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PM मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी मामले में शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट से राहत - Defamation Case

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By Sumit Saxena

Published : Sep 10, 2024, 2:15 PM IST

SC THAROOR REMARK ON PM: कांग्रेस नेता शशि थरूर को पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ मानहानि मामले पर रोक लगा दी.

SC puts on hold defamation case against Shashi Tharoor
शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट से राहत (ANI)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर के खिलाफ मानहानि के मामले में सुनवाई पर रोक लगा दी. यह मामला 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर बिच्छू से तुलना करने वाली टिप्पणी से जुड़ा है.

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने थरूर की याचिका पर नोटिस जारी किया और कांग्रेस नेता के खिलाफ आपराधिक मानहानि शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगा दी. थरूर को आज निचली अदालत में पेश होना था. थरूर ने दिल्ली हाईकोर्ट के 29 अगस्त के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसमें मानहानि का मामला रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

थरूर के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने 2012 में एक समाचार पत्रिका में प्रकाशित एक लेख का केवल हवाला दिया था. इसमें एक बेनाम आरएसएस नेता ने कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' से की थी. उन्होंने दलील दी कि थरूर ने 2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए इस कथन को उद्धृत किया था और इसे 'असाधारण रूप से प्रभावशाली रूपक' कहा था. वकील ने पेश किया कि एक समाचार पत्रिका के लेख के कथन को व्यक्ति ने बाद में एक समाचार चैनल पर उसी कथन को दोहराया.

वकील ने तर्क दिया कि भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर शिकायत में न तो पत्रिका को और न ही उस व्यक्ति को आरोपी बनाया गया जिसका कथन था. पीठ ने कहा कि यह अंततः एक रूपक है, जो व्यक्ति की अजेयता को इंगित करता है. साथ ही पूछा, क्या इस रूपक को व्यक्ति की अजेयता की ओर इशारा करने के रूप में नहीं समझा जा सकता है? पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि किसी को रूपक पर आपत्ति क्यों होगी?

दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया. हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए उनके कथित 'शिवलिंग पर बिच्छू' टिप्पणी पर एक शिकायत पर उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री के खिलाफ 'शिवलिंग पर बिच्छू' जैसे आरोप 'घृणित और निंदनीय' है. थरूर के खिलाफ शिकायत दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने दर्ज कराई थी. थरूर ने निचली अदालत के 27 अप्रैल, 2019 के आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें बब्बर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत के साथ-साथ 2 नवंबर, 2018 की शिकायत में आरोपी के रूप में तलब किया गया था.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में शशि थरूर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर के खिलाफ मानहानि के मामले में सुनवाई पर रोक लगा दी. यह मामला 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर बिच्छू से तुलना करने वाली टिप्पणी से जुड़ा है.

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने थरूर की याचिका पर नोटिस जारी किया और कांग्रेस नेता के खिलाफ आपराधिक मानहानि शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगा दी. थरूर को आज निचली अदालत में पेश होना था. थरूर ने दिल्ली हाईकोर्ट के 29 अगस्त के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसमें मानहानि का मामला रद्द करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

थरूर के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने 2012 में एक समाचार पत्रिका में प्रकाशित एक लेख का केवल हवाला दिया था. इसमें एक बेनाम आरएसएस नेता ने कथित तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' से की थी. उन्होंने दलील दी कि थरूर ने 2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए इस कथन को उद्धृत किया था और इसे 'असाधारण रूप से प्रभावशाली रूपक' कहा था. वकील ने पेश किया कि एक समाचार पत्रिका के लेख के कथन को व्यक्ति ने बाद में एक समाचार चैनल पर उसी कथन को दोहराया.

वकील ने तर्क दिया कि भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर शिकायत में न तो पत्रिका को और न ही उस व्यक्ति को आरोपी बनाया गया जिसका कथन था. पीठ ने कहा कि यह अंततः एक रूपक है, जो व्यक्ति की अजेयता को इंगित करता है. साथ ही पूछा, क्या इस रूपक को व्यक्ति की अजेयता की ओर इशारा करने के रूप में नहीं समझा जा सकता है? पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि किसी को रूपक पर आपत्ति क्यों होगी?

दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया. हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए उनके कथित 'शिवलिंग पर बिच्छू' टिप्पणी पर एक शिकायत पर उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री के खिलाफ 'शिवलिंग पर बिच्छू' जैसे आरोप 'घृणित और निंदनीय' है. थरूर के खिलाफ शिकायत दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष राजीव बब्बर ने दर्ज कराई थी. थरूर ने निचली अदालत के 27 अप्रैल, 2019 के आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें बब्बर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत के साथ-साथ 2 नवंबर, 2018 की शिकायत में आरोपी के रूप में तलब किया गया था.

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