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28 साल बाद वापस मिले रिश्वत में दिए 500 रुपये, व्यक्ति ने सुनाया दिलचस्प किस्सा - Man Get Back Bribe Money

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 12, 2024, 9:39 PM IST

Updated : Jun 12, 2024, 11:09 PM IST

Tamil Nadu Man Get Back Bribe Money: अगर किसी को रिश्वत में दिए गए पैसे वापस मिल जाएंगे तो काफी सुखद महसूस होगा. तमिलनाडु में एक व्यक्ति के साथ कुछ ऐसा हुआ है. व्यक्ति ने 28 साल पहले 500 रुपये की रिश्वत दी थी, लेकिन अब उसे कोर्ट से वापस मिल गई है. इस पर व्यक्ति ने ईटीवी भारत के साथ अपना अनुभव साझा किया है. पढ़ें पूरी खबर.

Tamil Nadu Man Get Back Bribe Money
कथिरमथियोन को 28 साल बाद रिश्वत में दिए पैसे वापस मिले. (ETV Bharat)

कोयंबटूर: तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक व्यक्ति को 28 साल से पहले दी गई 500 रुपये की रिश्वत वापस मिली है. जिले के वडावल्ली इलाके के रहने वाले कथिरमथियोन (Kathirmathiyon) सामाजिक कार्यकर्ता है. उन्होंने उपभोक्ताओं से जुड़े कई मामले दर्ज कराए हैं. 1996 में जब उन्होंने अपने घर के बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था, तब बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने उनसे 500 रुपये की रिश्वत मांगी थी. उन्होंने पहले इसकी शिकायत रिश्वतखोरी निरोधक विभाग से की और बाद में अधिकारी को 100 रुपये के चार नोट और 50 रुपये के दो नोट दिए. उस समय सतर्कता निदेशालय और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में सबूत के तौर पर कथिरमथियोन द्वारा दिए गए 500 रुपये अदालत को सौंप दिए गए थे.

28 साल बाद जब इस मामले का निपटारा हो गया तो उन्हें एक पत्र भेजा गया, जिसमें उन्हें अदालत में उपस्थित होने और उनके द्वारा दिए गए 500 रुपये वापस लेने के लिए कहा गया था. इसके बाद काथिरमथियोन अदालत में उपस्थित हुए और उनके द्वारा दिए गए 500 रुपये 28 साल बाद उन्हें वापस सौंप दिए गए हैं. यहां आपको बता दें कि 1996 में काथिरमथियोन द्वारा बिजली कनेक्शन के लिए सरकारी अधिकारी को दिए गए करेंसी नोट अब प्रचलन में नहीं हैं.

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता काथिरमथियोन ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि साल 1996 में मैंने कोयंबटूर के गणपति इलाके में अपने घर में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था. तब इसके लिए 100 रुपये फीस लगती थी. लेकिन उस समय प्रभारी अधिकारी ने 400 रुपये और देने को कहा. मैं रिश्वत देने के मूड में नहीं था, इसलिए मैंने रिश्वत निरोधक विभाग में शिकायत दर्ज कराई. इसके आधार पर उचित कार्रवाई करते हुए अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया गया था. बाद में मामला कोर्ट में चल रहा था. मेरे द्वारा दिए गए नोट भी सबूत के तौर पर पेश किए गए. उसके बाद मुझे नहीं पता कि मामले का क्या हुआ.

उन्होंने कहा कि हाल ली में मुझे कोर्ट से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि मामले का टिपटारा हो गया है और मुझे वह पैसा वापस ले लूं जो मैंने दिए थे. मुझे अब वह पैसा मिल गया है जो कोर्ट में सौंपा किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि करीब 28 साल बाद रिश्वत का पैसा वापस मिल गया है. लेकिन न्यायपालिका की ओर से मामले में इतनी देरी उचित नहीं है. कोर्ट ट्रायल में इतना लंबा समय लगना चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से ज्यादातर लोग रिश्वतखोरी की शिकायत करने से कतराते हैं. उन्हें अपना पैसा खुद देना पड़ता है और उसे वापस पाने के लिए सालों इंतजार करना पड़ता है. रिश्वत विरोधी विभाग को रिश्वतखोरी की शिकायत करने वाले लोगों को मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें - लाखों में किया नवजात का सौदा, दंपत्ति और किसान समेत पांच गिरफ्तार

कोयंबटूर: तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक व्यक्ति को 28 साल से पहले दी गई 500 रुपये की रिश्वत वापस मिली है. जिले के वडावल्ली इलाके के रहने वाले कथिरमथियोन (Kathirmathiyon) सामाजिक कार्यकर्ता है. उन्होंने उपभोक्ताओं से जुड़े कई मामले दर्ज कराए हैं. 1996 में जब उन्होंने अपने घर के बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था, तब बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने उनसे 500 रुपये की रिश्वत मांगी थी. उन्होंने पहले इसकी शिकायत रिश्वतखोरी निरोधक विभाग से की और बाद में अधिकारी को 100 रुपये के चार नोट और 50 रुपये के दो नोट दिए. उस समय सतर्कता निदेशालय और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में सबूत के तौर पर कथिरमथियोन द्वारा दिए गए 500 रुपये अदालत को सौंप दिए गए थे.

28 साल बाद जब इस मामले का निपटारा हो गया तो उन्हें एक पत्र भेजा गया, जिसमें उन्हें अदालत में उपस्थित होने और उनके द्वारा दिए गए 500 रुपये वापस लेने के लिए कहा गया था. इसके बाद काथिरमथियोन अदालत में उपस्थित हुए और उनके द्वारा दिए गए 500 रुपये 28 साल बाद उन्हें वापस सौंप दिए गए हैं. यहां आपको बता दें कि 1996 में काथिरमथियोन द्वारा बिजली कनेक्शन के लिए सरकारी अधिकारी को दिए गए करेंसी नोट अब प्रचलन में नहीं हैं.

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता काथिरमथियोन ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि साल 1996 में मैंने कोयंबटूर के गणपति इलाके में अपने घर में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था. तब इसके लिए 100 रुपये फीस लगती थी. लेकिन उस समय प्रभारी अधिकारी ने 400 रुपये और देने को कहा. मैं रिश्वत देने के मूड में नहीं था, इसलिए मैंने रिश्वत निरोधक विभाग में शिकायत दर्ज कराई. इसके आधार पर उचित कार्रवाई करते हुए अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया गया था. बाद में मामला कोर्ट में चल रहा था. मेरे द्वारा दिए गए नोट भी सबूत के तौर पर पेश किए गए. उसके बाद मुझे नहीं पता कि मामले का क्या हुआ.

उन्होंने कहा कि हाल ली में मुझे कोर्ट से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि मामले का टिपटारा हो गया है और मुझे वह पैसा वापस ले लूं जो मैंने दिए थे. मुझे अब वह पैसा मिल गया है जो कोर्ट में सौंपा किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि करीब 28 साल बाद रिश्वत का पैसा वापस मिल गया है. लेकिन न्यायपालिका की ओर से मामले में इतनी देरी उचित नहीं है. कोर्ट ट्रायल में इतना लंबा समय लगना चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि इसी वजह से ज्यादातर लोग रिश्वतखोरी की शिकायत करने से कतराते हैं. उन्हें अपना पैसा खुद देना पड़ता है और उसे वापस पाने के लिए सालों इंतजार करना पड़ता है. रिश्वत विरोधी विभाग को रिश्वतखोरी की शिकायत करने वाले लोगों को मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाना चाहिए.

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Last Updated : Jun 12, 2024, 11:09 PM IST
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