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शेषनाग-भगवान शिव की मूर्ति करेगी आकाशीय बिजली से सुरक्षा, यूपी में हुई स्पेशल रिसर्च से बचेंगी लाखों जिंदगियां - Device will protect from lightning

आकाशीय बिजली गिरने सें हर साल हजारों लोंगो की जानें चली जाती हैं. गीडा गोरखपुर के छात्रों ने धातु से बनी शेषनाग और भगवान शिव की खास मूर्ति तैयार की है. आकाशीय बिजली (वज्रपात) से लोंगो की सुरक्षा करेगी और उनको पहले ही अलर्ट भी करेगी.

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आकाशीय बिजली को धातु से बनी मूर्ति आकर्षित करेगी (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 7:58 PM IST

Updated : Aug 10, 2024, 8:05 PM IST

आकाशीय बिजली (वज्रपात) से लोंगो की सुरक्षा करेगी मूर्ति (Video Credit- ETV Bharat)

गोरखपुर: इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (ITM) गीडा गोरखपुर के छात्रों ने धातु से बनी शेषनाग और भगवान शिव की एक ऐसी खास मूर्ति तैयार की है, जो वज्रपात यानी आकाशीय बिजली से लोंगो की सुरक्षा करेगी. आकाशीय बिजली गिरने से प्रति वर्ष हजारों लोगों की जानें चली जाती हैं. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक सोच के आधार पर आईटीएम गीडा के छात्रों ने भगवान शिव और शेषनाग की धातु से बनी मूर्ति तैयार की है.

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इसके माध्यम से आकशीय बिजली जमीन में समा जाती है. (Photo Credit- ETV Bharat)

यह आकाशीय बिजली के तड़कने पर कई हजार वोल्ट करंट उत्पन्न कर, आकाशीय बिजली को अपनी और आकर्षित कर सकती है. इस तकनीक की मदद से आकाशीय बिजली को मूर्ति के स्थान पर केंद्रित किया जा सकता है. ऐसा करने से आस-पास के लोगों की जान बच सकती है. छात्रों के इस शोध को वैज्ञानिक आधार पर सराहा जा रहा है. उनका यह शोध, कॉलेज के इनोवेशन सेल की देखरेख में पूरा हुआ है.

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गीडा गोरखपुर के छात्रों ने बनायी जीवन रक्षक डिवाइस (Photo Credit- ETV Bharat)

इस शोध के संबंध में छात्र श्वेत यादव ने बताया कि वैज्ञानिकों की मानें तो आकशीय बिजली हरे वृक्ष, खुले स्थान और बिजली के तार और पोल पर ज्यादा केंद्रित होती है. इसके माध्यम से आकशीय बिजली जमीन में समा जाती है. यही बिजली जब किसी इंसान के ऊपर गिरती है, तो जान भी चली जाती है. इसलिए बारिश के वक्त लोगों को खुले आसमान के नीचे नहीं रहना चाहिए. यह अविष्कार में आईटीएम गीडा के चार छात्र साईं अंश, अंशिका, श्वेत यादव, प्रणव ठाकुर ने मिलकर किया. उन्होंने आकाशीय बिजली की समस्या के समाधान के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार बनाया है, जो आकाशीय बिजली के गिरने से पहले ही लोगों को सतर्क भी कर सकता हैं.

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छात्रों ने भगवान शिव और शेषनाग की धातु से बनी मूर्ति तैयार की है. (Photo Credit- ETV Bharat)

छात्रों ने बताया है कि मूर्ति में उन्होंने एक माइक सेंसर लगाया है, जो आवाज से एक्टिव हो जाता है. इसके बाद यह कई हजार वोल्ट का करंट उत्पन्न करने लगता है. ये करंट धातु से बने भगवान शिव और शेषनाग की मूर्ति के आस-पास उत्पन्न होता हैं. छात्र श्वेत यादव ने बताया धातु से बनी मूर्ति आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित करती है. इससे आस-पास के लोगों के बजाय बिजली धातु से बनी मूर्ति और उनके उपकरण की तरफ केंद्रित हो कर गिरेगी.

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आकाशीय बिजली के तड़कने पर कई हजार वोल्ट करंट उत्पन्न करती है मूर्ति (Photo Credit- ETV Bharat)

इसके साथ ही मौसम विभाग के वैज्ञानिक दूर से ही देश के गांवों मे इंटरनेट के माध्यम से किसानों और आम लोंगो को वज्रपात की जानकारी दें सकेंगे. इससे समय रहते लोग अकाशीय बिजली से अपनी सुरक्षा कर सकेंगे. छात्र साईं अंश ने बताया कि इसे बनाने आठ दिन का समय लगा. इसमें करीब 10 हजार रुपये खर्च हुए. इस प्रोजेक्ट में हाई वोल्टेज ट्रांसफार्मर, 3.7 वोल्ट बैटरी, चार्जर एलईडी लाइट, मेटल, पीतल धातु, स्विच आदि का इस्तेमाल किया गया है.

संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने कहा कि छात्रों ने कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में इस प्रोजेक्ट का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है. यह वज्रपात से लोगो को सुरक्षा प्रदान कर सकता है. छात्रों के छोटे-छोटे आइडियाज़ से ही बहुत से समस्याओं का उचित समाधान हम कर सकते हैं. आज के छात्र इस तरह की वैज्ञानिक सोच रखते हैं. यह एक अच्छी पहल है.

