सिलचर: केंद्र में नई सरकार के गठन के साथ ही पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फिर से आग भड़क गई है. जानकारी सामने आ रही है कि मणिपुर के कई निवासी अपना घर छोड़कर असम के सीमावर्ती कछार जिले में चले गए हैं. असम-मणिपुर सीमा पर कछार के जिरीघाट के रास्ते सैकड़ों मणिपुरी जिले में आ गए हैं.
मणिपुर में हिंसा की स्थिति: नए जातीय समूहों के बीच झड़पों के कारण मणिपुर में फिर से उबाल है. मणिपुर के जिरीबाम जिले में मैतेई और कुकी लोगों के बीच झड़पें फिर से शुरू हो गई हैं. पिछले तीन दिनों से असम की सीमा पर मणिपुर के जिरीबाम में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. धारा 144 के बीच जिरीबाम में गोलीबारी, बम विस्फोट और आगजनी की तमाम घटनाएं जारी हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना के जवानों को तैनात किया गया है, लेकिन मणिपुर में अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है.
सैकड़ों मणिपुरी असम भागे: इस बीच, मणिपुर के जिरीबाम जिले में अशांति के कारण सैकड़ों मणिपुर निवासी पड़ोसी असम के कछार जिले में प्रवेश कर रहे हैं. घबराए हुए मणिपुर निवासी अब सुरक्षित स्थान की तलाश में अपने परिवारों के साथ सीमा पार कर रहे हैं. कछार जिला प्रशासन के अनुसार, अब तक मणिपुर के 500 से अधिक नागरिक कछार में आकर शरण ले चुके हैं.
हालांकि मणिपुर के कई लोग कछार के लखीपुर मार्कुलिन में अस्थायी रूप से शरण लिए हुए हैं, लेकिन कोई आधिकारिक आश्रय शिविर नहीं बनाया गया है. कुछ अन्य लोगों ने कछार में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है.
पलायन के बाद कछार पुलिस अलर्ट पर: दूसरी ओर, कछार के पुलिस अधीक्षक नुमल महत्ता यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि मणिपुर के सीमावर्ती जिरीबाम जिले में सांप्रदायिक झड़पों का असर कछार पर न पड़े. कछार के पुलिस अधीक्षक अपनी टीम के साथ हर दिन सीमा क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं. सीमावर्ती कछार के लखीपुर में कई हजार मैतेई और कुकी लोग रहते हैं.
कछार जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस प्रशासन भी यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि मणिपुर में सांप्रदायिक झड़पों का असर कछार के लखीपुर पर न पड़े. एसपी नुमल महत्ता ने भी कछार के लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.