सिवनी: आपको कहानी जरूर फिल्मी लगेगी, लेकिन यह सच है. 23 जुलाई को सिवनी जिले में अधिक बारिश होने के कारण कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए थे. जिसके चलते कई गांवों का शहर से सम्पर्क टूट गया था. ऐसा ही एक गांव जोराबाडी है, जो सिवनी तहसील में आता है. जोराबाड़ी गांव की गर्भवती महिला रवीना बंशीलाल उइके को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी, लेकिन अस्पतला पहुंचा संभव नहीं हो पाया तो जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने फोन से गाइड कर सुरक्षित प्रसव करवाया. महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
बाढ़ के चलते गर्भवती महिला को नहीं ले जाया जा सका अस्पताल
सिवनी जिले में हो रही अत्याधिक बारिश के चलते चारों तरफ बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. कई गांवों का मुख्य शहरों से संपर्क टूट गया है. जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक वक्या गांव जोराबाड़ी से सामने आया है. यहां पर गर्भवती महिला को प्रसव के लिए जिला अस्पताल ले जाना था, लेकिन बाढ़ जैसे हालत होने के कारण रास्ते बंद थे. ऐसे में परिवार ने आशा कार्यकर्ता को संपर्क किया, तो पता चला कि वह किसी अन्य महिला का प्रसव कराने के लिए अस्पताल लेकर आई है.
कलेक्टर ने डॉक्टर की टीम गांव के लिए की रवाना
इस आपातकालीन स्थिति में परिवार द्वारा आशा कार्यकर्ता के माध्यम से जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम को सूचना दी गई, कि ग्राम जोराबाड़ी में एक गर्भवती महिला का प्रसव होना है, जो हाईरिस्क है. इसके बाद डॉ. मनीषा सिरसाम व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ठाकुर ने कलेक्टर संस्कृति जैन को उक्त महिला की स्थिति से अवगत कराया गया. जिस पर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल चिकित्सकों के दल को जोरावाडी भेजने तथा महिला का सुरक्षित प्रसव कराने के निर्देश दिए.
नाला बाढ़ा होने के कारण गांव नहीं पहुंच सकी टीम
जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ. मनीषा सिरसाम के मार्गदर्शन में ग्राम जोराबाड़ी के लिए टीम रवाना हुई. जिसमें स्वयं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम, मेंटर कविता वाहने, नर्सिंग सुनीता यादव एवं आशा कार्यकर्ता कामता मरावी थी. नाले में बाढ होने के कारण जिला प्रशासन द्वारा एसडीआरएफ की टीम को भी चिकित्सकों के दल के साथ भेजा गया. टीम ग्राम के समीप पहुंच गई किंतु नाले में जलस्तर अधिक होने के कारण चिकित्सकों का दल नाला पार नहीं कर सका. ऐसी स्थिति में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने आशा के पति से फोन पर बात कर तत्काल ग्राम की प्रशिक्षित दाई से बात कराने की बात कही.
फोन से निर्देशित कर डॉक्टर ने कराया प्रसव
इसके बाद डॉ. मनीषा सिरसाम ने दाई को तत्काल गर्भवती महिला रवीना के घर जाकर दिए गए निर्देशानुसार महिला का सुरक्षित प्रसव कराने की बात कही. जिस पर दाई ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन के अनुरूप महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. प्रसव होने तक चिकित्सकों का दल नाले के पास रुका रहा और बाढ़ का पानी कम होने पर जच्चा बच्चा को एतिहातन 108 वाहन से जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती कराया गया. जहां मां और दोनों बच्चे स्वस्थ्य हैं.