उन्होंने बताया कि ऐसे कई शोध कॉलेज के छात्रों ने पूरे किये हैं, जो सामाजिक जीवन में लोगों को बड़ा लाभ पहुंचा रहे हैं. इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने छात्रों कि इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की.


ये भी पढ़ें- दारोगा ने रिश्वत में मांगे 5 किलो आलू, सब्जी व्यापारी 2 पर माना; ऑडियो हुआ वायरल तो नप गए - Kannauj Potatoes bribes

आकाशीय बिजली (वज्रपात) से लोंगो की सुरक्षा करेगी मूर्ति (Video Credit- ETV Bharat)

गोरखपुर: इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (ITM) गीडा गोरखपुर के छात्रों ने धातु से बनी शेषनाग और भगवान शिव की एक ऐसी खास मूर्ति तैयार की है, जो वज्रपात यानी आकाशीय बिजली से लोंगो की सुरक्षा करेगी. आकाशीय बिजली गिरने से प्रति वर्ष हजारों लोगों की जानें चली जाती हैं. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक सोच के आधार पर आईटीएम गीडा के छात्रों ने भगवान शिव और शेषनाग की धातु से बनी मूर्ति तैयार की है.

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इसके माध्यम से आकशीय बिजली जमीन में समा जाती है. (Photo Credit- ETV Bharat)

यह आकाशीय बिजली के तड़कने पर कई हजार वोल्ट करंट उत्पन्न कर, आकाशीय बिजली को अपनी और आकर्षित कर सकती है. इस तकनीक की मदद से आकाशीय बिजली को मूर्ति के स्थान पर केंद्रित किया जा सकता है. ऐसा करने से आस-पास के लोगों की जान बच सकती है. छात्रों के इस शोध को वैज्ञानिक आधार पर सराहा जा रहा है. उनका यह शोध, कॉलेज के इनोवेशन सेल की देखरेख में पूरा हुआ है.

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गीडा गोरखपुर के छात्रों ने बनायी जीवन रक्षक डिवाइस (Photo Credit- ETV Bharat)

इस शोध के संबंध में छात्र श्वेत यादव ने बताया कि वैज्ञानिकों की मानें तो आकशीय बिजली हरे वृक्ष, खुले स्थान और बिजली के तार और पोल पर ज्यादा केंद्रित होती है. इसके माध्यम से आकशीय बिजली जमीन में समा जाती है. यही बिजली जब किसी इंसान के ऊपर गिरती है, तो जान भी चली जाती है. इसलिए बारिश के वक्त लोगों को खुले आसमान के नीचे नहीं रहना चाहिए. यह अविष्कार में आईटीएम गीडा के चार छात्र साईं अंश, अंशिका, श्वेत यादव, प्रणव ठाकुर ने मिलकर किया. उन्होंने आकाशीय बिजली की समस्या के समाधान के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार बनाया है, जो आकाशीय बिजली के गिरने से पहले ही लोगों को सतर्क भी कर सकता हैं.

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छात्रों ने भगवान शिव और शेषनाग की धातु से बनी मूर्ति तैयार की है. (Photo Credit- ETV Bharat)

छात्रों ने बताया है कि मूर्ति में उन्होंने एक माइक सेंसर लगाया है, जो आवाज से एक्टिव हो जाता है. इसके बाद यह कई हजार वोल्ट का करंट उत्पन्न करने लगता है. ये करंट धातु से बने भगवान शिव और शेषनाग की मूर्ति के आस-पास उत्पन्न होता हैं. छात्र श्वेत यादव ने बताया धातु से बनी मूर्ति आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित करती है. इससे आस-पास के लोगों के बजाय बिजली धातु से बनी मूर्ति और उनके उपकरण की तरफ केंद्रित हो कर गिरेगी.

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आकाशीय बिजली के तड़कने पर कई हजार वोल्ट करंट उत्पन्न करती है मूर्ति (Photo Credit- ETV Bharat)

इसके साथ ही मौसम विभाग के वैज्ञानिक दूर से ही देश के गांवों मे इंटरनेट के माध्यम से किसानों और आम लोंगो को वज्रपात की जानकारी दें सकेंगे. इससे समय रहते लोग अकाशीय बिजली से अपनी सुरक्षा कर सकेंगे. छात्र साईं अंश ने बताया कि इसे बनाने आठ दिन का समय लगा. इसमें करीब 10 हजार रुपये खर्च हुए. इस प्रोजेक्ट में हाई वोल्टेज ट्रांसफार्मर, 3.7 वोल्ट बैटरी, चार्जर एलईडी लाइट, मेटल, पीतल धातु, स्विच आदि का इस्तेमाल किया गया है.

संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने कहा कि छात्रों ने कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में इस प्रोजेक्ट का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार किया है. यह वज्रपात से लोगो को सुरक्षा प्रदान कर सकता है. छात्रों के छोटे-छोटे आइडियाज़ से ही बहुत से समस्याओं का उचित समाधान हम कर सकते हैं. आज के छात्र इस तरह की वैज्ञानिक सोच रखते हैं. यह एक अच्छी पहल है.

उन्होंने बताया कि ऐसे कई शोध कॉलेज के छात्रों ने पूरे किये हैं, जो सामाजिक जीवन में लोगों को बड़ा लाभ पहुंचा रहे हैं. इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने छात्रों कि इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की.


ये भी पढ़ें- दारोगा ने रिश्वत में मांगे 5 किलो आलू, सब्जी व्यापारी 2 पर माना; ऑडियो हुआ वायरल तो नप गए - Kannauj Potatoes bribes

Last Updated : Aug 10, 2024, 8:05 PM IST
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