वाराणसी : विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद बनारस की सूरत ही बदल गई. बाबा के दरबार में प्रत्येक दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. हालांकि परेशानी बाबा के उन भक्तों को हो रही है, जो काशी के ही निवासी हैं और रोज ही दर्शन करने धाम पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण अब इसमें मुश्किल होने लगी है. क्योंकि दर्शन करने में ही तीन से 4 घंटे लग जाते हैं. अब काशी के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है. पीएम मोदी के आने से पहले विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद स्थानीय निवासियों के लिए मंदिर में अलग द्वार की व्यवस्था करने जा रहा है. जानिए क्या है परिषद की योजना.
रोजाना दर्शन करने वालों को हो रही थी परेशानी
विश्वनाथ धाम बनने के बाद मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन होता है. त्योहारों में इन श्रद्धालुओं की संख्या चार गुना बढ़ जाती है. बाहरी भक्तों के आवागमन से मंदिर परिसर में लंबी कतारें लगती हैं, जिस वजह से काशी में रहने वाले स्थानीय भक्त बाबा का दर्शन नहीं कर पाते. यही नहीं जो काशी की नेमी भक्त हैं, प्रतिदिन बाबा के दरबार में जाते थे, लंबी लाइनों के कारण या तो उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है या फिर उनके कामकाज पर असर पड़ता है. दिक़्क़तों की वजह से बड़ी संख्या में नेमी भक्तों ने काशी विश्वनाथ दरबार में जाना धीरे-धीरे बंद कर दिया था.
अब लंबी लाइनों से मिलेगा छुटकारा
ऐसे में उनकी श्रद्धा बनी रहे और उनकी परेशानियों को दूर किया जाए, इस पर ध्यान देते हुए मंदिर प्रशासन ने स्थानीय भक्तों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. इस बड़े फैसले के तहत अब एक स्थानीय द्वारा बनाया जाएगा जो सीधे गर्भ गृह तक रहेगा, जिसमें काशी के लोग जाकर के बाबा का दर्शन कर सकते हैं. मंदिर प्रशासन के फैसले से बाबा के भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई है. लोगों का कहना है कि एक लंबे वक्त से यह मांग चल रही थी कि हम स्थानीय लोगों के लिए एक रास्ता निर्धारित किया जाए, ताकि आईकार्ड दिखाकर के सहजता के साथ बाबा के दर्शन पूजन कर सकें. वह मांग अब पूरी होने को है. इससे न सिर्फ हम नेमी भक्तों के लिए सहायता हो जाएगी, बल्कि यहां के लोग भी बाबा से दूर नहीं होंगे.
इसी माह न्यास बैठक में लागू होगा फैसला
वहीं इस बारे में विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने चुनाव से पहले इस योजना को बना लिया था, लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद इस पर रोक लग गई. अब आचार संहिता खत्म हो गई है. मंदिर प्रशासन ने इसी महीने न्यास की बैठक कर इसे लागू करने का फैसला लिया है. जिसके बाद काशीवासी बिना लंबी लाइन में लगे सहजता के साथ बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर सकते हैं और अपनी दिनचर्या को भी पूरा कर सकते हैं.
उज्जैन के महाकाल मंदिर के तर्ज पर लागू होगी व्यवस्था
निश्चित रूप से पीएम मोदी के आगमन से पहले काशी वासियों के लिए यह फैसला किसी वरदान से काम नहीं है. क्योंकि अब बिना किसी लंबी कतार, दिक्कत के हर काशीवासी बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर सकेगा. गौरतलब है कि उज्जैन के महाकाल मंदिर में इसी तरीके की व्यवस्था लागू है, वहां स्थानीय लोगों के लिए एक द्वारा निर्धारित किया गया है, जहां लोग अपना स्थानीय आईकार्ड दिखा कर मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं.