ETV Bharat / bharat

बदरी-केदार मंदिर प्रसाद के लिए SOP जारी, होगा फूड सेफ्टी ऑडिट, तिरुपति लड्डू विवाद के बाद फैसला

तिरुपति लड्डू विवाद के बाद बीकेटीसी ने लिया फैसला, मंदिर समिति के आधीन आने वाले सभी मंदिरों में लागू होगी एसओपी.

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 54 minutes ago

BADRI KEDAR PRASAD SOP
बदरी केदार मंदिर प्रसाद के लिए जारी एसओपी (ETV BHARAT)

देहरादून: तिरुपति लड्डू विवाद के बाद देशभर के मंदिरों में प्रसाद को लेकर कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के प्रमुख चारधामों में से दो धाम केदारनाथ और बदरीनाथ धाम का संचालन कर रही बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने प्रसाद को लेकर एक नई एसओपी जारी की है. अब साल में एक बार बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट करवाया जाएगा.

उत्तराखंड के मंदिरों में सालाना लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में तिरुपति बालाजी मंदिर में उठे प्रसाद के ऊपर विवाद के बाद उत्तराखंड की बदरी-केदार मंदिर समिति ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंदिर समिति के अधीन आने वाले तमाम मंदिरों में चढ़ने वाले और भक्तों को मिलने वाले प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी हुई है.

बदरी केदार मंदिर प्रसाद के लिए जारी एसओपी (ETV BHARAT)

गाइडलाइन में हर साल मंदिर में मिलने वाले प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इसके साथ ही समय-समय पर इस बात की भी जांच की जाएगी कि प्रसाद में मिल रही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता किस तरह की है. प्रसाद बनाने के लिए रखे जाने वाली जगह की कैमरों से निगरानी की जाएगी.

BADRI KEDAR PRASAD SOP
बदरी केदार प्रसाद एसओ (ETV BHARAT)

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मानें तो बदरी केदार में प्रसाद इत्यादि की शुद्धता और रख-रखाव का पूरा ख्याल रखा जाता है. इसके लिए बकायदा अलग से लोगों की व्यवस्था भी की गई है. इसके बाद भी आजकल चल रहे विवाद को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की गई हैं. उन्होंने कहा कि, हम चाहते हैं कि आने वाले समय में भोग में इस्तेमाल होने वाले चावल, तेल, केसर इत्यादि सभी वस्तुओं की देखरेख सही से हो. प्रसाद की गुणवत्ता सही हो, इसे लेकर मंदिर समिति की ओर से कोशिश की जा रही हैं. इस व्यवस्था को मंदिर समिति के अधीन आने वाले सभी मंदिरों में लागू किया जाएगा.

SOP के कुछ मुख्य बिंदु

BADRI KEDAR PRASAD SOP
बदरी केदार प्रसाद एसओ (ETV BHARAT)
  • प्रसाद और भोग इत्यादि बनाने को लेकर रसोई के आकार और धुआं निकासी के अलावा पेयजल की व्यवस्था को लेकर के सख्त प्रावधान किए गए हैं.
  • हाथ धोने की सुविधा और प्रसाधान के लिए, हाथ धोने के लिए ठंडे पानी और गर्म पानी की अलग व्यवस्था के साथ ही ड्रायर और तौलिया इत्यादि की व्यवस्था करने के SOP में निर्देश दिए गए हैं.
  • प्रसाद के लिए कच्चा माल खरीदने के लिए विश्वसनीय और ज्ञात व्यापारियों से सामान खरीदना है और खरीद के दौरान सामान की ठीक से जांच की जानी है.
    प्रसाद के लिए खरीदी जाने वाली कच्ची खाद्य सामग्री पत्थर बाल कांच कीड़े इत्यादि रहित होना चाहिए.
  • प्रसाद के लिए खरीदे जाने वाले सामग्री में केवल पैकेट बंद तेल मसाले घी केसर आदि का प्रयोग होगा.
  • खाद्य सामग्री प्राप्त करते समय एक्सपायरी डेट और निर्माता का नाम पता एगमार्क और खाद्य लाइसेंस संख्या जानने के लिए खाद्य लेवल का परीक्षण कर ही सामग्री भंडार की जाएगी.
  • प्रसाद बनाने में एक बार इस्तेमाल होने वाले तेल का दोबारा इस्तेमाल नहीं होगा.
  • तेल और घी से बने प्रसाद को दोबारा गर्म करने की दशा में केवल तीन बार ही गर्म किया जाएगा.
  • SOP में हाथ धोने के प्रोटोकॉल निर्धारित किए गए हैं. जिसमें प्रसाद तैयार करने से पहले शौचालय इस्तेमाल करने के बाद और प्रसाद के पात्रों की सफाई के बाद हाथ धोने अनिवार्य हैं.
  • प्रसाद बनाने में सम्मिलित होने वाले कर्मचारी स्वस्थ और रोग मुक्त होने चाहिए.
  • ड्राई फ्रूट या फिर सुख प्रसाद को लकड़ी के ऊपर या फिर प्लास्टिक के पैकेट में भंडार किया जाए.
  • इसके अलावा जो पुराना प्रसाद हो उसको पहले इस्तेमाल किया जाये.
  • प्रसाद के भंडारण और पूर्व दान या फिर करे के लिए एक कार्मिक को नामित किया जाएगा जो कि इस पूरी SOP का अनुपालन सुनिश्चित करेगा,
  • इसके अलावा इस पूरी प्रक्रिया में फूड सेफ्टी और फूड सेफ्टी ऑडिट की व्यवस्था साल में काम से कम एक बार अनिवार्य रूप से की जाएगी

पढ़ें-

देहरादून: तिरुपति लड्डू विवाद के बाद देशभर के मंदिरों में प्रसाद को लेकर कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के प्रमुख चारधामों में से दो धाम केदारनाथ और बदरीनाथ धाम का संचालन कर रही बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने प्रसाद को लेकर एक नई एसओपी जारी की है. अब साल में एक बार बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट करवाया जाएगा.

