब बीजेपी सरकार बहुमत खो चुकी है. इसलिए हरियाणा में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करके विधानसभा चुनाव करवाए जाने चाहिए.
लोकसभा के साथ हो विधानसभा चुनाव- उदयभान
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि अक्सर लोग विपक्ष को छोड़कर सत्तापक्ष की तरफ जाते हैं, लेकिन इन विधायकों ने सत्तापक्ष को छोड़कर विपक्ष का समर्थन करने का ऐलान किया है. इससे साफ है कि ये विधायक संघर्ष में साथ देने के मकसद से आगे आए हैं. उनके इस फैसले से निश्चित ही कांग्रेस को मजबूती मिलेगी. 3 विधायकों के समर्थन वापसी और जेजेपी के सरकार से बाहर होने से साफ है कि प्रदेश में अल्पमत की सरकार चल रही है. ऐसे में बीजेपी को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. उसे तुरंत सरकार भंग करके विधानसभा चुनाव का सामना करना चाहिए.
एक निर्दलीय और एक बीजेपी विधायक दे चुके इस्तीफा
आपको बता दें कि सरकार के साथ गठबंधन में रही जेजेपी ने पहले ही अलग हो चुकी है. नायब सिंह सैनी को समर्थन कर रहे 5 निर्दलीय विधायकों ने अब समर्थन वापस के ऐलान से सरकार पर संकट मंडराने लगा है. मनोहर लाल के इस्तीफा देने से फिलहाल बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला पहले ही इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. इस हिसाब से हरियाणा में विधानसभा सदस्यों की संख्या 88 रह गई है. बीजेपी को बहुमत के लिए 45 विधायक चाहिए.