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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी, न्यायमित्र की नियुक्ति पर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति जतायी - Allahabad High Court News

श्री कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद को लेकर गुरुवार को इलाहाबाद होईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को लेकर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गयी. इस दौरान न्यायमित्र की नियुक्ति पर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति जतायी.

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न्यायमित्र की नियुक्ति पर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति जतायी (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 8:06 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को पूरी हो गई है. बहस के लिए दिए गए अतरिक्त समय में मु​स्लिम पक्ष ने सिविल कोर्ट के न्यायमित्र की नियु​क्ति करने के अधिकार पर आप​त्ति जताई. कहा कि सिविल कोर्ट को न्यायमित्र नियुक्त करने का अधिकार नहीं है. कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

हिंदू पक्ष ने उसका विरोध करते हुए कहा कि न्यायमित्र की​ नियुक्ति न्यायालय का विवेकाधिकार है. दोनों पक्ष की बहस पूरी हो गई है. कोर्ट अपना फ़ैसला पहले ही सुरक्षित कर चुका है. अब जल्द ही वाद की पोषणीयता पर फैसला आने की उम्मीद की जा रही है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की एकल पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.

वाद की पोषणीयता पर 31 मई 2024 को दोनों पक्षों की दलील पूरी होने के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया था. इस बीच ईदगाह मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता महमूद प्राचा ने प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रखने के लिए न्यायालय से और समय देने की मांग की. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की है कि न्याय सिर्फ मिलना ही नहीं चाहिए, ब​ल्कि न्याय मिलते हुए दिखना चाहिए.

कोर्ट ने 4 जून को मु​स्लिम पक्ष को दलील रखने के लिए समय दिया था. बाद में मु​स्लिम पक्ष ने प्रार्थना पत्र देकर 5 जून के बाद का समय देने का अनुरोध किया. इस पर 6 जून को कोर्ट ने ति​थि निर्धारित की. बृहस्पतिवार को मु​स्लिम पक्ष ने न्यायमित्र की नियु​क्ति पर आप​त्ति जताई. कहा कि न्यायमित्र की नियु​क्ति रद्द की जानी चाहिए.

वहीं हिंदू पक्ष ने सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि न्यायमित्र की नियु​क्ति न्यायालय का विवेका​धिकार का विषय है. इस पर किसी प्रकार की कोई आप​​त्ति नहीं की जा सकती. मु​स्लिम पक्ष की आप​त्ति को जुर्माना सहित खारिज किया जाए.

ये भी पढ़ें- लखनऊ एयरपोर्ट पर बड़ा बदलाव; सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स टी-1 से अत्याधुनिक टर्मिनल-3 पर ट्रांसफर, 2400 करोड़ से बढ़ाई गईं सुविधाएं

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को पूरी हो गई है. बहस के लिए दिए गए अतरिक्त समय में मु​स्लिम पक्ष ने सिविल कोर्ट के न्यायमित्र की नियु​क्ति करने के अधिकार पर आप​त्ति जताई. कहा कि सिविल कोर्ट को न्यायमित्र नियुक्त करने का अधिकार नहीं है. कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

हिंदू पक्ष ने उसका विरोध करते हुए कहा कि न्यायमित्र की​ नियुक्ति न्यायालय का विवेकाधिकार है. दोनों पक्ष की बहस पूरी हो गई है. कोर्ट अपना फ़ैसला पहले ही सुरक्षित कर चुका है. अब जल्द ही वाद की पोषणीयता पर फैसला आने की उम्मीद की जा रही है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की एकल पीठ मामले की सुनवाई कर रही है.

वाद की पोषणीयता पर 31 मई 2024 को दोनों पक्षों की दलील पूरी होने के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया था. इस बीच ईदगाह मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता महमूद प्राचा ने प्रार्थना पत्र देकर अपना पक्ष रखने के लिए न्यायालय से और समय देने की मांग की. इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की है कि न्याय सिर्फ मिलना ही नहीं चाहिए, ब​ल्कि न्याय मिलते हुए दिखना चाहिए.

कोर्ट ने 4 जून को मु​स्लिम पक्ष को दलील रखने के लिए समय दिया था. बाद में मु​स्लिम पक्ष ने प्रार्थना पत्र देकर 5 जून के बाद का समय देने का अनुरोध किया. इस पर 6 जून को कोर्ट ने ति​थि निर्धारित की. बृहस्पतिवार को मु​स्लिम पक्ष ने न्यायमित्र की नियु​क्ति पर आप​त्ति जताई. कहा कि न्यायमित्र की नियु​क्ति रद्द की जानी चाहिए.

वहीं हिंदू पक्ष ने सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि न्यायमित्र की नियु​क्ति न्यायालय का विवेका​धिकार का विषय है. इस पर किसी प्रकार की कोई आप​​त्ति नहीं की जा सकती. मु​स्लिम पक्ष की आप​त्ति को जुर्माना सहित खारिज किया जाए.

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