जैसलमेर. सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम सोमवार को जैसलमेर पहुंचे, जहां एक निजी होटल में उनका भारतीय परंपरा से भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान जैसलमेर जिला कलेक्टर प्रताप सिंह व पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने उनकी अगवानी की. जैसलमेर पहुंचने से पहले सिंगापुर के राष्ट्रपति ने जैसलमेर की परमाणु नगरी पोकरण की भी सैर की और वहां के दर्शनीय स्थलों को देखा.
जैसलमेर पहुंचने के बाद मंगलवार सुबह सिंगापुर के राष्ट्रपति जैसलमेर की ऐतिहासिक पटवा हवेली पहुंचे, जहां उन्होंने पटवा हवेली को देखा. इस दौरान उन्होंने 5 समूहों में बनी जैसलमेर की पटवा हवेली की बनावट व उसके इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी ली. इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से कड़े बन्दोबस्त किए गए. जैसलमेर शहर के भीतर पटवा हवेली व नथमल हवेली समेत आसपास के इलाके में पुलिस व आरएससी के जवानों की तैनाती की गई.
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गौरतलब है कि इस पांच हवेलियों के समूह पटवा हवेली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं तारीफ कर चुके हैं. यह हवेली वास्तुकला का एक दिलचस्प नमूना है. यह जैसलमेर शहर में बनी सबसे पहली हवेली थी और दूसरी यह कि यह एक हवेली नहीं, बल्कि पांच छोटी-छोटी हवेलियों का समूह है. राष्ट्रपति थर्मन को उनके गाइड ने बताया कि इन सभी हवेलियों में से पहली हवेलियों का निर्माण 1805 में गुमान चंद पटवा द्वारा किया गया था. यह हवेली सबसे बड़ी और सबसे आडंबरपूर्ण है.
हवेलियों को ब्रोकेड व्यापारियों की हवेली के रूप में भी जाना जाता है. यह नाम शायद इसलिए दिया गया है, क्योंकि परिवार कढ़ाई वाले कपड़ों में इस्तेमाल होने वाले सोने और चांदी के धागों का कारोबार करता था. यह जानकर सिंगापुर के राष्ट्रपति की उत्सुकता और बढ़ गई. इसके बाद सिंगापुर के राष्ट्रपति ने जैसलमेर के पटवा हवेली के पास स्थित चिड़िया हवेली का भी भ्रमण कर वहां शॉपिंग की. साथ ही जैसलमेर के सदर बाजार में स्थित एक दुकान में भी शॉपिंग की.
अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम जैसलमेर शहर व सम सेंड ड्यूंस सहित अन्य आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी जाएंगे. इन चार दिनों में वो जैसलमेर की कला संस्कृति अपनायत व ऐतिहासिकता से रूबरू भी होंगे. खासकर राजस्थान के ट्रेडिशनल खानपान का भी लुफ्त लेंगे. वहीं, स्थानीय हस्तकला का काम करने वाले लोगों से मिलने का भी कार्यक्रम है. जिसके बाद 29 मार्च को राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम सड़क मार्ग से जोधपुर जाएंगे.