उत्तराखंड के मंदिरों में सालाना लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में तिरुपति बालाजी मंदिर में उठे प्रसाद के ऊपर विवाद के बाद उत्तराखंड की बदरी-केदार मंदिर समिति ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंदिर समिति के अधीन आने वाले तमाम मंदिरों में चढ़ने वाले और भक्तों को मिलने वाले प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी हुई है.

बदरी केदार मंदिर प्रसाद के लिए जारी एसओपी (ETV BHARAT)

गाइडलाइन में हर साल मंदिर में मिलने वाले प्रसाद का फूड सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा. इसके साथ ही समय-समय पर इस बात की भी जांच की जाएगी कि प्रसाद में मिल रही खाद्य सामग्री की गुणवत्ता किस तरह की है. प्रसाद बनाने के लिए रखे जाने वाली जगह की कैमरों से निगरानी की जाएगी.

BADRI KEDAR PRASAD SOP
बदरी केदार प्रसाद एसओ (ETV BHARAT)

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मानें तो बदरी केदार में प्रसाद इत्यादि की शुद्धता और रख-रखाव का पूरा ख्याल रखा जाता है. इसके लिए बकायदा अलग से लोगों की व्यवस्था भी की गई है. इसके बाद भी आजकल चल रहे विवाद को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की गई हैं. उन्होंने कहा कि, हम चाहते हैं कि आने वाले समय में भोग में इस्तेमाल होने वाले चावल, तेल, केसर इत्यादि सभी वस्तुओं की देखरेख सही से हो. प्रसाद की गुणवत्ता सही हो, इसे लेकर मंदिर समिति की ओर से कोशिश की जा रही हैं. इस व्यवस्था को मंदिर समिति के अधीन आने वाले सभी मंदिरों में लागू किया जाएगा.

SOP के कुछ मुख्य बिंदु

BADRI KEDAR PRASAD SOP
बदरी केदार प्रसाद एसओ (ETV BHARAT)
  • प्रसाद और भोग इत्यादि बनाने को लेकर रसोई के आकार और धुआं निकासी के अलावा पेयजल की व्यवस्था को लेकर के सख्त प्रावधान किए गए हैं.
  • हाथ धोने की सुविधा और प्रसाधान के लिए, हाथ धोने के लिए ठंडे पानी और गर्म पानी की अलग व्यवस्था के साथ ही ड्रायर और तौलिया इत्यादि की व्यवस्था करने के SOP में निर्देश दिए गए हैं.
  • प्रसाद के लिए कच्चा माल खरीदने के लिए विश्वसनीय और ज्ञात व्यापारियों से सामान खरीदना है और खरीद के दौरान सामान की ठीक से जांच की जानी है.
    प्रसाद के लिए खरीदी जाने वाली कच्ची खाद्य सामग्री पत्थर बाल कांच कीड़े इत्यादि रहित होना चाहिए.
  • प्रसाद के लिए खरीदे जाने वाले सामग्री में केवल पैकेट बंद तेल मसाले घी केसर आदि का प्रयोग होगा.
  • खाद्य सामग्री प्राप्त करते समय एक्सपायरी डेट और निर्माता का नाम पता एगमार्क और खाद्य लाइसेंस संख्या जानने के लिए खाद्य लेवल का परीक्षण कर ही सामग्री भंडार की जाएगी.
  • प्रसाद बनाने में एक बार इस्तेमाल होने वाले तेल का दोबारा इस्तेमाल नहीं होगा.
  • तेल और घी से बने प्रसाद को दोबारा गर्म करने की दशा में केवल तीन बार ही गर्म किया जाएगा.
  • SOP में हाथ धोने के प्रोटोकॉल निर्धारित किए गए हैं. जिसमें प्रसाद तैयार करने से पहले शौचालय इस्तेमाल करने के बाद और प्रसाद के पात्रों की सफाई के बाद हाथ धोने अनिवार्य हैं.
  • प्रसाद बनाने में सम्मिलित होने वाले कर्मचारी स्वस्थ और रोग मुक्त होने चाहिए.
  • ड्राई फ्रूट या फिर सुख प्रसाद को लकड़ी के ऊपर या फिर प्लास्टिक के पैकेट में भंडार किया जाए.
  • इसके अलावा जो पुराना प्रसाद हो उसको पहले इस्तेमाल किया जाये.
  • प्रसाद के भंडारण और पूर्व दान या फिर करे के लिए एक कार्मिक को नामित किया जाएगा जो कि इस पूरी SOP का अनुपालन सुनिश्चित करेगा,
  • इसके अलावा इस पूरी प्रक्रिया में फूड सेफ्टी और फूड सेफ्टी ऑडिट की व्यवस्था साल में काम से कम एक बार अनिवार्य रूप से की जाएगी

पढ़ें-

Last Updated : 54 minutes ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.