Shankar Lalwani Won 10 Lakh Votes Indore Seat: लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की चर्चित सीटों में से एक इंदौर लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने देश में जीत का एक नया रिकॉर्ड बनाया है. उन्होंने 10 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. इधर नोटा ने भी नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है. नोटा को भी 2 लाख से ज्यादा वोट मिले. बता दें कि यहां से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापिसी के आखिरी दिन नाम वापस ले लिया था.
जीत के बने दो नये रिकॉर्ड
लोकसभा चुनाव में इंदौर सीट ने देश में नया इतिहास रच दिया है. यहां से निवृतमान सांसद शंकर लालवानी को 12 लाख 26 हजार 751 वोट मिले. वहीं नोटा को 2 लाख 18 हजार 674 वोट मिले. यानि बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी 10 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते. इस बड़ी जीत के साथ देश में नोटा ने भी नया रिकॉर्ड बनाया है.
सबसे कम हुआ था इंदौर में मतदान
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 8 सीटों पर मतदान हुआ था. इन 8 सीटों में सबसे कम मतदान 60.53 प्रतिशत इंदौर में हुआ था. कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन वह नामांकन वापसी के आखिरी दिन नामांकन वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए थे तब उस स्थिति में कांग्रेस ने नोटा को अपना समर्थन दिया था. उनके अलावा 14 प्रत्याशियों में से बहुजन समाज पार्टी जनसंघ और कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा अन्य 9 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे.
2019 का तोड़ा अपना रिकॉर्ड
2019 के लोकसभा चुनाव में 5.47 लाख मतों से शंकर लालवानी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी ने 2019 के चुनाव में इस सीट पर 65 फीसदी वोट शेयर प्राप्त किया था. इस सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 1984 में चुनाव जीता था. इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी को उम्मीद थी कि जीत के अंतर के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे और हुआ भी ऐसा ही.
कांग्रेस प्रत्याशी ने बिगाड़ा खेल
इंदौर सीट पर बीते 40 सालों से भाजपा का कब्जा रहा है. ऐसे में यहां का चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होने के कारण औपचारिक और एक तरफा रह गया था. हालांकि कांग्रेस ने उम्मीदवार गंवाने के बाद यहां नोटा का जमकर प्रचार किया था. ऐसे में माना जा रहा था कि इंदौर लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस समर्थित वोट नोटा को मिलेगा और लोगों ने नोटा को वोट दिया.
पार्षद से सांसद बने थे शंकर लालवानी
शंकर लालवानी 1994 से 1999 तक इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे.पार्षद बनने के पहले वे भारतीय जनता पार्टी के वार्ड अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष भी रहे. इसके बाद 1999 से 2009 तक 10 साल इंदौर नगर निगम में सभापति के पद पर रहे. इसके बाद उन्होंने इंदौर नगर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का पद दो बार संभाला. 2013 में उन्हें इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया था. 2019 उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा का टिकट दिया था तब वे लगभग साढ़े पांच लाख ऐतिहासिक वोटों से जीते थे.
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बंपर जीत के बाद जश्न
इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न बनाया और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. इस दौरान बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता कार्यालय में इकठ्ठे हुए जमकर जश्न मनाया.