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धूमधाम से मनाया जा रहा द्वारकाधीश जी का 5,251 वां जन्मोत्सव, भक्‍तों में उत्साह - Sri Krishna Janmashtami

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By IANS

Published : Aug 26, 2024, 9:06 PM IST

Sri Krishna Janmashtami, भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी पर देश भर के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. वहीं मंदिरों में सजावट की गई है.

Janmashtami being celebrated across the country
देश भर में मनाई जा रही जन्माष्टमी (IANS)

द्वारका : गुजरात के द्वारका में भगवान द्वारकाधीश जी का 5,251वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दौरान बारिश होने के बावजूद भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला. भगवान का दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे. मंदिर में भगवान का अलौकिक दर्शन प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान बारिश होने के बावजूद लोगों के उत्‍साह में कोई कमी नहीं आई. बारिश के बीच भगवान का दर्शन कर श्रद्धालु खुश दिखाई दिए. इस दौरान मंदिर के प्रांगण में गरबा भी खेला गया.

पुलिस प्रशासन को पहले से इस बात की आशा थी कि भगवान के जन्मोत्सव के दिन दर्शन-पूजन के लिए भारी संख्या में भक्तों का जुटान होगा. इसके लिए यहां सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे. बता दें कि द्वारका में भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बड़ी संख्‍या में भक्त आते हैं. इस दौरान मंदिर के पुजारी द्वारकाधीश जी का केसरिया वस्‍त्र, तुलसी की माला और सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया. इसके साथ माथे पर विशेष रत्न जड़ित मुकुट पहनाया गया.

सोमवार को देश भर के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों में उत्साह रहा. गुजरात के द्वारका के अलावा दिल्ली एनसीआर, करनाल, वाराणसी और अमेठी में सुबह से ही मंदिरों को सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया. रंग-बिरंगे फूलों से मंदिरों को सजाया गया. इस दौरान कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है. गौरतलब है क‍ि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस द‍िन हर साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.

नासिक के 200 साल पुराने श्री मुरलीधर मंदिर में उमड़ी भारी भीड़

नासिक नासिक के कपड़ा बाजार क्षेत्र में प्राचीन श्री मुरलीधर मंदिर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव चल रहा है. दस दिवसीय उत्सव अवधि के दौरान, भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों को मुरलीधर मंदिर में मूर्त रूप दिया जाता है. इसलिए, यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है. नासिक शहर के ओल्ड नासिक क्षेत्र में कपड़ा बाजार क्षेत्र में 200 साल पुराना श्री मुरलीधर मंदिर है. इस मंदिर में वर्तमान में श्री कृष्ण जन्मोत्सव चल रहा है. इस बीच, मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. नासिक में दो हजार से अधिक छोटे और बड़े मंदिर हैं. इनमें से अधिकांश प्राचीन मंदिर हैं. इन मंदिरों में से एक नासिक के कपड़ा बाजार में श्री मुरलीधर मंदिर है गुंडराज महाराज ने वर्ष 1826 में इस मंदिर की स्थापना की थी. आज उनकी 14वीं पीढ़ी इस मंदिर का प्रबंधन देख रही है. इस मंदिर में हर साल श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. श्री मुरलीधर के विभिन्न रूपों में झूले पर बैठे कृष्ण, शेषनाग, मोर, मोहिनी, अर्धनारिंतेश्वर, झूले पर बैठे कृष्ण, चील पर बैठे कृष्ण, रथ पर बैठे कृष्ण, घोंघड़ीवाला कृष्ण जैसे विभिन्न रूपों को इसमें दर्शाया गया है. कृष्ण के इन विभिन्न रूपों को देखने के लिए इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. भक्तों का मानना ​​है कि श्री मुरलीधर मंदिर में मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही जिन लोगों की शादी नहीं होती और उनका परिवार नहीं होता, उन्हें मंदिर की ओर से श्री कृष्ण की मूर्ति दी जाती है.

ये भी पढ़ें- जन्माष्टमी विशेष : कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के अत्याचार से जनता को दिलाई थी मुक्ति, जानें

द्वारका : गुजरात के द्वारका में भगवान द्वारकाधीश जी का 5,251वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दौरान बारिश होने के बावजूद भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला. भगवान का दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे. मंदिर में भगवान का अलौकिक दर्शन प्राप्त करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान बारिश होने के बावजूद लोगों के उत्‍साह में कोई कमी नहीं आई. बारिश के बीच भगवान का दर्शन कर श्रद्धालु खुश दिखाई दिए. इस दौरान मंदिर के प्रांगण में गरबा भी खेला गया.

पुलिस प्रशासन को पहले से इस बात की आशा थी कि भगवान के जन्मोत्सव के दिन दर्शन-पूजन के लिए भारी संख्या में भक्तों का जुटान होगा. इसके लिए यहां सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे. बता दें कि द्वारका में भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बड़ी संख्‍या में भक्त आते हैं. इस दौरान मंदिर के पुजारी द्वारकाधीश जी का केसरिया वस्‍त्र, तुलसी की माला और सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया. इसके साथ माथे पर विशेष रत्न जड़ित मुकुट पहनाया गया.

सोमवार को देश भर के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों में उत्साह रहा. गुजरात के द्वारका के अलावा दिल्ली एनसीआर, करनाल, वाराणसी और अमेठी में सुबह से ही मंदिरों को सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया. रंग-बिरंगे फूलों से मंदिरों को सजाया गया. इस दौरान कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है. गौरतलब है क‍ि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस द‍िन हर साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है.

नासिक के 200 साल पुराने श्री मुरलीधर मंदिर में उमड़ी भारी भीड़

नासिक नासिक के कपड़ा बाजार क्षेत्र में प्राचीन श्री मुरलीधर मंदिर में श्री कृष्ण जन्मोत्सव चल रहा है. दस दिवसीय उत्सव अवधि के दौरान, भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों को मुरलीधर मंदिर में मूर्त रूप दिया जाता है. इसलिए, यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है. नासिक शहर के ओल्ड नासिक क्षेत्र में कपड़ा बाजार क्षेत्र में 200 साल पुराना श्री मुरलीधर मंदिर है. इस मंदिर में वर्तमान में श्री कृष्ण जन्मोत्सव चल रहा है. इस बीच, मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. नासिक में दो हजार से अधिक छोटे और बड़े मंदिर हैं. इनमें से अधिकांश प्राचीन मंदिर हैं. इन मंदिरों में से एक नासिक के कपड़ा बाजार में श्री मुरलीधर मंदिर है गुंडराज महाराज ने वर्ष 1826 में इस मंदिर की स्थापना की थी. आज उनकी 14वीं पीढ़ी इस मंदिर का प्रबंधन देख रही है. इस मंदिर में हर साल श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. श्री मुरलीधर के विभिन्न रूपों में झूले पर बैठे कृष्ण, शेषनाग, मोर, मोहिनी, अर्धनारिंतेश्वर, झूले पर बैठे कृष्ण, चील पर बैठे कृष्ण, रथ पर बैठे कृष्ण, घोंघड़ीवाला कृष्ण जैसे विभिन्न रूपों को इसमें दर्शाया गया है. कृष्ण के इन विभिन्न रूपों को देखने के लिए इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. भक्तों का मानना ​​है कि श्री मुरलीधर मंदिर में मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही जिन लोगों की शादी नहीं होती और उनका परिवार नहीं होता, उन्हें मंदिर की ओर से श्री कृष्ण की मूर्ति दी जाती है.

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