नई दिल्ली: संसद में संविधान पर चर्चा हो रही है. पहले लोकसभा में चर्चा हुई और अब राज्यसभा में चर्चा चल रही. चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जहां सरकार पर संविधान को लेकर तमाम आरोप लगाए, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला था.
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सोमवार को नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां तक आरोप लगाया कि जो लोग अशोक चक्र और संविधान से परहेज करते थे वो संविधान की बात कर रहे. संविधान पर चर्चा में शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसदों ने भी लिया.
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि संविधान पर चर्चा... चर्चा कम आरोप प्रत्यारोप का दौर ज्यादा हो गया है. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत एनडीए की तरफ से हुई. उन्होंने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में संविधान पर कम और गांधी-नेहरू परिवार पर ज्यादा बात की.
बालासाहब में इमरजेंसी में इंदिरा गांधी को समर्थन दिया
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी की बात की गई. उस समय बालासाहब ठाकरे ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कहा था कि पहले राष्ट्र, फिर महाराष्ट्र. इसलिए इमरजेंसी में इंदिरा गांधी को समर्थन दिया था, लेकिन तब इमरजेंसी थी तो बोलने और आंदोलन करने का अधिकार था. उसी समय जेपी आंदोलन हुआ, उसी समय सभी लोगों ने आंदोलन किया. आज किसी को बोलने की हिम्मत नहीं...कोई बोलता है तो उसके पीछे ईडी और सीबीआई लगा दी जाती है.
उन्होंने कहा कि संविधान को खत्म करने और सुविधाजनक हिसाब से काम करने में सबसे ज्यादा एनडीए सरकार आगे है और आरोप विपक्ष पर लगा रही है. उन्होंने कहा कि संभल हो या मणिपुर, इन जगहों पर संवैधानिक व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं तभी विपक्ष इन मुद्दों को चर्चा में उठा रहा है.
डीएम के लिए संविधान धर्म होना चाहिए...
संभल में मंदिर मिलने और डीएम द्वारा उसमें पूजा करने के मामले पर उन्होंने कहा कि क्या डीएम एक धर्म की बात करने के लिए बनाता है. क्या मंदिर में जाकर पूजा करना डीएम का कम है. डीएम के लिए संविधान धर्म होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से ही संविधान को खतरा है.
यह भी पढ़ें- प्रियंका गांधी 'फिलिस्तीन' लिखा बैग लेकर संसद पहुंचीं, भाजपा ने उठाए सवाल