नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले के आरोपी शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने 14 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया. 30 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़कड़डूमा कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह शरजील इमाम की वैधानिक जमानत याचिका पर 17 फरवरी तक सुनवाई पूरी करे.
सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि प्रावधानों में कुछ भ्रम है. उन्होंने कहा था कि सवाल ये है कि क्या यूएपीए के तहत कोई आरोपी आधी सजा पूरी करने के बाद अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए के तहत जमानत पाने का हकदार है. शरजील इमाम की ओर दाखिल जमानत याचिका में कहा गया था कि शरजील ने अधिकतम 7 साल की सजा की आधी सजा काट ली है. ऐसे में उसको तत्काल जेल से रिहा किया जाए.
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याचिका में कहा गया है कि शरजील इमाम 28 जनवरी 2020 से हिरासत में है. वैधानिक जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अपराध की गंभीरता को नजरंदाज़ नहीं किया जा सकता है. दिल्ली पुलिस का कहना था कि सिर्फ इसलिए कि आरोपी ने उसके ऊपर दर्ज मामलों में मिलने वाली अधिकतम सजा का आधा हिस्सा जेल मे बिता लिया है, इस आधार पर ज़मानत नहीं दी जा सकती है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज किया था.
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